देहरादूनः सामाजिक कार्यकर्ता सोनिया आनंद रावत ने सीएमओ ऑफिस पहुंचकर जमकर हंगामा किया, जिससे माहौल गरमा गया. सोनिया आनंद का आरोप था कि एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से पैर दर्द से पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई. उन्होंने अस्पताल संचालक और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. साथ ही अस्पताल को सील करने की मांग उठाई.
सामाजिक कार्यकर्ता सोनिया आनंद रावत (Social worker Sonia Anand) ने बताया कि बीती 3 नवंबर को देहरादून के माजरा स्थित एक निजी अस्पताल में पैर दर्द से पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई थी. जिसके बाद मरीज के परिजनों समेत अन्य लोगों ने जोरदार हंगामा किया था. सोनिया का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने की वजह से मरीज की जान गई.
उन्होंने बताया कि 4 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया था, लेकिन अस्पताल को दोबारा खोल दिया. ऐसे में अस्पताल दोबारा से खोले जाने पर आज सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमकर हंगामा किया. सोनिया आनंद ने कहा कि मामले में जब जांच जारी है तो अस्पताल को किसकी अनुमति से खोला गया. लिहाजा, पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की जाए.
ये भी पढ़ेंः सोनिया आनंद ने लगाए देहरादून मेयर पर गंभीर आरोप, दफ्तर में सुनाई खूब खरी-खोटी
वहीं, देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज उप्रेती (Dehradun CMO Manoj Upreti) का कहना है कि कुछ दिनों पहले इस अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई थी. इसकी शिकायत कुछ लोगों ने की थी. मरीज की मौत के बाद माहौल गरमाने से अस्पताल को सील करना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी जांच पूरी होने तक अस्पताल को बंद करा दिया था.
उन्होंने बताया कि टीम ने जांच के साथ ही कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए थे. जांच की कार्रवाई तक अस्पताल को बंद रखा गया था. ऐसे में किसी अस्पताल को लंबे समय तक बंद नहीं कराया जा सकता है. अगर जांच में कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे आगे की कार्रवाई के लिए प्रशासन को भेज दिया जाता है.