मसूरी: 11 सितम्बर 1893 को अमेरिका के शिकागो से स्वामी विवेकानन्द ने दुनिया को एक खास संदेश दिया था. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया. हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं. भारत में सर्व धर्म हिताय उस वक्त भी था और कोरोना संकट के दौर में आज भी है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मसूरी के युवा सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश नौटियाल ने.
सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश नौटियाल ने मुस्लिम समुदाय के 50 से अधिक गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित कर आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया. इस मौके पर एसआई सूरज कंडारी की निगरानी में जरूरतमंदों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों के तहत राशन दिलवाया गया. उन्होंने सभी लोगों को देश की अखंडता को बरकरार रखने के लिए आपस में प्रेम भाव से रहने की अपील भी की.
अंकुश नौटियाल ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर पिछले कुछ दिन से कुछ लोगों द्वारा देश का माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी, परंतु देश में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के साथ अन्य समुदायों के लोगों ने आपसी सौहार्द बनाते हुए देश की एकता को कायम रखा है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ने के लिए सभी लोगों को एकजुट होकर काम करना होगा और किसी जाति धर्म को न देखकर मानवता को देखना चाहिए.
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इस मौके पर मौलाना वसीम और सैयद मंसूर ने कहा कि रमजान के पाक महीने में सभी लोग जरूरतमंद और गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं. ऐसे में सभी मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के महीने में देश को कोरोना वायरस से मुक्त करने के लिए दुआ मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि सब चाहते हैं कि जल्द कोरोना वायरस का संक्रमण देश से खत्म हो और सभी लोग पूर्व की तरह खुली हवा में सांस ले सकें.