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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टः पलटन बाजार का कायाकल्प दिसंबर से, इलेक्ट्रिक बसों पर फंसा पेच

देहरादून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही शहर का कालाकल्प होने वाला है. सबसे पहले परेड मैदान को नया स्वरुप दिया जाएगा.

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Published : Nov 30, 2019, 1:29 PM IST

smart city work
पलटन बाजार का कायाकल्प दिसंबर महीने से

देहरादून: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही देहरादून शहर का कायाकल्प होने वाला है. इस परियोजना के तहत अब तक लगभग 100 फीसदी टेंडरिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है. जबकि 90 फीसदी कार्यों के लिए वर्क आर्डर जारी हो चुका है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पूरे शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 27 पायलट प्रोजेक्ट अगले ढाई से तीन साल के अंदर पूरा करने की योजना है. स्मार्ट सिटी के तहत सबसे पहला कार्य परेड मैदान का शुरू हो चुका है जो जल्द ही आने वाले दिनों में एक नए स्वरूप में सामने आएगा.

सबसे पहले पलटन बाजार का होगा कायाकल्प
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ब्रिटिश काल के दौर में स्थापित पलटन बाजार का सौंदर्यीकरण दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा. घंटाघर से लेकर कोतवाली तक 476 मीटर की दूरी तक सभी दुकानों को हाईटेक रूप दिया जाएगा. सभी दुकानों व शोरूम के अगले हिस्से का मुखड़ा एक जैसा बनाया जाएगा. घंटाघर को गेरूआ रंग दिया जाएगा.

वहीं, रोड के दोनों हिस्सों पर एक ऐसा स्मार्ट गोल्फ कार्ड फुटपाथ होगा, जिसमें बुजुर्गों से लेकर दिव्यांग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं के आने-जाने की अतिरिक्त व्यवस्था होगी. बाजार में पूरी तरह से छोटे-बड़े वाहन प्रतिबंधित रहेंगे. पलटन बाजार के कायाकल्प के लिए 13 करोड़ 81 लाख 52 हजार रुपए का बजट जारी किया गया है.

देहरादून जल्द बनेगी स्मार्ट सिटी.

पढ़ेंः 'सदैव दून' से दून बनेगा और भी स्मार्ट, जानिए इसके फायदे

स्मार्ट सिटी योजना के तहत पूरे शहर में हाईटेक 30 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होंगी. जिसमें से 28 बसें अलग -अलग चार प्रमुख रूटों में संचालित की जाएंगी. जबकि 2 बसें किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए अतिरिक्त सेवा के लिए तैयार रहेंगी. देहरादून शहर के अलग-अलग हिस्सों में आने-जाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों की कुल दूरी 218 किलोमीटर तय की गई है.


इन चार मार्गों पर होगा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन

  • जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से आईएसबीटी- रेलवे स्टेशन और घंटाघर तक (सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक)
  • आईएसबीटी- रेलवे स्टेशन- घंटाघर- राजपुर रोड से जाखन तक (सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)
  • आईएसबीटी-रेलवे स्टेशन-आईटी पार्क से सहसधारा रोड तक (सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)
  • सुद्धोवाला-प्रेम नगर-आईएमए-घंटाघर से रायपुर तक (सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)

पढ़ेंः स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट: जाम से मिलेगा छुटकारा, दून की ये मुख्य सड़क होगी चौड़ी

हाईटेक बसों के संचालन में असमंजस
स्मार्ट सिटी योजना के तहत देहरादून शहर में दो बार की पीपीपी मोड टेंडरिंग प्रक्रिया में एक से दो कंपनी को छोड़कर अन्य कंपनियों ने अभी तक दिलचस्पी नहीं दिखाई है. जिसके चलते अभी तक टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. स्मार्ट सिटी परियोजना के आला अधिकारियों के मुताबिक ढाई करोड़ से अधिक कीमत की एक हाईटेक बस के संचालन को लेकर कंपनियां असमंजस की स्थिति में हैं कि कैसे और किस कीमत पर इनका संचालन किया जाए, ताकि सरकार और कंपनी को तगड़ा राजस्व प्राप्त हो सके.

देहरादून: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही देहरादून शहर का कायाकल्प होने वाला है. इस परियोजना के तहत अब तक लगभग 100 फीसदी टेंडरिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है. जबकि 90 फीसदी कार्यों के लिए वर्क आर्डर जारी हो चुका है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पूरे शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 27 पायलट प्रोजेक्ट अगले ढाई से तीन साल के अंदर पूरा करने की योजना है. स्मार्ट सिटी के तहत सबसे पहला कार्य परेड मैदान का शुरू हो चुका है जो जल्द ही आने वाले दिनों में एक नए स्वरूप में सामने आएगा.

सबसे पहले पलटन बाजार का होगा कायाकल्प
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ब्रिटिश काल के दौर में स्थापित पलटन बाजार का सौंदर्यीकरण दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा. घंटाघर से लेकर कोतवाली तक 476 मीटर की दूरी तक सभी दुकानों को हाईटेक रूप दिया जाएगा. सभी दुकानों व शोरूम के अगले हिस्से का मुखड़ा एक जैसा बनाया जाएगा. घंटाघर को गेरूआ रंग दिया जाएगा.

वहीं, रोड के दोनों हिस्सों पर एक ऐसा स्मार्ट गोल्फ कार्ड फुटपाथ होगा, जिसमें बुजुर्गों से लेकर दिव्यांग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं के आने-जाने की अतिरिक्त व्यवस्था होगी. बाजार में पूरी तरह से छोटे-बड़े वाहन प्रतिबंधित रहेंगे. पलटन बाजार के कायाकल्प के लिए 13 करोड़ 81 लाख 52 हजार रुपए का बजट जारी किया गया है.

देहरादून जल्द बनेगी स्मार्ट सिटी.

पढ़ेंः 'सदैव दून' से दून बनेगा और भी स्मार्ट, जानिए इसके फायदे

स्मार्ट सिटी योजना के तहत पूरे शहर में हाईटेक 30 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होंगी. जिसमें से 28 बसें अलग -अलग चार प्रमुख रूटों में संचालित की जाएंगी. जबकि 2 बसें किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए अतिरिक्त सेवा के लिए तैयार रहेंगी. देहरादून शहर के अलग-अलग हिस्सों में आने-जाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों की कुल दूरी 218 किलोमीटर तय की गई है.


इन चार मार्गों पर होगा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन

  • जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से आईएसबीटी- रेलवे स्टेशन और घंटाघर तक (सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक)
  • आईएसबीटी- रेलवे स्टेशन- घंटाघर- राजपुर रोड से जाखन तक (सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)
  • आईएसबीटी-रेलवे स्टेशन-आईटी पार्क से सहसधारा रोड तक (सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)
  • सुद्धोवाला-प्रेम नगर-आईएमए-घंटाघर से रायपुर तक (सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)

पढ़ेंः स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट: जाम से मिलेगा छुटकारा, दून की ये मुख्य सड़क होगी चौड़ी

हाईटेक बसों के संचालन में असमंजस
स्मार्ट सिटी योजना के तहत देहरादून शहर में दो बार की पीपीपी मोड टेंडरिंग प्रक्रिया में एक से दो कंपनी को छोड़कर अन्य कंपनियों ने अभी तक दिलचस्पी नहीं दिखाई है. जिसके चलते अभी तक टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. स्मार्ट सिटी परियोजना के आला अधिकारियों के मुताबिक ढाई करोड़ से अधिक कीमत की एक हाईटेक बस के संचालन को लेकर कंपनियां असमंजस की स्थिति में हैं कि कैसे और किस कीमत पर इनका संचालन किया जाए, ताकि सरकार और कंपनी को तगड़ा राजस्व प्राप्त हो सके.

Intro:summary-स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट: ब्रिटिश काल के पल्टन बाजार की कायाकल्प दिसम्बर के दूसरे सप्ताह से,30 हाईटेक इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा में फसा पेच.


स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही देहरादून शहर की सूरत कायाकल्प के रूप में बदलने जा रही है। इस परियोजना के तहत अब तक लगभग 100% टेंडरिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि 90 फ़ीसदी कार्यों के लिए वर्क आर्डर जारी हो चुका है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पूरे शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुल 27 पायलट प्रोजेक्ट अगले ढाई से तीन साल के तय सीमा तक पूरा करने की योजना है। स्मार्ट सिटी के तहत सबसे पहले कार्य परेड मैदान का शुरू हो चुका है जो जल्द ही आने वाले दिनों में एक नए स्वरूप में सामने आएगा।

ब्रिटिश काल के पलटन बाजार की सबसे पहले होगी कायाकल्प

इस योजना के तहत सबसे पहले ब्रिटिश काल के दौरान स्थापित पलटन बाजार का सौंदर्यकरण दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगा। घंटाघर से लेकर कोतवाली तक 476 मीटर की दूरी तक सभी दुकानों को हाईटेक स्वरूप में बदला जाएगा... सभी दुकानों व शोरूम के अगले हिस्से का मुखड़ा एक जैसा नजर आने के लिए ....घंटाघर के गेरूआ रंग के रूप में तब्दील होकर सबके सामने जल्द नजर आएगा... रोड के दोनों हिस्सों पर एक ऐसा स्मार्ट गोल्फ कार्ड फुटपाथ होगा जिसमें बुजुर्गों से लेकर विकलांग,बच्चों गर्भवती महिलाओं के लिए आने जाने की अतिरिक्त व्यवस्था होगी। बाजार में पूरी तरह से छोटे-बड़े वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। पलटन बाजार की कायाकल्प करने के लिए 13 करोड़ 81 लाख 52 हजार रुपए का बजट जारी किया गया है जिसके तहत 1 साल के अंतराल में रात के समय हाईटेक सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा किया जाएगा।

बाईट- सूर्या कोटनाला, सहायक महाप्रबंधक, अधिप्राप्ति व अनुबंध प्रबंधन





Body:वही स्मार्ट सिटी योजना के तहत पूरे शहर में हाईटेक 30 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होंगी जिसमें से 28 बसें अलग -अलग 4 प्रमुख रूटों में संचालित की जाएंगी जबकि 2 बसें किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए अतिरिक्त सेवा के लिए तैयार रहेंगी। देहरादून शहर के अलग-अलग हिस्सों की जाने वाली इलेक्ट्रिक बसें की कुल आने जाने की दूरी 218 किलोमीटर तय की गई है इलेक्ट्रिक बसों में विकलांग दिव्यांग बुजुर्गों के आरामदायक सुविधा को देखते हुए स्मार्ट व्यवस्था की गई है। यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के साथ यह जीपीएस से लैस इलेक्ट्रिक हाईटेक बसें अपने फिक्स टाइम पर चलेंगी।

बाईट- सूर्या कोटनाला, सहायक महाप्रबंधक, अधिप्राप्ति व अनुबंध प्रबंधन


इन चार मार्गो पर होगा इलेक्ट्रिक बसों का संचालन

1- जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से आईएसबीटी रेलवे स्टेशन घंटाघर तक
(सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक)
2- आईएसबीटी रेलवे स्टेशन घंटाघर राजपुर रोड जाखन तक
(सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)
3- आईएसबीटी रेलवे स्टेशन आईटी पार्क सहसधारा रोड तक
(सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)
4- सुद्धोवाला प्रेम नगर आईएमए घंटाघर रायपुर तक।
(सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक)


इलेक्ट्रिक हाईटेक बसों के संचालन में पीपीटी मोड कंपनीयां असमंजस

स्मार्ट सिटी योजना के तहत देहरादून शहर में पीपीपी मोड के तहत संचालित होने वाली इलेक्ट्रिक बसों को लेकर टेंडरिंग असफल होने बड़ा पेच सामने आया है। दो बार पीपीटी मोड टेंडरिंग प्रक्रिया में एक से दो कंपनी को छोड़कर अन्य कंपनियों ने अब तक दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जिसके चलते अभी तक टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। स्मार्ट सिटी आला अधिकारी के मुताबिक ढाई करोड़ से अधिक कीमत की एक हाईटेक बस के संचालन को लेकर कंपनियां असमंजस की स्थिति में है कि कैसे और किस कीमत पर इनका संचालन किया जाए ताकि सरकार और कंपनी को मुनाफे का राजस्व प्राप्त हो सके।

बाईट- सूर्या कोटनाला, सहायक महाप्रबंधक, अधिप्राप्ति व अनुबंध प्रबंधन



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