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छात्रवृत्ति घोटाला: SIT जांच में रुकावट बना आयोग, संयुक्त निदेशक के खिलाफ कार्रवाई पर लगी रोक

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को विवेचना के दौरान पता चला कि संयुक्त निदेशक ने अपने परिजनों की आड़ में छात्रवृत्ति घोटाले की बंदरबांट की. मामले के उजगार होने बाद सभी के खिलाफ एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया था.

छात्रवृत्ति घोटाला मामला
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Published : Jul 3, 2019, 9:08 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सामने रोज नई-नई मुश्किलें आ रही हैं. ऐसे में अब अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने एसआईटी को समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक के खिलाफ चल रही जांच पर एक हफ्ते के लिए रोक लगाने को कहा है. आरोपी संयुक्त निदेशक ने इस मामले में आयोग से शिकायत करते हुए एसआईटी के अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है.

छात्रवृत्ति घोटाला मामला

पढ़ें- उत्तराखंड: कामचोर अधिकारियों पर गिरेगी गाज, सभी विभागों से मांगी गई परफॉर्मेंस रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि हरिद्वार एसआईटी टीम के सर्किल ऑफिसर आयुष अग्रवाल जांच के नाम पर उन्हें परेशान कर रहे है. इसके अलावा उनका आरोप था कि एसआईटी उन्हें जबरन गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है.

जिसके बाद आयोग में शासन सहित उत्तराखंड डीजीपी व हरिद्वार एसएसपी को पत्र लिखकर संयुक्त निदेशक के खिलाफ चल रही जांच को एक सप्ताह तक रोकने का आदेश दिया है. साथ ही आयोग ने इस मामले से जुड़ी सभी जानकारियां और साक्ष्य सबूतों के साथ एक सप्ताह के अंदर आयोग के सामने पेश करने के लिए कहा है.

पढ़ें- तीन मौतों के बाद टूटी प्रशासन की नींद, आसपास के इलाकों का किया निरीक्षण

बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को विवेचना के दौरान पता चला कि संयुक्त निदेशक ने अपने परिजनों की आड़ में छात्रवृत्ति घोटाले की बंदरबांट की. मामले के उजगार होने बाद सभी के खिलाफ एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि फिलहाल उन्हें आयोग से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है. जांच किसी भी रूप में प्रभावित नहीं की जा सकती. डीजी अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शासन और हाई कोर्ट के आदेश पर चल रही है. ऐसे में इस घोटाले के दायरे में आने वाला कोई भी शख्स एसआईटी की पड़ताल में बच नहीं सकेगा. जांच विवेचना निष्पक्ष और कानून के दायरे में हो रही है. ऐसे में आरोपी चाहे जितना भी बचने का प्रयास करें, लेकिन उसे किसी भी हाल में बख्श नहीं जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सामने रोज नई-नई मुश्किलें आ रही हैं. ऐसे में अब अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने एसआईटी को समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक के खिलाफ चल रही जांच पर एक हफ्ते के लिए रोक लगाने को कहा है. आरोपी संयुक्त निदेशक ने इस मामले में आयोग से शिकायत करते हुए एसआईटी के अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है.

छात्रवृत्ति घोटाला मामला

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जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि हरिद्वार एसआईटी टीम के सर्किल ऑफिसर आयुष अग्रवाल जांच के नाम पर उन्हें परेशान कर रहे है. इसके अलावा उनका आरोप था कि एसआईटी उन्हें जबरन गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है.

जिसके बाद आयोग में शासन सहित उत्तराखंड डीजीपी व हरिद्वार एसएसपी को पत्र लिखकर संयुक्त निदेशक के खिलाफ चल रही जांच को एक सप्ताह तक रोकने का आदेश दिया है. साथ ही आयोग ने इस मामले से जुड़ी सभी जानकारियां और साक्ष्य सबूतों के साथ एक सप्ताह के अंदर आयोग के सामने पेश करने के लिए कहा है.

पढ़ें- तीन मौतों के बाद टूटी प्रशासन की नींद, आसपास के इलाकों का किया निरीक्षण

बता दें कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को विवेचना के दौरान पता चला कि संयुक्त निदेशक ने अपने परिजनों की आड़ में छात्रवृत्ति घोटाले की बंदरबांट की. मामले के उजगार होने बाद सभी के खिलाफ एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया था.

इस मामले में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि फिलहाल उन्हें आयोग से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है. जांच किसी भी रूप में प्रभावित नहीं की जा सकती. डीजी अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शासन और हाई कोर्ट के आदेश पर चल रही है. ऐसे में इस घोटाले के दायरे में आने वाला कोई भी शख्स एसआईटी की पड़ताल में बच नहीं सकेगा. जांच विवेचना निष्पक्ष और कानून के दायरे में हो रही है. ऐसे में आरोपी चाहे जितना भी बचने का प्रयास करें, लेकिन उसे किसी भी हाल में बख्श नहीं जाएगा.

Intro:summary_ छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के सयुक्त निदेशक के खिलाफ जांच में आयी रुकावट, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में एसआईटी को 1 हफ्ते तक जांच कार्रवाई रोकने को कहा, आरोपी निदेशक द्वारा आयोग को दी गई थी शिकायत, एसआईटी अधिकारियों पर परेशान करने का आरोप ..

देहरादून उत्तराखंड के चर्चित करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग से आरोपी बनाए गए संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ एसआईटी की जांच में एकएक रुकावट आ गई है, जानकारी के मुताबिक आरोपी नौटियाल द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कर कहा गया था कि उनको लगातार हरिद्वार एसआईटी टीम के सर्कल ऑफिसर द्वारा जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है। शिकायत पत्र पर गौर करते हुए जनजाति आयोग में शासन सहित उत्तराखंड डीजीपी व हरिद्वार एसएसपी को पत्र लिखकर जांच कर रही एसआईटी टीम को संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ जांच कार्रवाई को एक सप्ताह के लिए रोकने का फरमान जारी किया है।
इतना ही नहीं इस मामले में आयोग ने जांच पड़ताल से जुड़ी सभी जानकारियां और साक्ष्य,- सबूतों को इसी एक सप्ताह के अंदर आयोग के सम्मुख पेश करने के भी आदेश दिये हैं।
उधर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के इस आदेश उपरांत छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी बनाए गए समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ जांच कार्रवाई फिलहाल आधार पर लटक गई है।


Body:जानकारी के मुताबिक हरिद्वार व देहरादून जिले में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी बनाए गए समाज कल्याण निदेशक गीताराम नौटियाल द्वारा अनुसूचित जाति आयोग को पत्र द्वारा अवगत कराते हुए कहा गया था कि उनको इस जांच में एसआईटी टीम के हरिद्वार सर्किल पुलिस अधिकारी आयुष अग्रवाल उन्हें जांच के नाम पर लगातार परेशान किया जा रहा हैं साथ ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर भी लगातार जबरन प्रयास किया जा रहा है। उधर आयोग ने आरोपी संयुक्त निदेशक के गुहार का संज्ञान लेते गीताराम नौटियाल के खिलाफ जांच कार्रवाई को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम को विवेचना के दौरान पता चला कि समाज कल्याण संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने अपने परिजनों की आड़ में छात्रवृत्ति घोटाले की बंदरबांट की...मामलें के उजगार होने बाद सभी के खिलाफ एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया गया।


Conclusion:छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएंगे:डीजी

उधर करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी बनाए गए समाज कल्याण संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल के खिलाफ जांच विवेचना में अनुसूचित जाति आयोग द्वारा रुकावट आने मामले को लेकर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि फिलहाल आयोग कोई ऐसा पत्र उन्हें नहीं मिला है लेकिन जांच किसी भी रूप में प्रभावित नहीं की जा सकती। डीजी अशोक कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच शासन और हाईकोर्ट के आदेश पर प्रचलित है ऐसे में इस घोटाले के दायरे में आने वाला कोई भी शख्स एसआईटी की पड़ताल में बच नहीं सकेगा। जांच विवेचना निष्पक्ष और कानून के दायरे में हो रही है ऐसे में आरोपी चाहे जितना भी बचने का प्रयास करें, लेकिन उसे हर हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था


छात्रवृत्ति घोटाले की जांच विवेचना निष्पक्ष व साक्ष्य सबूतों के आधार पर प्रचलित है: डीजी

अपराध को कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक छात्रवृत्ति घोटाले में संबंधित विभाग के मिलीभगत से निजी शिक्षण संस्थानों ने गरीब व अनुसूचित जाती व जनजाति छात्र-छात्राओं के फर्जी एडमिशन देखा कर करोड़ों के सरकारी धन को बंदरबांट कर हड़पने का कार्य किया गया है, ऐसे में इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट के आदेश अनुसार पूर्ण रूप से निष्पक्ष स्पेशल एसआईटी टीम द्वारा हर तरह के साक्ष्य को सबूतों को जुटाकर गहराई से की जा रही है। डीजे ने कहा कि घोटाले से जुड़े सबूतों को एकत्र करने में काफी समय लग रहा है लेकिन उसके बावजूद इस घोटाले के आरोपी किसी तरह से भी बच नहीं सकेंगे।

बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था



pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628


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