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छात्रवृत्ति घोटाला: SIT के रडार पर देहरादून के 9 शिक्षण संस्थान, जल्द होगी बड़ी कार्रवाई

एसआईटी को देहरादून के 9 संस्थाओं के खिलाफ कई अहम सबूत मिले हैं. उन्हीं को आधार बनाकर एसआईटी इन संस्थानों के ऊपर कार्रवाई करने जा रही है.

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Published : Apr 26, 2019, 9:10 PM IST

Updated : Apr 26, 2019, 10:09 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में जैसे-जैसे एसआईटी की जांच आगे बढ़ती जा रही है वैसे ही आरोपियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. एसआईटी जल्द ही देहरादून के 9 शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई कर सकती है, जहां फर्जी तरीखे के छात्र-छात्राओं का एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग को करोड़ों रुपए का चुना लगाया गया है.

छात्रवृत्ति घोटाला

देहरादून के 9 संस्थान एसआईटी की रडार पर

एसआईटी को देहरादून के 9 संस्थाओं के खिलाफ कई अहम सबूत मिले हैं. उन्हीं को आधार बनाकर एसआईटी इन संस्थानों के ऊपर कार्रवाई करने जा रही है. इस मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी के मुताबिक एसआईटी राडर पर देहरादून के 9 संस्थान हैं. इन संस्थानों में करीब 25 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है. हालांकि आगे की विवेचना में यह रकम और बढ़ने की उम्मीद है.

एक महीन के अंदर हो सकती है कार्रवाई
इससे पहले छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी हरिद्वार के तीन निजी संस्थानों के संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है, एक महीन के अंदर एसआईटी देहरादून के इन 9 शिक्षक संस्थानों पर भी शिकंजा कस सकती है.

कई सफेदपोश राजनेता भी शामिल
तत्कालीन हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में हुए इस घोटले में कई कॉलेज ऐसे भी हैं, जिनका संबंध राजनेताओं से है. हालांकि एसआईटी अभी ऐसे संस्थानों पर हाथ डालने से बच रही है. लेकिन यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है तो कई सफेदपोश नेता भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

समाज कल्यान विभाग के अधिकारी भी शामिल
इस घोटले में एसआईटी को कई ऐसे साक्ष्य भी मिले है. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर छात्रवृत्ति का पैसे छात्र-छात्राओं के बैंक अकाउंट के बजाय सीधे निजी कॉलेजों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया. नियम के मुताबिक छात्रवृत्ति का पैसा सीधा छात्रों को बैंक खाता में जाना चाहिए था. इसके अवाला एसआईटी की जांच-पड़ताल में सामने आया है कि एक ही मोबाइल नंबर और एक ही आईडी पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं को फर्जी तरीखे से एडमिशन दिया गया है.

ईटीवी भारत को इस घोटाले से जुड़ी एक अहम जानकारी भी मिली है. जांच कर रही टीम को पता चला है कि डोइवाला में स्थित एक शिक्षण संस्थान ने छात्रवृत्ति की रकम बैंक से निकालने की कोशिश की थी. लेकिन बैंक मैनेजर ने शक के आधार पर रुपयों को निकालने नहीं दिया था. इससे शिक्षण संस्थान के संचालक ने वो रकम हिमाचल के एक बैंक निकाली थी.

डीजी लॉ एंड आर्डर का बयान
इस मालमे में डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि एसआईटी की जांच निष्पक्ष तौर पर चल रही थी. इसकी जांच में समय लग रहा है. इस मामले में हरिद्वार और देहरादून के कई नामी शिक्षण जांच के घेरे में है. जो भी अधिकारी और शिक्षण संस्थान इस घोटाले में दोषी पाया जाएंगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में जैसे-जैसे एसआईटी की जांच आगे बढ़ती जा रही है वैसे ही आरोपियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. एसआईटी जल्द ही देहरादून के 9 शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई कर सकती है, जहां फर्जी तरीखे के छात्र-छात्राओं का एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग को करोड़ों रुपए का चुना लगाया गया है.

छात्रवृत्ति घोटाला

देहरादून के 9 संस्थान एसआईटी की रडार पर

एसआईटी को देहरादून के 9 संस्थाओं के खिलाफ कई अहम सबूत मिले हैं. उन्हीं को आधार बनाकर एसआईटी इन संस्थानों के ऊपर कार्रवाई करने जा रही है. इस मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी के मुताबिक एसआईटी राडर पर देहरादून के 9 संस्थान हैं. इन संस्थानों में करीब 25 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है. हालांकि आगे की विवेचना में यह रकम और बढ़ने की उम्मीद है.

एक महीन के अंदर हो सकती है कार्रवाई
इससे पहले छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी हरिद्वार के तीन निजी संस्थानों के संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है, एक महीन के अंदर एसआईटी देहरादून के इन 9 शिक्षक संस्थानों पर भी शिकंजा कस सकती है.

कई सफेदपोश राजनेता भी शामिल
तत्कालीन हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में हुए इस घोटले में कई कॉलेज ऐसे भी हैं, जिनका संबंध राजनेताओं से है. हालांकि एसआईटी अभी ऐसे संस्थानों पर हाथ डालने से बच रही है. लेकिन यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है तो कई सफेदपोश नेता भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

समाज कल्यान विभाग के अधिकारी भी शामिल
इस घोटले में एसआईटी को कई ऐसे साक्ष्य भी मिले है. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर छात्रवृत्ति का पैसे छात्र-छात्राओं के बैंक अकाउंट के बजाय सीधे निजी कॉलेजों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया. नियम के मुताबिक छात्रवृत्ति का पैसा सीधा छात्रों को बैंक खाता में जाना चाहिए था. इसके अवाला एसआईटी की जांच-पड़ताल में सामने आया है कि एक ही मोबाइल नंबर और एक ही आईडी पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं को फर्जी तरीखे से एडमिशन दिया गया है.

ईटीवी भारत को इस घोटाले से जुड़ी एक अहम जानकारी भी मिली है. जांच कर रही टीम को पता चला है कि डोइवाला में स्थित एक शिक्षण संस्थान ने छात्रवृत्ति की रकम बैंक से निकालने की कोशिश की थी. लेकिन बैंक मैनेजर ने शक के आधार पर रुपयों को निकालने नहीं दिया था. इससे शिक्षण संस्थान के संचालक ने वो रकम हिमाचल के एक बैंक निकाली थी.

डीजी लॉ एंड आर्डर का बयान
इस मालमे में डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि एसआईटी की जांच निष्पक्ष तौर पर चल रही थी. इसकी जांच में समय लग रहा है. इस मामले में हरिद्वार और देहरादून के कई नामी शिक्षण जांच के घेरे में है. जो भी अधिकारी और शिक्षण संस्थान इस घोटाले में दोषी पाया जाएंगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:देहरादून: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में करोडों रुपये के चर्चित घोटालें मामलें पर जांच पड़ताल के घेरे में आये देहरादून स्थित 9 शिक्षण संस्थानों पर जल्द ही कानूनी शिकंजा कस सकता हैं। फर्जी तरीके से छात्र-छात्राओं के एडमिशन दिखा कर किये गए इस घोटालें को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई में जुटी विशेष एसआईटी टीम के जांच रडार में देहरादून के नामी-गरामी शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। इन सभी आरोपित संस्थान के ख़िलाफ़ जांच टीम को घोटालें से जुड़े कई अहम साक्ष्य सबूत हाथ लगे हैं, ऐसे में सभी तथ्यों की कड़ी जुटाकर विवेचना को मजबूत किया जा रहा हैं। इस मामले में जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक अब तक जांच के घेरे में आये देहरादून स्थित निजी संस्थानों द्वारा 25 करोड़ से ज्यादा की रकम फर्जीवाड़ा कर हड़पने के साक्ष्य विवेचना सामने आए हैं, हालांकि आगे की जांच विवेचना में यह रकम और ज्यादा बढ़ भी सकती है

एक महीने के अंदर देहरादून के घोटाले में संलिप्त संस्थानों पर कर सकता है शिकंजा

इससे पहले छात्रवृत्ति के नाम पर हुए करोड़ों के इस हेरा फेरी में हरिद्वार ज़िले में स्थित तीन अलग अलग निजी संस्थानों के संचालको को एसआईटी टीम शुरुवाती जाँच पूरी कर जेल भेज चुकी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी अब देहरादून के लगभग 9 निजी शिक्षण संस्थानों के प्रारंभिक जांच विवेचना पूरी होते हैं इनके संचालकों को सरकार को करोड़ों के चुना लगाने के आरोप में अगले एक महीने के अंदर सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है।



Body:राजनेताओं के संस्थान भी जांच की रडार पर!!

उत्तराखंड में पूर्व में रहे हरीश रावत की कांग्रेस सरकार में हुए इस करोडों के छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ सफेदपोश नेताओं के संस्थान भी जांच के घेरे में चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भले ही जांच टीम अभी राजनेताओं की शिक्षण संस्थानों पर सीधे तौर पर हाथ डालने से बच रही है लेकिन यह भी संभावना जताई जा रही है कि अगर यह करो का छात्रवृत्ति घोटाले में अगर निष्पक्ष जांच होती है तो सफेदपोश नेताओं के ऊपर भी कानूनी शिकंजा कर सकता है।

नियमों को ताक पर रख समाज कल्याण विभाग ने निजी संस्थानों के बैंक खाते में सीधे रुपए ट्रांसफर किए

समाज कल्याण विभाग अधिकारियों की मिलीभगत से देहरादून व हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी दस्तावेज दिखाकर अपने कॉलेज में छात्र-छात्राओं के जाली ऐडमिशन दिखाकर करोड़ों रुपए हड़पने मामले में एसआईटी जांच टीम को कई तरह के चौकाने वाले सबूत मिल रहे हैं जानकारी के मुताबिक जहां नियम कायदे के अनुसार छात्रवृत्ति का पैसा छात्र-छात्राओं के बैंक अकाउंट में आता है वही इस घोटाले में ऐसे साक्ष्य सामने आ रहे हैं जहां समाज कल्याण विभाग द्वारा सभी नियम कायदों को ताक पर रख करोड़ की रकम सीधे निजी कॉलेजों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है उधर कॉलेज संचालकों ने भी फर्जी तरीके से एक ही मोबाइल और एक ही आईडी से सैकड़ों छात्र-छात्राओं के फर्जी एडमिशन दस्तावेज दिखाकर एक ही बार में अलग-अलग समय पर ट्रांसफर होने वाली करोड़ो रकम को निकाल कर फर्जीवाड़े का खेल खेला है।

घोटाले की रकम हिमाचल के एक बैंक से भी निकाली की गई

करोड़ों के इस छात्रवृत्ति घोटाले में ईटीवी भारत को मिली विशेष जानकारी के मुताबिक जांच कर रही टीम के सामने यह भी जानकारी सामने आयी की, डोईवाला स्थित एक आरोपित शिक्षण संस्थान संचालक द्वारा जब बैंक से छात्रवृत्ति की घोटालें की रकम निकालने का प्रयास किया गया तो बैंक मैनेजर द्वारा शक के आधार पर जब रुपयों को निकालने नहीं दिया गया तो शिक्षण संस्थान में हिमाचल प्रदेश में जाकर उसी नाम के बैंक से घोटाले की रकम को निकाल लिया।




Conclusion:घोटाले से जुड़े संस्थानों को बचने का मौका, सजा दिलाने के आख़री पड़ाव तक SIT काम करेंगी-डीजी

उधर छात्रवृत्ति घोटाले मामले पर कुछ समय से जांच कार्यवाही में गति धीमी होने संबंध में जानकारी देते हुए उत्तराखंड में अपराध कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार का साफ तौर पर कहना है कि एसआईटी टीम द्वारा जांच निष्पक्ष रूप से चल रही है इस घोटाले में हरिद्वार और देहरादून के हाई प्रोफाइल शिक्षण संस्थान जांच के घेरे में चल रहे हैं। ऐसे में घोटाले से संबंधित तमाम साक्ष्य व तथ्यों को जुटाने के साथ ही की जांच पड़ताल में समय काफी लग जाता है। डीजे अशोक कुमार ने कहा कि जिन संस्थानों द्वारा भी घोटाला और अपराधिक घटना को अंजाम दिया गया है उन्हें किसी भी सूरत पर बचने का मौका नहीं दिया जाएगा जिन्होंने ने भी सरकार से फर्जीवाड़ा कर अपराध किया है उन्हें सजा के अंतिम कदम तक पहुंचाया जाएगा।

बाईट अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था

घोटाले की सबसे अहम किरदार निभाने वाले समाज कल्याण विभाग अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई-

उत्तराखंड में इससे पूर्व में रही हरीश रावत कांग्रेस सरकार में हुए इस करोड़ों के इस छात्रवृत्ति घोटाले में सबसे अहम किरदार समाज कल्याण विभाग अधिकारियों का सामने आई है जिनकी मिलीभगत के चलते ही देहरादून व हरिद्वार के कई निजी शिक्षण संस्थानों में करोड़ों रुपए का सरकार को चुना लगाने का काम किया, ऐसे में भले ही एसआईटी टीम करोड़ों रुपए हड़पने वाले निजी संस्थानों पर शिकंजा कस रही हैं,लेकिन यह सवाल भी सामने आ रहा है कि इस घोटाले के सबसे अहम किरदार निभाने वाले समाज कल्याण अधिकारियों पर कब कानूनी शिकंजा कसेगा।

Last Updated : Apr 26, 2019, 10:09 PM IST
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