देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक और भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने जेई/एई परीक्षा पेपर लीक मामले में चौथे आरोपी को गिरफ्तार किया है. SIT टीम ने परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की विवेचना के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर मुख्य अभियुक्त कोचिंग सेंटर संचालक विवेक कुमार उर्फ विक्की पुत्र जयपाल सिंह निवासी ग्राम चुड़ियाला, थाना भगवानपुर को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से एसआईटी को 2 लाख रुपए, चार ब्लैंक चेक और 1 LED डेस्कटॉप मिला है.
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नकल माफियाओं पर लगातार नकेल कसने के क्रम में #UttarakhandPolice SIT ने जे.ई./ए.ई. परीक्षा प्रश्न लीक प्रकरण में रुड़की में जीनियस कोचिंग सेंटर के संचालक विवेक कुमार को गिरफ्तार किया है।#UttarakhandPolice #UKPoliceFightsCrime #ApraadhParPrahaar pic.twitter.com/dlAwkgJ0Pg
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एसआईटी की पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि वह वर्तमान में रुड़की में जीनियस कोचिंग सेंटर संचालित करता है. जिसमें जेई के परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी कराई जाती है. एसआईटी इंचार्ज हरिद्वार एसएसपी ने कहा ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कोचिंग संचालक ने पेपर लीक गिरोह में शामिल होकर कुछ अभ्यर्थी से पेपर देने के एवज में 19 लाख रुपए की डील की. इतना ही नहीं अभ्यर्थियों से एडवांस के तौर पर कुछ धनराशि और ब्लैंक चेक भी लिए गए. इस अवैध धनराशी से कई कोचिंग सेंटरों में LED लगाया था, जिसका मूल्य करीब 8.5 लाख बताया जा रहा है.
अभियुक्त विवेक ने बताया कि मैंने सोचा अगर मेरी कोचिंग सेंटर से ज्यादा लड़के सेलेक्ट होंगे तो, मेरे कोचिंग का नाम होगा. तभी ज्यादा लड़के मेरे कोचिंग सेंटर पर आएंगे. अगर मेरे सेंटर से लड़के सेलेक्ट नहीं होते हैं तो, हम परीक्षा रद्द कराने के लिए पैसा देकर धरना प्रदर्शन भी कराते हैं. एसआईटी ने उसके पास से दो लाख रुपए नकद और चार ब्लैंक चेक (अभ्यर्थियों से लिए गए) 1 LED बरामद की है.
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हरिद्वार SIT ने नकल माफिया और संदिग्ध कोचिंग सेंटर के गठजोड़ का भी खुलासा किया है. ये लोग प्रश्न लीक कराकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलते थे. किसी कारणवश अगर अभ्यर्थियों का चयन नहीं होता तो पूरी परीक्षा निरस्त कराने का खेल खेलते थे. एसआईटी को पता चला है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट मालिक के संपर्क में कुछ छात्र संगठनों के लोग भी थे. एसआईटी टीम ने यूपी बॉर्डर पर स्थित नकल सेंटर को खोज निकाला है.
एसआईटी हरिद्वार की जांच में इंस्टीट्यूट के संपर्क में आए छात्र संगठनों द्वारा परीक्षा लीक प्रकरण में दोबारा परीक्षा कराने के लिए गोपनीय सहयोग की बात भी प्रकाश में आयी है. वहीं, परीक्षाएं निरस्त होने पर छात्र कथित कोचिंग सेंटरों में साल भर एडमिशन लेते रहते हैं.
SIT के रडार पर हरिद्वार देहात क्षेत्र और देहरादून में कुछ संदिग्ध कोचिंग सेंटर हैं. जो परीक्षा निरस्त कराने के लिए फंडिंग करते है. कुछ छात्रों के बयानों से भी ऐसे गठजोड़ की जानकारी SIT को मिली है. पेपर लीक मामले में पूर्व में तीन अभियुक्तों के कब्जे से कुल 7 लाख रुपए की अवैध अर्जित नगदी और विभिन्न बैंकों के ब्लैंक चेक बरामद किए जा चुके हैं.
बता दें कि प्रश्न पत्र लीक के साक्ष्य मिलने पर दिनांक 3 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर थाना कनखल में मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं, जेई/एई भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में SIT हर एंगल से जांच कर रही है. हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने कहा पेपर लीक प्रकरण में हर आरोपी का जेल जाना तय है.