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दून की केवल विहार कॉलोनी बनी 'जीरो वेस्ट' जोन, प्लास्टिक से बनाते हैं डीजल और सड़क

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Published : Jan 6, 2020, 7:40 AM IST

Updated : Jan 6, 2020, 7:58 AM IST

स्वच्छता अभियान में आदर्श बनी है देहरादून की केवल विहार कॉलोनी. जीरो वेस्ट जोन बन चुकी केवल विहार कॉलोनी की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करते ईटीवी भारत टीम ने जाना कि किस तरह से यहां लोग स्वच्छता अभियान को साकार करने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम नो प्लास्टिक लाइफ फैंटास्टिक रखी गई है. देखें इस मुहिम की 26वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट.

single use plastic ban
स्वच्छ भारत अभियान में दून का आदर्श बना केवल विहार

देहरादून: देशभर में स्वच्छता अभियान को लेकर जहां एक तरफ कई तरह की मुहिम चलाई जा रही हैं. वहीं, इसी परिदृश्य में पूरे सरकारी तंत्र को आइना दिखाने का काम देहरादून के केवल विहार कॉलोनी के निवासी कर रहे हैं. आज सहस्त्रधारा रोड स्थित केवल विहार कॉलोनी देश के उन स्वच्छ सुंदर इलाकों में मिसाल के रूप में सामने आ रही है जो बिना किसी सरकारी मदद के अपने-अपने घरों का कूड़ा और प्लास्टिक अपने स्तर से व्यवस्थित कर इनका कई तरह से सदुपयोग कर रहे हैं.

स्वच्छ भारत मिशन से मिली प्रेरणा

उत्तराखंड के देहरादून की एक सुदूरवर्ती कॉलोनी के निवासियों ने स्वच्छ भारत मिशन से प्रेरित होकर सफाई करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. केवल विहार कॉलोनी के लोगों ने कचरा प्रबंधन का प्रभावी तरीका अपनाया है. उनके इस खास प्रबंधन की वजह से उन्होंने प्लास्टिक मुक्त स्थान की छवि बना ली है. लोगों को अपने-अपने घरों पर ही कचरे को अलग-अलग रखने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से लोग सूखा और गीला कचरा अलग रखते हैं. इसके बाद कचरे को कम्पोस्ट या खाद में बदला जाता है.

स्वच्छ भारत अभियान में दून का आदर्श बना केवल विहार

प्लास्टिक से हो रहा सड़क निर्माण

केवल विहार में अभियान के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक को भी जमा किया जाता है फिर इस कचरे का प्रयोग सड़क निर्माण में किया जाता है. इसके अलावा सिंगल यूज प्लास्टिक को इंडियन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट में भी भेजा जाता है, जहां डीजल बनाने में इसका उपयोग किया जाता है.

दून स्मार्ट सिटी द्वारा स्वच्छता के लिए प्रथम पुरस्कार

इस इलाके को जीरो वेस्ट जोन बनाने के लिए केवल विहार को दून स्मार्ट सिटी से पहला पुरस्कार भी मिल चुका है. कॉलोनी में 1500 कपड़े के बैग भी बनाए गए हैं. इसके लिए पुराने बेड शीट और परदों का प्रयोग किया गया है. कपड़ों से बने ये बैग स्थानीय दुकानदारों और सब्जी बेचने वालों को बांटे गए हैं. ऐसा करने से सफाई की इस मुहिम में सभी लोग भागीदार बन रहे हैं.ऐसा समय आएगा जब भारत पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बन जाएगा. देहरादून की केवल विहार कॉलोनी का प्रयास इस दावे के लिए एक पुख्ता प्रमाण है.

single use plastic ban
कपड़े के थैले बनातीं महिलाएं.

ईटीवी भारत ने केवल विहार कॉलोनी को प्लास्टिक मुक्त बनाने की मुहिम पर यहां के स्थानीय निवासी आशीष गर्ग से बात की. उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले स्वच्छ भारत मिशन से प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग कर इसे कंपोस्ट बनाने की जानकारी दी.

आशीष ने बताया कि कॉलोनी से सिंगल यूज प्लास्टिक जमा करने के बाद उन्होंने प्लास्टिक कचरे को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में डीजल बनाने के लिए भेजा. आशीष की कोशिशों से आज कॉलोनी के सैकड़ों घरों में प्लास्टिक से कंपोस्ट बनाया जा रहा है. इससे प्लास्टिक का बेहतर उपयोग हो रहा है.

सिस्टम और सरकारी अधिकारियों पर आरोप लगाने को लेकर आशीष गर्ग ने कहा कि देश को स्वच्छ बनाना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है. सभी को आगे आना चाहिए और देश को एक बेहतर स्थान बनाना चाहिए.

कॉलोनी में रहने वाली एक महिला ने ईटीवी भारत को बताया कि वो कपड़ों की थैलियां बनाने का काम भी कुछ महिलाओं को भी दे रही हैं, इसे वे अपने जीवन यापन का जरिया बना सकती हैं.

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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : पुणे नगर निगम कचरे से बना रहा ईंधन

Intro:pls नोट डेस्क- महोदय इस स्पेशल खबर के विजुअल- वन टू वन और बाइट्स live u 08 से भेजी गई हैं file- ziro waste

summary-स्वच्छता अभियान में दून का आदर्श बना केवल विहार,पूरी कॉलोनी बनी ज़ीरो वेस्ट ज़ोन..



देशभर में स्वच्छता अभियान को लेकर जहाँ एक तरफ अलग-अलग तरह से मुहिम चलाई जा रही हैं। वही इसी परिदृश्य में पूरे सरकारी तंत्र को स्वच्छता का आईना दिखाने का काम देहरादून के केवल विहार कॉलोनी निवासियों द्वारा किया जा रहा है। आज सहस्त्रधारा रोड स्थित केवल विहार कॉलोनी देश के उन स्वच्छ सुंदर इलाकों में मिशाल के रूप में समाने आ रही हैं जो बिना किसी सरकारी मद्दत के अपने-अपने घरों से कूड़ा-करकट और प्लास्टिक को अपने स्तर से व्यवस्थित कर इनका कई तरह से सदुपयोग में ला रहे हैं। देश में स्वच्छता अभियान को बल देने का संदेश को देते हुए केवल विहार निवासी हर घर में गीले और सूखे कूड़े को योजनाबद्ध तरीके से एकत्र कर कम्पोस्ट खाद के रूप बना रहे हैं... इतना ही सिंगल यूज़ प्लास्टिक को भी इस ढंग व्यवस्थित कर उपयोग में लाया जा हैं,जिससे सड़क निर्माण और आईआईपी द्वारा डीज़ल बनाने में मद्दत मिल रही हैं। ईटीवी भारत में जीरो वेस्ट जॉन बन चुके केवल विहार कॉलोनी की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करते हुए जाना की किस तरह से यहां के लोग देशभर में स्वच्छता अभियान को साकार करने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं।
पेश है ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट


Body:सहस्त्रधारा रोड स्थित केवल बिहार कॉलोनी में रहने वाले आशीष गर्ग ओएनजीसी में कार्यरत है। आशीष के मुताबिक उन्होंने आज से डेढ़ साल पहले स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरणा लेकर उन्होंने अपने पूरे कॉलोनी में घर घर जाकर सूखे और गीले कूड़ा करकट को अलग अलग रखकर कंपोस्ट खाद बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया। इतना ही नहीं उन्होंने हरेक के घर मे चिप्स, कुरकुरे, दूध व सब्जी समान में आने वाली सिंगल यूज़ प्लास्टिक की पन्नियों को साफ करके एक प्लास्टिक की बोतल में भरने का भी आईडिया दिया। ताकि इनसे अलग-अलग स्वरूप से सड़क निर्माण,ब्रिक्स और आईआईपी संस्थान के माध्यम से डीजल बनाने का कार्य भी हो सके। आशीष गर्ग सहित अन्य लोगों की यह मुहिम रंग लाई और आज केवल बिहार कॉलोनी के सैकड़ों निवासी अपने-अपने घरों में खुद अपने स्तर पर गीले और सूखे कूड़े से जहां कंपोस्ट खाद बना रहे हैं, तो वहीं प्लास्टिक का बेहतर विकल्प तलाश कर उसका सदुपयोग कर रहे हैं।

देहरादून स्मार्ट सिटी द्वारा केवल बिहार को स्वच्छता के लिए प्रथम पुरस्कार


केवल विहार निवासियों द्वारा आज पूरे क्षेत्र को जीरो वेस्ट ज़ोन बनाकर स्वच्छता अभियान से एक कदम आगे बढ़कर चलाया जा रहा हैं। ताकि यह संदेश देहरादून से लेकर देश के हर हिस्से में जाकर स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकें... इस आदर्श कार्य के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा केवल विहार कॉलोनी को दून का आदर्श कॉलोनी मानते हुए हाल ही में स्वच्छता अभियान में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया हैं। ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इस मुहिम में जुटे आशीष गर्ग ने बताया कि आज स्वच्छ भारत अभियान में हर एक देशवासी को सरकारी तंत्र को कोसने की बजाय देशवासियों को खुद ही अपने स्तर पर एक कदम आगे बढ़ाकर इस मुहिम में अपना छोटा सा योगदान देना होगा ताकि लगातार प्रदूषित हो रहे पर्यावरण व धरती को संरक्षित किया जा सके।


one to one

केवल विहार कॉलोनी को ज़ीरो वेस्ट जोन व प्लास्टिक मुक्त कर स्वच्छ भारत बनाने की मुहिम में जुटे... आशीष गर्ग, संजय कुमार राकेश सिंह...


Conclusion:प्लास्टिक के विकल्प में कपड़े थैला बनाकर क्षेत्र में बांटने का काम

वही स्वच्छता भारत अभियान को गति देने का काम करने वाले केवल विहार निवासियों द्वारा सूखे और गीले कचरे का सदुपयोग करने के साथ ही प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में ऐसा कदम अपने स्तर पर चलाया जा रहा है जो शायद ही देश के किसी अन्य इलाके में लोगों द्वारा चलाया जा रहा हो। केवल बिहार में महिलाएं अपने अपने घरों में पुरानी चादर व पर्दो जैसे इस्तेमाल ना होने वाले पुराने कपड़ों से खुद ही अब तक 1500 थैला बनाकर आसपास के दुकानदार व सब्जी ठेली वाले से लेकर पूरे इलाके के सभी लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं, ताकि प्लास्टिक कम से कम इस्तेमाल में आ सके। इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए केवल बिहार की महिलाओं ने बताया कि वह पुराने कपड़ों को एकत्र कर थैला बनाने का काम उन महिलाओं को भी दे रही हैं जो सिलाई बुनाई से अपनी रोजी-रोटी चलाती हैं। ताकि इस जनहित इस कार्य से उनको भी रोजगार मिल सके।

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केवल विहार की महिलाएं
Last Updated : Jan 6, 2020, 7:58 AM IST
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