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5 राज्यों में चुनाव की वजह से महाकुंभ में हो सकती है फोर्स की कमी, राजस्थान से बनाई जा रही व्यवस्था

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और यूपी में पंचायत चुनाव होने के चलते महाकुंभ के लिए राज्यों से मिलने वाली फोर्स की कटौती हुई है. जिसके लिए अब डीजीपी अशोक कुमार ने राजस्थान उच्चाधिकारियों से बात की है.

Shortage of force in Mahakumbh due to elections in five states
महाकुंभ में हो सकती है फोर्स की कमी
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Published : Mar 20, 2021, 4:25 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पदभार संभालते ही कोरोना गाइडलाइन को लचीला करने के साथ ही भव्य तरीके से कुंभ आयोजन की बात कही. साथ ही उन्होंने कुंभ में किसी भी तरह की पुलिस फोर्स की कमी न होने के निर्देश दिये. मगर इस बार विगत वर्षों की तुलना यूपी व केंद्र सहित अन्य राज्यों से डिमांड अनुसार पर्याप्त फोर्स उपलब्ध न होने के संकेत मिल रहे हैं. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जहां पंचायत चुनाव के चलते कुंभ में अपेक्षित फोर्स उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है. वही अन्य पड़ोसी राज्यों की भारी संख्या पुलिस फोर्स असम ,पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पांडिचेरी जैसे 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते वहां की आपूर्ति में जुटी है. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस को कुंभ के भव्य आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में फोर्स उपलब्ध ना होने से कुछ हद तक समस्या आ सकती है.

महाकुंभ में हो सकती है फोर्स की कमी

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने राजस्थान उच्चाधिकारियों से सकारात्मक बातचीत करते हुए 2 हजार यानी 10 कंपनी के बराबर राजस्थान होमगार्ड पुलिस महाकुंभ में मुहैया कराने की व्यवस्था बनाई है. राजस्थान उच्च अधिकारियों ने भी डीजीपी अशोक कुमार के डिमांड अनुसार अपने राज्य से होमगार्ड कुंभ में भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.

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1 अप्रैल से कुंभ आयोजन के लिए बढ़ेगी फोर्स की तैनाती

मौजूदा समय में कुंभ आयोजन में 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी राज्य, केंद्र, यूपी सहित अन्य से मौजूद है. आगामी 11 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान के लिए जिस तरह की भव्य और भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आवागमन की तैयारी चल रही ह, उसे देखते हुए अपेक्षित संख्या में केंद्र व अन्य राज्यों से फोर्स ना मिलने की सूरत में उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती सामने आ सकती है. ऐसे में जहां 1 अप्रैल को प्रदेशभर से 2340 पुलिसकर्मी सहित महिला कमांडो का दस्ता हरिद्वार कुंभ में तैनात होने जा रहा है. वहीं, राजस्थान पुलिस की मदद से भी 2000 होमगार्ड 1 अप्रैल से कुंभ में तैनात हो सकते हैं.

पढ़ें- पॉक्सो के कैदी ने अलकनंदा में लगाई छलांग, पुरसाड़ी जेल में काट रहा था आजीवन कारावास


जानकारी के मुताबिक वर्ष 2010 की तुलना इस बार भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. अमूमन उनके लिए राज्य केंद्र व अन्य तरह से लगभग 20 हजार से अधिक सुरक्षा तंत्र कर्मी कुंभ आयोजन में तैनात होते हैं, हालांकि इस बार कोरोना के चलते कुंभ आयोजन का स्वरूप सीमित दायरे में होने के परिदृश्य में कुछ अलग व्यवस्था बनाई गई थी थी लेकिन अब परिस्थितियां अलग तरह की बन रही हैं.

पहले के मुकाबले अब भव्य आयोजन महाकुंभ का रहेगा

डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक पहले राज्य व केंद्र की कोरोना गाइडलाइंस अनुसार कुंभ का महा स्वरूप को कम आंका जा रहा था, लेकिन अब राज्य सरकार के नए कोरोना बदलाव आदेश के तहत कुंभ आयोजन का भव्य रूप देखने को मिलेगा. ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि 11 और 15 अप्रैल तक 20 लाख से अधिक कुंभ पहुंचेंगे. 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या के दिन 60 से 70 लाख श्रद्धालु जबकि 14 अप्रैल बैसाखी को एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के महाकुंभ पहुंचने की संभावना जताई गई है. ऐसे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए राज्य पुलिस मुस्तैदी से अपने कानून व्यवस्था में जुटी है.

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राज्य और केंद्र से कटौती होने के चलते अंतिम विकल्प राजस्थान होमगार्ड

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि केंद्र और अन्य राज्यों से चुनाव के दृष्टिगत और कब मिलने के चलते अब अंतिम विकल्प के रूप में राजस्थान पुलिस से 2000 होमगार्ड को में उपलब्ध कराने की बातचीत हो गई है, जो 20 कंपनियों के बराबर होंगे. इसके अलावा यूपी की 10 कंपनियां और केंद्र की कुछ और कंपनियों को मिलाकर राज्य पुलिस कुंभ आयोजन को सुरक्षित और सफल तरीके संपन्न कराने के लिए दृढ़ संकल्प है.

देहरादून: उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पदभार संभालते ही कोरोना गाइडलाइन को लचीला करने के साथ ही भव्य तरीके से कुंभ आयोजन की बात कही. साथ ही उन्होंने कुंभ में किसी भी तरह की पुलिस फोर्स की कमी न होने के निर्देश दिये. मगर इस बार विगत वर्षों की तुलना यूपी व केंद्र सहित अन्य राज्यों से डिमांड अनुसार पर्याप्त फोर्स उपलब्ध न होने के संकेत मिल रहे हैं. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जहां पंचायत चुनाव के चलते कुंभ में अपेक्षित फोर्स उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है. वही अन्य पड़ोसी राज्यों की भारी संख्या पुलिस फोर्स असम ,पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पांडिचेरी जैसे 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते वहां की आपूर्ति में जुटी है. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस को कुंभ के भव्य आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में फोर्स उपलब्ध ना होने से कुछ हद तक समस्या आ सकती है.

महाकुंभ में हो सकती है फोर्स की कमी

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने राजस्थान उच्चाधिकारियों से सकारात्मक बातचीत करते हुए 2 हजार यानी 10 कंपनी के बराबर राजस्थान होमगार्ड पुलिस महाकुंभ में मुहैया कराने की व्यवस्था बनाई है. राजस्थान उच्च अधिकारियों ने भी डीजीपी अशोक कुमार के डिमांड अनुसार अपने राज्य से होमगार्ड कुंभ में भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.

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1 अप्रैल से कुंभ आयोजन के लिए बढ़ेगी फोर्स की तैनाती

मौजूदा समय में कुंभ आयोजन में 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी राज्य, केंद्र, यूपी सहित अन्य से मौजूद है. आगामी 11 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान के लिए जिस तरह की भव्य और भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आवागमन की तैयारी चल रही ह, उसे देखते हुए अपेक्षित संख्या में केंद्र व अन्य राज्यों से फोर्स ना मिलने की सूरत में उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती सामने आ सकती है. ऐसे में जहां 1 अप्रैल को प्रदेशभर से 2340 पुलिसकर्मी सहित महिला कमांडो का दस्ता हरिद्वार कुंभ में तैनात होने जा रहा है. वहीं, राजस्थान पुलिस की मदद से भी 2000 होमगार्ड 1 अप्रैल से कुंभ में तैनात हो सकते हैं.

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जानकारी के मुताबिक वर्ष 2010 की तुलना इस बार भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. अमूमन उनके लिए राज्य केंद्र व अन्य तरह से लगभग 20 हजार से अधिक सुरक्षा तंत्र कर्मी कुंभ आयोजन में तैनात होते हैं, हालांकि इस बार कोरोना के चलते कुंभ आयोजन का स्वरूप सीमित दायरे में होने के परिदृश्य में कुछ अलग व्यवस्था बनाई गई थी थी लेकिन अब परिस्थितियां अलग तरह की बन रही हैं.

पहले के मुकाबले अब भव्य आयोजन महाकुंभ का रहेगा

डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक पहले राज्य व केंद्र की कोरोना गाइडलाइंस अनुसार कुंभ का महा स्वरूप को कम आंका जा रहा था, लेकिन अब राज्य सरकार के नए कोरोना बदलाव आदेश के तहत कुंभ आयोजन का भव्य रूप देखने को मिलेगा. ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि 11 और 15 अप्रैल तक 20 लाख से अधिक कुंभ पहुंचेंगे. 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या के दिन 60 से 70 लाख श्रद्धालु जबकि 14 अप्रैल बैसाखी को एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के महाकुंभ पहुंचने की संभावना जताई गई है. ऐसे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए राज्य पुलिस मुस्तैदी से अपने कानून व्यवस्था में जुटी है.

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राज्य और केंद्र से कटौती होने के चलते अंतिम विकल्प राजस्थान होमगार्ड

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि केंद्र और अन्य राज्यों से चुनाव के दृष्टिगत और कब मिलने के चलते अब अंतिम विकल्प के रूप में राजस्थान पुलिस से 2000 होमगार्ड को में उपलब्ध कराने की बातचीत हो गई है, जो 20 कंपनियों के बराबर होंगे. इसके अलावा यूपी की 10 कंपनियां और केंद्र की कुछ और कंपनियों को मिलाकर राज्य पुलिस कुंभ आयोजन को सुरक्षित और सफल तरीके संपन्न कराने के लिए दृढ़ संकल्प है.

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