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शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को मिलेगा अस्थायी घर, आपातकालीन बोर्ड बैठक में लिया निर्णय

मसूरी पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि 84 परिवारों में से 35 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है. जबकि, बाकी बचे लोगों को 2 दिन के भीतर पालिका की खाली पड़ी जगहों पर विस्थापित किया जाएगा.

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मसूरी बोर्ड बैठक
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Published : Oct 17, 2020, 9:56 PM IST

मसूरीः शिफन कोर्ट से बेघर हुए परिवारों के विरोध के आगे आखिरकार नगर पालिका प्रशासन को झुकना पड़ा है. अब शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को अस्थायी घर मिलेगा. मामले को लेकर शनिवार को पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता को शिफन कोर्ट को लेकर आपातकालीन बोर्ड बैठक बुलानी पड़ी. जिसमें 12 सभासदों ने प्रतिभाग किया. बैठक में सर्वसम्मति से मसूरी-टिहरी बाईपास रोड पर आईडीएच बिल्डिंग के पास मौजूद खाली भूमि को बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया. साथ ही प्रस्ताव को शासन को भेज दिया गया है.

शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को मिलेगा अस्थायी घर.

मसूरी पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि वो गरीबों और बेघर लोगों के साथ हैं. ऐसे में सभी शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा रहा है. स्थायी विस्थापन के लिए पालिका की आईडीएच के पास पड़ी खाली भूमि पर आवासीय योजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि 35 परिवारों को पालिका के विभिन्न खाली पड़ी जगहों पर विस्थापित कर दिया गया है. जबकि, बाकी बचे लोगों को दो दिन के भीतर अस्थायी रूप से विस्थापित किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः शिफन कोर्ट मामला: धरना दे रहे लोगों को पुलिस ने खदेड़ा, सभासदों ने पालिकाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि विधायक गणेश जोशी ने ये आश्वासन दिया है कि भूमि चिन्हित और लोगों को विस्थापित करने का प्रस्ताव पालिका से मिल जाता है तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार से गरीबों को मकान बनाकर दिया जाएगा. वहीं, सभासद जसबीर कौर, प्रताप पंवार, गीता कुमाईं ने कहा कि सभी परिवारों का विस्थापन होना जरूरी है. दो दिन के भीतर अस्थाई व्यवस्था के आश्वासन के बाद लोगों ने धरना स्थागित कर दिया है. अगर दो दिन में उनकी व्यवस्था नहीं होती तो वो एक बार फिर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

इको बैरियर को पूर्व ठेकेदार को दिए जाने का विरोध.

सभासदों ने इको बैरियर को पूर्व ठेकेदार को दिए जाने का किया विरोध
कोल्हूखेत इको बैरियर को दो प्रतिशत अतिरिक्त दर में पहले के ही ठेकेदार को दोबारा दिए जाने का सभासदों ने कड़ा एतराज जताया है. सभासदों ने अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती का घेराव कर इको बैरियर को दोबारा पूर्व के ठेकेदार को दिए जाने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इको बैरियर का टेंडर दोबारा होना चाहिए था, लेकिन शहरी विकास मंत्री के निर्देशों पर इको बैरियर दोबारा पूर्व के ठेकेदार को दे दिया गया है. जो न्यायसंगत नहीं है.

मसूरीः शिफन कोर्ट से बेघर हुए परिवारों के विरोध के आगे आखिरकार नगर पालिका प्रशासन को झुकना पड़ा है. अब शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को अस्थायी घर मिलेगा. मामले को लेकर शनिवार को पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता को शिफन कोर्ट को लेकर आपातकालीन बोर्ड बैठक बुलानी पड़ी. जिसमें 12 सभासदों ने प्रतिभाग किया. बैठक में सर्वसम्मति से मसूरी-टिहरी बाईपास रोड पर आईडीएच बिल्डिंग के पास मौजूद खाली भूमि को बेघर हुए लोगों को विस्थापित करने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया. साथ ही प्रस्ताव को शासन को भेज दिया गया है.

शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को मिलेगा अस्थायी घर.

मसूरी पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि वो गरीबों और बेघर लोगों के साथ हैं. ऐसे में सभी शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा रहा है. स्थायी विस्थापन के लिए पालिका की आईडीएच के पास पड़ी खाली भूमि पर आवासीय योजना के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि 35 परिवारों को पालिका के विभिन्न खाली पड़ी जगहों पर विस्थापित कर दिया गया है. जबकि, बाकी बचे लोगों को दो दिन के भीतर अस्थायी रूप से विस्थापित किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि विधायक गणेश जोशी ने ये आश्वासन दिया है कि भूमि चिन्हित और लोगों को विस्थापित करने का प्रस्ताव पालिका से मिल जाता है तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार से गरीबों को मकान बनाकर दिया जाएगा. वहीं, सभासद जसबीर कौर, प्रताप पंवार, गीता कुमाईं ने कहा कि सभी परिवारों का विस्थापन होना जरूरी है. दो दिन के भीतर अस्थाई व्यवस्था के आश्वासन के बाद लोगों ने धरना स्थागित कर दिया है. अगर दो दिन में उनकी व्यवस्था नहीं होती तो वो एक बार फिर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

इको बैरियर को पूर्व ठेकेदार को दिए जाने का विरोध.

सभासदों ने इको बैरियर को पूर्व ठेकेदार को दिए जाने का किया विरोध
कोल्हूखेत इको बैरियर को दो प्रतिशत अतिरिक्त दर में पहले के ही ठेकेदार को दोबारा दिए जाने का सभासदों ने कड़ा एतराज जताया है. सभासदों ने अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती का घेराव कर इको बैरियर को दोबारा पूर्व के ठेकेदार को दिए जाने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इको बैरियर का टेंडर दोबारा होना चाहिए था, लेकिन शहरी विकास मंत्री के निर्देशों पर इको बैरियर दोबारा पूर्व के ठेकेदार को दे दिया गया है. जो न्यायसंगत नहीं है.

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