ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन में शौर्य दिवस शान्ति दिवस के रूप में मनाया गया. मां गंगा के पावन तट पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश, संगठन मंत्री मनोज वर्मा और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने शान्ति हवन किया. स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्ष 1992 से 6 दिसम्बर का दिन भारत में शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज हमारे राष्ट्र में शौर्य दिवस को शान्ति दिवस के रूप में मनाने की जरूरत है. आज पूरे राष्ट्र को इसकी बेहद आवश्यकता भी है.
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स्वामी चिदानन्द ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से भगवान राम के मन्दिर निर्माण के द्वार तो खुले परन्तु हमारे दिलों में जो भी छोटी-छोटी दरारें हैं, उन्हें भरने के लिए राष्ट्र निर्माण का संदेश बेहद जरूरी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के देश के प्रति योगदान को भी याद किया. स्वामी चिदानंद ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए सभी संप्रदाय के लोगों का एकता का परिचय देना राष्ट्र निर्माण की दिशा में बड़ा कदम है.
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स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अब हमारा उद्देश्य शान्ति के आदर्शों पर चलना और शान्ति की स्थापना होनी चाहिए. अंहिसा के लिये शान्ति की स्थापना आवश्यक है. अब हम सभी का यही प्रयत्न हो कि हमारा राष्ट्र प्रगति करे. ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि हम जातिवाद और संप्रदायवाद के आधार पर नहीं बल्कि शान्ति और सौहार्द के साथ आगे बढ़ें.