देहरादून: सरकार ने आखिर कर्मकार कल्याण बोर्ड से शमशेर सिंह सत्याल को हटाने का फैसला कर लिया है. जानकारी के अनुसार, आज (30 सितंबर) शाम तक इसको लेकर आदेश जारी कर दिए जाएंगे. उधर बोर्ड की सचिव मधु चौहान को भी हटाए जाने का फैसला लिया गया है.
कर्मकार कल्याण बोर्ड में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई आखिरकार खत्म होने जा रही है. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ आमने-सामने की लड़ाई रखने वाले शमशेर सिंह सत्याल को आखिरकार सरकार ने बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला ले लिया है.
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बता दें कि शमशेर सिंह सत्याल, त्रिवेंद्र सिंह रावत के बेहद करीबी माने जाते हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते ही उन्हें बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद मंत्री हरक सिंह रावत और शमशेर सिंह सत्याल के बीच चली तनातनी के बीच कई बार हरक सिंह रावत ने शमशेर सिंह सत्याल को हटाए जाने को लेकर मोर्चा भी खोला था. लेकिन एक लंबे समय तक शमशेर सिंह सत्याल को सरकार ने नहीं हटाया.
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अब अब खबर है कि शमशेर सिंह सत्याल को सरकार ने हटाने का फैसला ले लिया है. इसमें बड़ा अपडेट यह भी है कि बोर्ड की सचिव मधु चौहान को भी सचिव पद से हटाया जा रहा है. उनकी जगह एक सीनियर पीसीएस अधिकारी को बोर्ड का सचिव बनाया जा रहा है.
क्या है विवाद: गौर हो कि उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड आपसी विवाद को लेकर काफी चर्चाओं में रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही इस बोर्ड में विवाद बढ़ते चले गए हैं. हरक सिंह रावत कर्मकार बोर्ड के मंत्री बनने के बाद से ही बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को हटाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हरक सिंह रावत का कहना था कि सत्याल न तो उन्हें श्रम मंत्री मानते हैं और न ही आज तक उन्होंने कभी किसी तरह की कोई सूचना दी है.
बता दें कि कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को हटाए जाने की मांग पर हरक रावत को कई मंत्रियों और विधायकों का साथ भी मिला था. शमशेर सिंह सत्याल पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगा चुके हैं. यही नहीं, पिछले चुनाव के दौरान भी पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप शमशेर सिंह सत्याल पर लग चुका है. इसके बावजूद भी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने करीबी शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बनाया तो पार्टी के कई नेता इस फैसले से असंतुष्ट दिखे. चुफाल, गणेश जोशी, बंशीधर भगत के साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी सत्याल को हटाने के पक्ष में थे.