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उत्तराखंड में 81 डॉक्टरों की सेवा समाप्त, सीएम ने दी मंजूरी

राज्य के अस्पतालों से लंबे समय से गायब चल रहे 81 डॉक्टरों की सरकार ने सेवा समाप्त कर दी है. सेवा समाप्ति संबंधी प्रस्ताव को सहमति हेतु लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है.

CM Trivendra Singh Rawat
उत्तराखंड में 81 डॉक्टरों की सेवा समाप्त
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Published : Sep 30, 2020, 9:04 PM IST

देहरादून: राज्य के अस्पतालों से लंबे समय से गायब चल रहे 81 डॉक्टरों की सरकार ने सेवा समाप्त कर दी है. इन डॉक्टरों की सेवा समाप्ति के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से मंजूरी दे दी गई है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को भी तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उसके निलंबन के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित इन चिकित्सकों की विभाग में अनुपस्थिति की तिथि से सेवा समाप्ति संबंधी प्रस्ताव को सहमति हेतु लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है.

कोरोना के लिए 3 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में कोविड-19 के प्रसार एवं संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिये दून मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध दून चिकित्सालय को एसडीआरएफ मद से 3 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. इस धनराशि से चिकित्सालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आवश्यक उपकरणों आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगा.

ये भी पढ़ें: पहाड़ में कंधे पर स्वास्थ्य सेवाएं, मरीज को 12 किमी कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल

सीएम ने अधिशासी अभियंता को किया निलंबित

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना को आदेश की अवहेलना का दोषी पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया है. सक्सेना को प्रान्तीय खण्ड लोनिवि पौड़ी से विश्व बैंक खण्ड लोनिवि अस्कोट में तैनात किया था. जिसका अनुपालन उनके द्वारा नहीं किया गया और बिना अवकाश स्वीकृत कराए कार्यालय से गैर हाजिर हैं.

मुख्यमंत्री द्वारा प्रमुख अभियन्ता लोनिवि की संस्तुति के आधार पर सक्सेना की स्वेच्छाचारी प्रवृत्ति शासकीय आदेशों का अनुपालन न करने और बिना अवकाश गैर हाजिर रहने तथा अच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना पर निलंबित करने का निर्देश दिया है.

देहरादून: राज्य के अस्पतालों से लंबे समय से गायब चल रहे 81 डॉक्टरों की सरकार ने सेवा समाप्त कर दी है. इन डॉक्टरों की सेवा समाप्ति के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से मंजूरी दे दी गई है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को भी तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उसके निलंबन के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित इन चिकित्सकों की विभाग में अनुपस्थिति की तिथि से सेवा समाप्ति संबंधी प्रस्ताव को सहमति हेतु लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है.

कोरोना के लिए 3 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में कोविड-19 के प्रसार एवं संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिये दून मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध दून चिकित्सालय को एसडीआरएफ मद से 3 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. इस धनराशि से चिकित्सालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आवश्यक उपकरणों आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगा.

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सीएम ने अधिशासी अभियंता को किया निलंबित

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना को आदेश की अवहेलना का दोषी पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया है. सक्सेना को प्रान्तीय खण्ड लोनिवि पौड़ी से विश्व बैंक खण्ड लोनिवि अस्कोट में तैनात किया था. जिसका अनुपालन उनके द्वारा नहीं किया गया और बिना अवकाश स्वीकृत कराए कार्यालय से गैर हाजिर हैं.

मुख्यमंत्री द्वारा प्रमुख अभियन्ता लोनिवि की संस्तुति के आधार पर सक्सेना की स्वेच्छाचारी प्रवृत्ति शासकीय आदेशों का अनुपालन न करने और बिना अवकाश गैर हाजिर रहने तथा अच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना पर निलंबित करने का निर्देश दिया है.

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