देहरादून: चमोली आपदा के बाद एसडीआरएफ दिन रात बचाव कार्य और सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है. वहीं, आपदा के बाद ऋषि गंगा नदी में बने झील के मुहाने को एसडीआरएफ जवानों ने ग्रामीणों की मदद से तोड़कर जलस्तर के दबाव को कम करने का काम किया. इस दौरान एसडीआरएफ टीम ने झील के मुहाने से मलबा और बड़े वृक्ष हटाकर जल निकासी के लिए रास्ता बनाया. ताकि जलभराव से उत्पन्न होने वाले खतरे को कम किया जा सके.
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Indo-Tibetan Border Police (ITBP) jawans with SDRF and sister organizations working to widen the flow of the lake formed at Rishi Ganga, Chamoli by removing tree trunks to increased the volume of water release from the lake#UttarakhandDisaster#uttarakhandglacialburst#himveers pic.twitter.com/RFa7SFaVkP
— ITBP (@ITBP_official) February 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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झील का मुहाना खोलने से जलस्तर में गिरावट
एसडीआरएफ डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि एसडीआरएफ की मॉनिटिरिंग टीम द्वारा 3 दिन में ग्रामीणों की सहायता से झील के मुहाने को 20 फीट से 50 फीट तक खोल दिया गया है, जिससे झील के जलस्तर में 1 फीट से भी अधिक की गिरावट देखी गई है.
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झील के खतरे से निराकरण करने में जुटें वैज्ञानिक
बता दें कि वैज्ञानिकों के 10 सदस्ययी दल के साथ SDRF के 7 पर्वतारोही जवान झील के जल भराव क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से रुके हुए हैं. ताकि वैज्ञानिकों इस झील से उत्पन्न खतरे का आकलन कर इसका तकनीकी रूप से निराकरण कर सकें.
जलस्तर के दबाव को खत्म करना हमारा उद्देश्य :SDRF सेनानायक
एसडीआरएफ सेनानायक नवनीत भुल्लर ने बताया कि उनके SDRF जवान लगातार राहत सर्च अभियान में जुटे हुए हैं. उनका उद्देश्य झील के जलस्तर के दबाव को किसी तरह कम करना है. ताकि प्राकृतिक जलभराव के खतरे को टाला जा सके. उन्होंने कहा कि इसके लिए लगातार ही QDA और सैटेलाइट फोन के माध्यम से कार्रवाई में जुटी टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं.