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देहरादून में 173 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी साइंस सिटी, केंद्र और राज्य के बीच MoU

देहरादून में 173 करोड़ रुपए की लागत से साइंस सिटी का निर्माण होगा, जिसके लिए केंद्र और राज्य के बीच MoU साइन हुआ है.

Science city to be built in Dehradun
देहरादून में बनेगी साइट सिटी
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Published : Feb 5, 2021, 6:40 PM IST

देहरादून: साइंस सिटी देहरादून के लिए उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम ) के बीच एमओयू साइन हुआ है. यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने एमओयू पर साइन किया गया है. एनसीएसएम भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो देश में विज्ञान संग्रहालयों का निर्माण तथा संचालन करती है. साइंस सिटी देहरादून में विज्ञान धाम, झाझरा में विकसित होगी. साइंस सिटी लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगी. 173 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए 88 करोड़ रुपए केंद्र और 85 करोड़ रुपए राज्य सरकार वहन करेगी.

  • देहरादून में साइंस सिटी की स्थापना के लिए आज उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम ) के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। pic.twitter.com/WnyrzLau4f

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में बनने वाले साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने, इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है. इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है. ऐसे में भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखंड की विशेषता को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकेंगे.

साइंस सिटी की खासियत

साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत, भूगर्भीय जीवन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी, आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के साथ स्पेस थियेटर सहतारामंडल, हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर, एक्वेरियम, उच्च वोल्टेज व लेजर, आउटडोर साइंस पार्क, थीम पार्क, बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर आदि होंगे. साथ ही अन्य सुविधाओं के रूप में कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल आदि भी साइंस सिटी का हिस्सा होंगे.

ये भी पढ़ें: जसपाल वेस्ट लकड़ियों को बनाते हैं बेस्ट, कंडोलिया पार्क में सजाईं कुर्सी-बेंच

केंद्र सरकार की स्पोक्स योजना के तहत क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र देहरादून के साइंस सिटी के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. इस सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डेलीगेटेड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (डीआईबी) की मंजूरी भी साइंस सिटी देहरादून के लिए अप्रैल 2020 में प्राप्त हो गई थी.

देहरादून: साइंस सिटी देहरादून के लिए उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम ) के बीच एमओयू साइन हुआ है. यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने एमओयू पर साइन किया गया है. एनसीएसएम भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो देश में विज्ञान संग्रहालयों का निर्माण तथा संचालन करती है. साइंस सिटी देहरादून में विज्ञान धाम, झाझरा में विकसित होगी. साइंस सिटी लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगी. 173 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए 88 करोड़ रुपए केंद्र और 85 करोड़ रुपए राज्य सरकार वहन करेगी.

  • देहरादून में साइंस सिटी की स्थापना के लिए आज उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम ) के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। pic.twitter.com/WnyrzLau4f

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 5, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में बनने वाले साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने, इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है. इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है. ऐसे में भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा. राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखंड की विशेषता को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकेंगे.

साइंस सिटी की खासियत

साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत, भूगर्भीय जीवन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी, आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के साथ स्पेस थियेटर सहतारामंडल, हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर, एक्वेरियम, उच्च वोल्टेज व लेजर, आउटडोर साइंस पार्क, थीम पार्क, बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर आदि होंगे. साथ ही अन्य सुविधाओं के रूप में कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल आदि भी साइंस सिटी का हिस्सा होंगे.

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केंद्र सरकार की स्पोक्स योजना के तहत क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र देहरादून के साइंस सिटी के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. इस सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डेलीगेटेड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (डीआईबी) की मंजूरी भी साइंस सिटी देहरादून के लिए अप्रैल 2020 में प्राप्त हो गई थी.

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