देहरादून: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य और उनके विभाग के निदेशक वी. षणमुगम के बीच गहराए विवाद पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी अपना पक्ष रखा है. कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक, प्रदेश में बेलगाम होती नौकरशाही को देखते हुए प्रदेश में एक बार फिर पूर्व की भांति मंत्रियों द्वारा अपने विभागीय अधिकारियों और सचिवों की चरित्र पंजिका (CR) लिखे जाने की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए.
बता दें राज्यमंत्री रेखा आर्य और उनके विभाग के निदेशक वी. षणमुगम के बीच खड़े हुए विवाद का मुख्य कारण महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा कार्मिकों की भर्ती के लिए एक ऐसी निजी कंपनी को टेंडर जारी करना है, जो मानकों पर खरा नहीं उतरता है.
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ऐसे में इस पूरे मामले पर बातचीत करने के लिए राज्यमंत्री रेखा आर्य पिछले कई दिनों से विभागीय निदेशक को मिलने बुला रही हैं. मगर कई बार फोन लगाने पर भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया. जिसके बाद राज्यमंत्री रेखा आर्य ने उनकी गुमशुदगी को लेकर डीआईजी देहरादून को शिकायत पत्र सौंपा.
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बहरहाल, इस पूरे प्रकरण से खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में नौकरशाही किस हद तक बेलगाम हो गई है. यही कारण है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में पूर्व की भांति मंत्रियों द्वारा अपने सचिवों और अन्य विभाग के अधिकारियों की चरित्र पंजिका लिखे जाने की व्यवस्था को दोबारा बहाल करने की बात कही है.