देहरादून: कोरोना और लॉकडाउन के चलते ठप पड़ी पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सतपाल महाराज ने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी यात्रा मार्गों पर यात्रियों के लिए शौचालयों के साथ-साथ यात्रा रूट की जानकारियों संबंधित संकेत लगाने के निर्देश दिए हैं. ताकि, यात्रियों को यह पता चल सके कि वे किस तरफ जा रहे हैं और किन-किन जगहों पर मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध होंगी.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कैरवान पार्क बनाने के साथ-साथ यात्रियों के लिए सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. सतपाल महाराज ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए तय किया गया है कि 72 घंटे पहले का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाकर यात्री प्रदेश में घूम सकते हैं. इस दौरान पर्यटन मंत्री ने कहा कि सुरकंडा रोपवे निर्माण कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह चाइनीज उपकरणों के स्थान पर स्वदेशी निर्मित उपकरणों को रोपवे निर्माण में प्रयोग करेंगे. इसके लिए निर्माण कंपनी को एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है.
सतपाल महाराज ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना से जुड़े व्यक्तियों एवं कार्मिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत 24.30 करोड़ रुपए की धनराशि में से 11.85 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है. इसके साथ ही वीरचंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को अधिक आकर्षक बनाए जाने के लिए प्रदेश के मार्गों पर संचालन के लिए एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 इलेक्ट्रॉनिक बसों की खरीदारी की अनुमति दी गयी है. बस खरीदने की लागत पर 50 प्रतिशत धनराशि राजकीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है.
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पर्यटन मंत्री महाराज ने केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ स्वदेश दर्शन के अंतर्गत चल रही योजनाओं की भी समीक्षा की. इस दौरान टिहरी झील विकास कार्यों की भी समीक्षा की गई. जिसका 98% प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. कटारमल जागेश्वर हेरिटेज सर्किट के कार्य भी पूर्ण किए जा चुके हैं. स्वदेश दर्शन योजना के तहत महाभारत सर्किट का 9770.25 लाख रुपए का प्रपोजल तैयार कर भारत सरकार को भेजा जा चुका है. पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के तहत केदारनाथ विकास कार्यों का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. इसके साथ ही बदरीनाथ में भी विकास कार्य किए जा रहे हैं. गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है.
सतपाल महाराज ने कहा कि प्रवासी लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके, ताकि लोग अपने-अपने घरों को लौट सकें. कोविड को ध्यान में रखते हुए, सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ ही स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ ही शीतकालीन डेस्टिनेशन के रूप में टिबरसैंण महादेव के मंदिर को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है. टिबरसैंण महादेव में अमरनाथ की तरह बहुत बड़े शिवलिंग की रचना होती है. सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तरकाशी से मोरी हरकीदून एवं जखोल सर्किट को पर्यटन एवं ट्रैकिंग के रूप में विकसित करने के लिए कनेक्टिविटी को ध्यान रखते हुए दिशा-निर्देश के बोर्ड लगाए जाएंगे.
रोपवे परियोजना के तहत श्रद्धालु शीतकाल में भगवान केदारनाथ के दूर से दर्शन करते हुए केदारनाथ घाटी के आलौकिक लुत्फ उठा सकते हैं. संस्कृति विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए सतपाल महाराज ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली धनराशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है. इसके अलावा लोक कलाकारों का मानदेय भी दोगुना कर दिया गया है.
प्रदेश में विरासत की अंगीकार योजना लागू की गई है. तीलू रौतेली के नाम पर संग्रहालय बनाने की स्वीकृति मिल गई है. बागेश्वर, चंपावत, जोशीमठ, नरेंद्र नगर एवं उधमसिंह नगर में प्रेक्षाग्रह का निर्माण कार्य जारी है. सुमित्रानंदन पंत, वीथिका कौसानी जनपद बागेश्वर में उनके घर का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है. जबकि अनाशक्ति आश्रम, कौसानी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है. ऋषिकेश में हिमालय संग्रहालय का निर्माण कार्य और गढ़ीकैंट में हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का कार्य भी प्रगति पर है.