ऋषिकेश: कोरोना काल में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है, लेकिन कुछ युवा हैं, जो लोगों की सहायता करने में जुटे हैं. समूण फाउंडेशन से जुड़े युवाओं ने सरकार को आइना दिखाया है. फाउंडेशन के द्वारा पहाड़ के ग्रामीण इलाकों तक मदद पंहुचाई जा रही है.
कोरोना के कहर में जहां शहरों में संक्रमित मरीजों की संख्या का ग्राफ कम हो रहा है तो वहीं ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मरीजों की संख्या से सरकार और सामाजिक संस्थाएं चिंतित हैं. उत्तराखंड के गढ़वाल जोन में कई ग्रामीण इलाके ऐसे हैं, जहां सरकारी सुविधाएं अभी तक नहीं पहुंची है. ऐसे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. बता दें कि सामाजिक संस्था समूण फाउंडेशन ने सरकार को आइना दिखाते हुए ऐसे गांवों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम किया है, जहां ग्रामीणों की उम्मीद टूटने लगी थी.
पढे़ं: ऋषिकेश एम्स में मिले ब्लैक फंगस के 2 नए मरीज, सुशीला तिवारी अस्पताल में एक की मौत
राहत की खबर
ऋषिकेश में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है. ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर स्थित श्मशान घाट पर 28 मई से 31 मई तक कोई कोरोना संक्रमिक किसी भी शव को अंतिम संस्कार नहीं हुआ है. जबकि कुछ दिनों पहले तक स्थिति ये थी कि यहां रोज 10 से 12 संक्रमित शव दाह संस्कार के लिए पहुंच रहे थे. कई बार तो हालात इतने खराब हो जाते थे कि परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए एक दो दिन का इंतजार करना पड़ रहा था. हालांकि अब स्थिति सुधरने लगी है. बता दें कि चंद्रेश्वर नगर श्मशान घाट पर एम्स, राजकीय चिकित्सालय और जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल के कोरोना संक्रमित मृतकों को अंतिम संस्कार किया जाता था.
पढ़ें: एक 'पत्थर' को 'तलाश' और 'तराश' कर 'सितारा' बनाने वाले खुद जी रहे मुफलिसी की जिंदगी
राजकीय चिकित्सालय में वेंटिलेटर की सुविधा
राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के लिए हरिद्वार सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सांसद निधि पांच वेंटिलेटर दिए है. ऋषिकेश महापौर अनिता ममगाई ने सोमवार को वेंटिलेटर वार्ड का शुभारंभ किया.