ETV Bharat / state

फर्जी निकला सहसपुर गैंगरेप केस, इन लोगों को सबक सिखाने के लिए रची साजिश - डीआईजी अरुण मोहन जोशी

कथित सहसपुर गैंगरेप केस फर्जी निकला है. महिला अपने पति के रवैया से नाखुश होकर सबक सिखाने के लिए गैंगरेप की योजना बनाई थी. बताया जा रहा है कि महिला की कुछ महीने पहले शादी हुई थी, लेकिन पति ने उसे छोड़ दिया था. पढ़िए घटना की पूरी कहानी...

dehradun news
सहसपुर गैंगरेप केस
author img

By

Published : Oct 6, 2020, 8:21 PM IST

देहरादूनः उत्तर प्रदेश के हाथरस केस को लेकर जहां पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. वहीं, इस घटना को देखकर सहसपुर में एक महिला ने अपने पति समेत तीन लोगों को सबक सिखाने के चलते गैंगरेप की फर्जी कहानी रच डाली. मामले का खुलासा तब हुआ जब विस्तृत जांच पड़ताल और मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई. मामले में राजनीतिक पार्टियां भी सियासी रोटियां सेंकने से पीछे नहीं रहीं. इतना ही नहीं मामले को लेकर सूबे में चार दिनों तक खूब राजनीति हुई. जब मामला फर्जी निकला तो सब रफ्फूचकर हो गए.

दरअसल, बीते 3 अक्टूबर एक महिला ने सहसपुर थाने में एक तहरीर दी थी. जिसमें महिला ने बताया था कि वो किसी काम से सेलाकुई और सहसपुर थाना क्षेत्र के बीच बने पुल के नीचे से गुजर रही थी. तभी एक युवक ने उसके साथ छेड़छाड़ कर दी. उसके बाद दो अन्य युवक भी वहां आ धमके. पीड़िता ने आरोप लगाया कि तीनों ने उसके साथ गैंगरेप किया. हाथरस की घटना के बाद इस तरह की घटना सामने आने के बाद पुलिस महकमे भी हड़कंप मच गया. घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए डीआईजी अरुण मोहन जोशी मौके पर पहुंचे और जानकारी जुटाई.

फर्जी निकला कथित सहसपुर गैंगरेप केस.

ये भी पढ़ेंः कोर्ट मैरिज के बाद पत्नी को किसी और से हो गया प्यार, कोतवाली पहुंचा पति

वहीं, पुलिस ने घटना की बारीकी से जांच पड़ताल की. जिसमें गैंगरेप की घटना संदेहपूर्ण नजर आया. उधर, मेडिकल जांच में महिला के शरीर पर किसी तरह के अंदरूनी और बाहरी निशान नहीं पाए गए. इतना ही नहीं महिला के पिता ने भी अपने बयानों में साफ तौर पर कहा कि उनकी बेटी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ और वो मानसिक रूप से अस्वस्थ है. ऐसे में इस घटना को लेकर जब पुलिस का जांच का दायरा बढ़ाया और परत दर परत मामले की सचाई सामने आती गई. अब महिला ने भी अपने 164 के बयानों में यह कबूल किया है. उसने गैंगरेप की फर्जी कहानी रची थी.

गैंगरेप की फर्जी साजिश रचने वाली महिला की कहानी
जानकारी के मुताबिक, सहसपुर थाने के ठीक पीछे रहने वाली एक महिला का बीते 6 महीने पहले सेलाकुई निवासी एक युवक से जान पहचान हो गई थी. जिसके बाद दोनों ने शादी भी कर ली थी, लेकिन शादी के बाद पति को पता चला कि उसकी पत्नी गैर मजहबी है. बस इसी बात को लेकर पति ने पत्नी को छोड़ दिया. इधर, पति के इस रवैया से नाखुश होकर पत्नी अपने घर आकर लगातार पति को सबक सिखाने के लिए योजना बनाती रही.

वहीं, आरोप है कि महिला ने बीतों दिनों हाथरस की घटना को टीवी पर देखा और उसके बाद रात के समय थाना सहसपुर पहुंचकर अपने साथ गैंगरेप होने की शिकायत दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर अज्ञात लोगों की धरपकड़ शुरू की गई. हालांकि, इस बीच विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट और महिला के 164 समेत अहम लोगों के बयानों के आधार पर पता चला कि महिला के साथ किसी तरह का कोई गैंगरेप नहीं हुआ. यह कहानी उसने शादी के बाद छोड़कर जाने वाले पति को सबक सिखाने के लिए बनाई थी.

ये भी पढ़ेंः सहसपुर गैंगरेप मामले में नया मोड़, मेडिकल और पिता के बयानों से सामने आए नए तथ्य

गैंगरेप की फर्जी शिकायत दर्ज करवाने से वास्तविक शिकायतों पर पड़ता है असर: डीआईजी
मामले में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में फर्जी गैंगरेप शिकायत दर्ज कराना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. जबकि, इस तरह के मामले अपने आप में सभी के लिए चिंता का विषय हैं. ऐसे में उन लोगों की शिकायत पर भी कभी-कभी असर पड़ जाता है. जिनके साथ वास्तविक रूप में ऐसी गंभीर घटना घटित होती है.

डीआईजी जोशी ने माना कि इस मामले संवेदनशीलता को देखते हुए महिला के शिकायत पर तत्काल मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन विस्तृत जांच और मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी तरह का गैंगरेप का पुष्टि नहीं हुई. मामले में करीब सारे सबूत सामने आने के बाद महिला ने अपने 164 के बयान में भी अब गैंगरेप होने से इनकार किया है. ऐसे में किन निजी कारणों से उसने इस तरह का फर्जी ताना-बाना बुना. इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

देहरादूनः उत्तर प्रदेश के हाथरस केस को लेकर जहां पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. वहीं, इस घटना को देखकर सहसपुर में एक महिला ने अपने पति समेत तीन लोगों को सबक सिखाने के चलते गैंगरेप की फर्जी कहानी रच डाली. मामले का खुलासा तब हुआ जब विस्तृत जांच पड़ताल और मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई. मामले में राजनीतिक पार्टियां भी सियासी रोटियां सेंकने से पीछे नहीं रहीं. इतना ही नहीं मामले को लेकर सूबे में चार दिनों तक खूब राजनीति हुई. जब मामला फर्जी निकला तो सब रफ्फूचकर हो गए.

दरअसल, बीते 3 अक्टूबर एक महिला ने सहसपुर थाने में एक तहरीर दी थी. जिसमें महिला ने बताया था कि वो किसी काम से सेलाकुई और सहसपुर थाना क्षेत्र के बीच बने पुल के नीचे से गुजर रही थी. तभी एक युवक ने उसके साथ छेड़छाड़ कर दी. उसके बाद दो अन्य युवक भी वहां आ धमके. पीड़िता ने आरोप लगाया कि तीनों ने उसके साथ गैंगरेप किया. हाथरस की घटना के बाद इस तरह की घटना सामने आने के बाद पुलिस महकमे भी हड़कंप मच गया. घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए डीआईजी अरुण मोहन जोशी मौके पर पहुंचे और जानकारी जुटाई.

फर्जी निकला कथित सहसपुर गैंगरेप केस.

ये भी पढ़ेंः कोर्ट मैरिज के बाद पत्नी को किसी और से हो गया प्यार, कोतवाली पहुंचा पति

वहीं, पुलिस ने घटना की बारीकी से जांच पड़ताल की. जिसमें गैंगरेप की घटना संदेहपूर्ण नजर आया. उधर, मेडिकल जांच में महिला के शरीर पर किसी तरह के अंदरूनी और बाहरी निशान नहीं पाए गए. इतना ही नहीं महिला के पिता ने भी अपने बयानों में साफ तौर पर कहा कि उनकी बेटी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ और वो मानसिक रूप से अस्वस्थ है. ऐसे में इस घटना को लेकर जब पुलिस का जांच का दायरा बढ़ाया और परत दर परत मामले की सचाई सामने आती गई. अब महिला ने भी अपने 164 के बयानों में यह कबूल किया है. उसने गैंगरेप की फर्जी कहानी रची थी.

गैंगरेप की फर्जी साजिश रचने वाली महिला की कहानी
जानकारी के मुताबिक, सहसपुर थाने के ठीक पीछे रहने वाली एक महिला का बीते 6 महीने पहले सेलाकुई निवासी एक युवक से जान पहचान हो गई थी. जिसके बाद दोनों ने शादी भी कर ली थी, लेकिन शादी के बाद पति को पता चला कि उसकी पत्नी गैर मजहबी है. बस इसी बात को लेकर पति ने पत्नी को छोड़ दिया. इधर, पति के इस रवैया से नाखुश होकर पत्नी अपने घर आकर लगातार पति को सबक सिखाने के लिए योजना बनाती रही.

वहीं, आरोप है कि महिला ने बीतों दिनों हाथरस की घटना को टीवी पर देखा और उसके बाद रात के समय थाना सहसपुर पहुंचकर अपने साथ गैंगरेप होने की शिकायत दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर अज्ञात लोगों की धरपकड़ शुरू की गई. हालांकि, इस बीच विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट और महिला के 164 समेत अहम लोगों के बयानों के आधार पर पता चला कि महिला के साथ किसी तरह का कोई गैंगरेप नहीं हुआ. यह कहानी उसने शादी के बाद छोड़कर जाने वाले पति को सबक सिखाने के लिए बनाई थी.

ये भी पढ़ेंः सहसपुर गैंगरेप मामले में नया मोड़, मेडिकल और पिता के बयानों से सामने आए नए तथ्य

गैंगरेप की फर्जी शिकायत दर्ज करवाने से वास्तविक शिकायतों पर पड़ता है असर: डीआईजी
मामले में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में फर्जी गैंगरेप शिकायत दर्ज कराना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. जबकि, इस तरह के मामले अपने आप में सभी के लिए चिंता का विषय हैं. ऐसे में उन लोगों की शिकायत पर भी कभी-कभी असर पड़ जाता है. जिनके साथ वास्तविक रूप में ऐसी गंभीर घटना घटित होती है.

डीआईजी जोशी ने माना कि इस मामले संवेदनशीलता को देखते हुए महिला के शिकायत पर तत्काल मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन विस्तृत जांच और मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी तरह का गैंगरेप का पुष्टि नहीं हुई. मामले में करीब सारे सबूत सामने आने के बाद महिला ने अपने 164 के बयान में भी अब गैंगरेप होने से इनकार किया है. ऐसे में किन निजी कारणों से उसने इस तरह का फर्जी ताना-बाना बुना. इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.