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अवधेश कौशल ने पूर्व मुख्यमंत्री फैसिलिटी एक्ट-2019 को असंवैधानिक करार दिये जाने का किया स्वागत

वयोवृद्ध समाजसेवी और पद्मश्री अवधेश कौशल ने पूर्व मुख्यमंत्री फैसिलिटी एक्ट 2019 को असंवैधानिक ठहराए जाने पर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताया है.

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वयोवृद्ध समाजसेवी अवधेश कौशल
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Published : Jun 9, 2020, 2:15 PM IST

Updated : Jun 9, 2020, 2:33 PM IST

देहरादून : नैनीताल हाईकोर्ट ने मंगलवार यानि आज उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री फैसिलिटी एक्ट 2019 को असंवैधानिक घोषित किया है. कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से सरकारी आवास बिजली पानी व अन्य भत्तों का बकाया जमा करने के आदेश दिये हैं. वहीं, कोर्ट के इस फैसले का वयोवृद्ध समाजसेवी और पद्मश्री अवधेश कौशल ने स्वागत किया है.

वयोवृद्ध समाजसेवी और पद्मश्री अवधेश कौशल

वयोवृद्ध समाजसेवी का कहना है कि ये फैसला कानून सम्मत और स्वागत योग्य है. इससे पूरे देश के उन राजनेताओं तक संदेश जाएगा, जो जनता की गाढ़ी कमाई पर मौज उड़ाते हैं. उन्होंने कहा कि मात्र चार लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ये अध्यादेश लेकर आई थी. कोर्ट ने इस अध्यादेश को असंवैधानिक करार देकर राज्य सरकार को गलत ठहराया है. जो स्वागत योग्य है.

ये भी पढ़ें: नदियों में मशीनों से खनन पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 11 जून तक मांगा जवाब

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने वाले अधिनियम 2019 को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों के रूप में उन्हें दी गई अन्य सभी सुविधाओं के लिए खर्च किए गए धन की गणना करने और उसकी वसूली के लिए राज्य सरकार उत्तरदायी होगी. ऐसे में वयोवृद्ध समाजसेवी अवधेश कौशल ने कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि इस फैसले का संदेश ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि समूचे देश में जाएगा.

देहरादून : नैनीताल हाईकोर्ट ने मंगलवार यानि आज उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री फैसिलिटी एक्ट 2019 को असंवैधानिक घोषित किया है. कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से सरकारी आवास बिजली पानी व अन्य भत्तों का बकाया जमा करने के आदेश दिये हैं. वहीं, कोर्ट के इस फैसले का वयोवृद्ध समाजसेवी और पद्मश्री अवधेश कौशल ने स्वागत किया है.

वयोवृद्ध समाजसेवी और पद्मश्री अवधेश कौशल

वयोवृद्ध समाजसेवी का कहना है कि ये फैसला कानून सम्मत और स्वागत योग्य है. इससे पूरे देश के उन राजनेताओं तक संदेश जाएगा, जो जनता की गाढ़ी कमाई पर मौज उड़ाते हैं. उन्होंने कहा कि मात्र चार लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ये अध्यादेश लेकर आई थी. कोर्ट ने इस अध्यादेश को असंवैधानिक करार देकर राज्य सरकार को गलत ठहराया है. जो स्वागत योग्य है.

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बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने वाले अधिनियम 2019 को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों के रूप में उन्हें दी गई अन्य सभी सुविधाओं के लिए खर्च किए गए धन की गणना करने और उसकी वसूली के लिए राज्य सरकार उत्तरदायी होगी. ऐसे में वयोवृद्ध समाजसेवी अवधेश कौशल ने कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि इस फैसले का संदेश ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि समूचे देश में जाएगा.

Last Updated : Jun 9, 2020, 2:33 PM IST
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