देहरादून: उत्तराखंड राज्य की पांचवीं विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष पद पर गुरुवार को भाजपा की कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नामांकन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्रियों में प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य सहित कई विधायक मौजूद थे. कोटद्वार विधानसभा से विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण ने उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में पहली महिला प्रत्याशी के रूप में विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन भरा. विधानसभा सचिव के कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया पूर्ण की गई.
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए 24 एवं 25 मार्च नामांकन की तिथि रखी गई है, जबकि 26 मार्च को सदन में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन किया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों और विधायकों द्वारा ऋतु खंडूड़ी भूषण को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई.
नामांकन भरने के बाद ऋतु खंडूड़ी भूषण ने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि उत्तराखंड राज्य में महिलाओं के सम्मान करते हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उन्हें प्रत्याशी बनाया गया. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद वह प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करेंगी. साथ ही सदन की संसदीय परंपराओं के निर्वहन के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी. उन्होंने कहा कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करेंगी. साथ ही पद की गरिमा का पालन करेंगी.
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26 मार्च को चुना जाना है अध्यक्षः संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार ऋतु खंडूड़ी ने आज अपना नामांकन किया है और स्वाभाविक है कि भाजपा का ऋतु खंडूड़ी के लिए समर्थन है. वहीं नामांकन के लिए अन्य भी कोई सदस्य आगे आ सकता है, लेकिन सदन में समर्थन ना होने पर वह निर्वाचन में हार जाएगा. लेकिन उस परिस्थिती में चुनाव होंगे. विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल ने बताया कि अभी तक किसी और का नामांकन प्राप्त नहीं हुआ है और प्रक्रिया के तहत शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक किसी का नामांकन नहीं होता है तो 26 मार्च को ऋतु खंडूड़ी को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित कर दिया जाएगा.
ऋतु खंड़ड़ी का राजनीतिक सफरः पौड़ी जिले की जिस कोटद्वार विधानसभा सीट से 2012 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए भुवन चंद्र खंडूड़ी को हार का सामना करना पड़ा था, उसी कोटद्वार सीट पर उनकी बेटी ऋतु खंडूड़ी ने जीत दर्ज कर पिता की हार का बदला लिया है. कोटद्वार विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ऋतु खंडूड़ी ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नेगी को 3687 वोटों से हराया है.
ऋतु खंडूड़ी दूसरी बार विधायक बनी हैं. 2017 के विधासनभा चुनाव में ऋतु खंडूड़ी पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा सीट से चुनाव जीती थीं. हालांकि, इस बार बीजेपी ने उन्हें कोटद्वार विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था, जहां से कभी मुख्यमंत्री रहते हुए उनके पिता भुवन चंद्र खंडूड़ी की हार हुई थी. 2012 में सुरेंद्र सिंह नेगी ने ही भुवन चंद्र खंडूड़ी को हराया था. खंडूड़ी की हार से बीजेपी की सरकार बनते-बनते रह गई थी.
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ऐसे चुना जाता है विधानसभा अध्यक्ष: जब भी किसी प्रदेश में चुनाव होते हैं और नई सरकार बनती है तो विधानसभा में सबसे पहला काम होता है अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन करना, आमतौर पर सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन का कोई विधायक ही स्पीकर होता है. 2007 से 2012 तक बीजेपी विधायक विजया बड़थ्वाल को सर्वसम्मति से उत्तराखंड विधानसभा का पहला महिला डिप्टी स्पीकर चुना गया था.
सबसे वरिष्ठ सदस्य को स्पीकर चुना जाता है और ध्वनिमत से विधायक अपनी स्वीकृति देते हैं. स्पीकर का काम विधानसभा की कार्रवाई को संचालित करना होता है. वह संविधान के नियमों के मुताबिक सदन संचालित करता है, जब स्पीकर मौजूद नहीं होता है तो उपाध्यक्ष सदन संचालित करता है. सभी सदस्य स्पीकर का सम्मान करते हैं और उनकी हर बात ध्यान से सुनते हैं.
वैसे तो विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अब तक सीनियर विधायकों को ही जिम्मेदारी दी जाती रही है, लेकिन, इस बार हाईकमान ऋतु खंडूड़ी के नाम पर सहमति जताई है, जो बीजेपी के लिए एक बड़ा फैसला होगा. विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद होने के चलते इसमें जानकार विधायकों को ही जिम्मेदारी दी जाती है. एक पढ़ी-लिखी विधायक होने के चलते बीजेपी के लिए ऋतु खंडूड़ी के रूप में एक अच्छा विकल्प है.
चमोली की बहू हैं ऋतु खंडूड़ी: ऋतु खंडूड़ी के उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनने की खुशी में चमोली जनपद के पोखरी विकासखंड स्थित खाल गांव में भी जश्न का माहौल है. गांव की बहू के विधानसभा अध्यक्ष बनने पर ग्रामीणों को खुशी के साथ गर्व हो रहा है. खाल गांव कर्णप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग पर स्थित है.
ऋतु खंडूरी के पति राजेश भूषण बेंजवाल बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और केंद्र सरकार में स्वास्थ्य सचिव के पद पर तैनात हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहरी राज्यों में सरकारी सेवाओं के चलते एक पीढ़ी से राजेश भूषण बेंजवाल का परिवार गांव से बाहर ही रहता है. गांव के लोगों के साथ स्वयं उन्हें भी उम्मीद हैं कि अब विधानसभा अध्यक्ष बनने पर जरूर ऋतु खंडूड़ी अपने ससुराल जरूर आएंगी.