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ऋषिकेश नगर निगम को कूड़ा डंपिंग के लिए मिली 10 हेक्टेयर भूमि, अत्याधुनिक मशीनों से होगी शहर की सफाई

ऋषिकेश नगर निगम को कूड़ा डंपिंग के शासन से 10 हेक्टेयर भूमि की स्वीकृति विधिवत मिल चुकी है. इसके साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए ऋषिकेश नगर निगम ने स्वीपिंग मशीन खरीदी है.

Rishikesh Municipal Corporation
ऋषिकेश नगर निगम
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Published : Jan 1, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 8:24 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश के लोगों की बड़ी समस्या हल होने जा रही है. ऋषिकेश नगर निगम को कूड़ा डंपिंग के लिए शासन से 10 हेक्टेयर भूमि की स्वीकृति विधिवत मिल चुकी है. अब जल्द ही अत्याधुनिक मशीनों को लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

इसके साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए ऋषिकेश नगर निगम ने स्वीपिंग मशीन खरीदी है, जो नए साल के मौके पर ही बाजार की सड़कों पर साफ सफाई की व्यवस्था मुकम्मल करने के लिए निकल गई है. ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनिता ममगाईं ने हरी झंडी दिखाकर स्वीपिंग मशीन को रवाना किया है.

ऋषिकेश नगर निगम को कूड़ा डंपिंग के लिए मिली 10 हेक्टेयर भूमि

बता दें कि स्वीपिंग मशीन एक खास टेक्नोलॉजी की मशीन है, जिसमें वैक्यूम, झाड़ू और पोछे अत्याधुनिक तरीके से खुद ही सड़कों पर चलते हैं, जिससे कम समय में और कम कर्मचारियों के बेहतर सफाई की जाती है. इस महापौर ने बताया कि डंपिंग ग्राउंड में लगभग 40 प्रतिशत कचरे का लिगेसी टेक्नोलॉजी से निस्तारण कर दिया गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में मिले ओमीक्रोन के 4 नए मरीज, गुरुग्राम और अहमदाबाद से आए लोग मिले पॉजिटिव

उन्होंने दावा किया कि आगामी 2 महीने में शेष कचरे का भी निस्तारण कर डंपिंग ग्राउंड को खाली कर दिया जाएगा, जिसके बाद डंपिंग ग्राउंड को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी वन विभाग संभालेगा. फिलहाल, पौधारोपण कर ग्रीन बेल्ट को विकसित करने की काम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि डंपिंग ग्राउंड से हजारों टन कचरे का निस्तारण करना पासा नहीं था. पिछले चार दशक से कचरे के पहाड़ डंपिंग ग्राउंड में जमा थे. कचरे के पहाड़ का निस्तारण कर नगर निगम ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि इतिहास में दर्ज करा दी है. खास बात यह है कि लाल पानी में वन विभाग की मिली 10 एकड़ भूमि पर कभी भी कचरे के पहाड़ जमा नहीं होंगे. क्योंकि, वहां पर high-technology की मशीनों से कचरे का निस्तारण लगातार किया जाता रहेगा.

उन्होंने कहा कि शहर में साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था बेहतर करने के साथ ही अन्य कई विकास कार्य भी किए जा रहे हैं. यही नहीं 50 हजार डस्टबिन घरों में वितरित किए गए हैं, ताकी घरों से कचरा प्रथक होकर नगर निगम को मिले. वहीं, वेंडिंग जोन चौराहों का सौंदर्यीकरण और भवन कर में 50 प्रतिशत की छूट देने का काम भी नगर निगम ने किया है.

उन्होंने दावा किया कि नगर निगम के कार्यकाल के बचे 2 वर्षों के दौरान संजय झील का निर्माण, ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना और त्रिवेणी घाट पर मां गंगा के जल धारा को हमेशा गंगा घाट पर लाने के लिए चेक डाम का निर्माण कराना उनके प्राथमिकता में शामिल है.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश के लोगों की बड़ी समस्या हल होने जा रही है. ऋषिकेश नगर निगम को कूड़ा डंपिंग के लिए शासन से 10 हेक्टेयर भूमि की स्वीकृति विधिवत मिल चुकी है. अब जल्द ही अत्याधुनिक मशीनों को लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

इसके साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए ऋषिकेश नगर निगम ने स्वीपिंग मशीन खरीदी है, जो नए साल के मौके पर ही बाजार की सड़कों पर साफ सफाई की व्यवस्था मुकम्मल करने के लिए निकल गई है. ऋषिकेश नगर निगम की महापौर अनिता ममगाईं ने हरी झंडी दिखाकर स्वीपिंग मशीन को रवाना किया है.

ऋषिकेश नगर निगम को कूड़ा डंपिंग के लिए मिली 10 हेक्टेयर भूमि

बता दें कि स्वीपिंग मशीन एक खास टेक्नोलॉजी की मशीन है, जिसमें वैक्यूम, झाड़ू और पोछे अत्याधुनिक तरीके से खुद ही सड़कों पर चलते हैं, जिससे कम समय में और कम कर्मचारियों के बेहतर सफाई की जाती है. इस महापौर ने बताया कि डंपिंग ग्राउंड में लगभग 40 प्रतिशत कचरे का लिगेसी टेक्नोलॉजी से निस्तारण कर दिया गया है.

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उन्होंने दावा किया कि आगामी 2 महीने में शेष कचरे का भी निस्तारण कर डंपिंग ग्राउंड को खाली कर दिया जाएगा, जिसके बाद डंपिंग ग्राउंड को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी वन विभाग संभालेगा. फिलहाल, पौधारोपण कर ग्रीन बेल्ट को विकसित करने की काम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि डंपिंग ग्राउंड से हजारों टन कचरे का निस्तारण करना पासा नहीं था. पिछले चार दशक से कचरे के पहाड़ डंपिंग ग्राउंड में जमा थे. कचरे के पहाड़ का निस्तारण कर नगर निगम ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि इतिहास में दर्ज करा दी है. खास बात यह है कि लाल पानी में वन विभाग की मिली 10 एकड़ भूमि पर कभी भी कचरे के पहाड़ जमा नहीं होंगे. क्योंकि, वहां पर high-technology की मशीनों से कचरे का निस्तारण लगातार किया जाता रहेगा.

उन्होंने कहा कि शहर में साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था बेहतर करने के साथ ही अन्य कई विकास कार्य भी किए जा रहे हैं. यही नहीं 50 हजार डस्टबिन घरों में वितरित किए गए हैं, ताकी घरों से कचरा प्रथक होकर नगर निगम को मिले. वहीं, वेंडिंग जोन चौराहों का सौंदर्यीकरण और भवन कर में 50 प्रतिशत की छूट देने का काम भी नगर निगम ने किया है.

उन्होंने दावा किया कि नगर निगम के कार्यकाल के बचे 2 वर्षों के दौरान संजय झील का निर्माण, ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना और त्रिवेणी घाट पर मां गंगा के जल धारा को हमेशा गंगा घाट पर लाने के लिए चेक डाम का निर्माण कराना उनके प्राथमिकता में शामिल है.

Last Updated : Jan 1, 2022, 8:24 PM IST
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