ऋषिकेश: भाजपा पार्षदों (Rishikesh BJP Councilor) के केंद्रीय 14वें वित्त आयोग के साढ़े आठ करोड़ रुपए की धनराशि के खर्च में गड़बड़ी के आरोपों पर नगर आयुक्त ने सफाई दी है. उन्होंने बाकायदा आयोग से मिली रकम के खर्च का ब्यौरा सार्वजनिक किया है, जिसमें बकाया भुगतानों का जिक्र है. जबकि, कूड़ा निस्तारण के लिए उन्होंने अलग से साढ़े छह करोड़ रुपए की स्वीकृति की बात कही है.
कूड़ा निस्तारण (Rishikesh garbage disposal) को लेकर चल रहा धरना सातवें दिन भी जारी रहा. धरने को समाप्त कराने के लिए ऋषिकेश सहायक नगर आयुक्त (Rishikesh Municipal Corporation Commissioner) पहुंचे थे. लेकिन धरना दे रहे लोगों ने उनको बैरंग लौटा दिया. प्रदर्शनकारियों का साफ तौर पर कहना था कि लिखित आश्वासन के बाद ही धरना समाप्त किया जाएगा.
वहीं मामले में आयुक्त राहुल कुमार गोयल ने कार्यालय में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ पार्षदों ने केंद्रीय वित्त आयोग (central finance commission) की साढ़े आठ करोड़ रुपए की रकम को लेकर कई तरह के सवाल उठाए थे. उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह पूछा था कि आखिर यह रकम कहां गई. जवाब देते हुए नगर आयुक्त ने बताया कि केंद्रीय वित्त आयोग की रकम से हरिद्वार रोड किनारे डंपिंग ग्राउंड में जमा कचरे का निस्तारण किया जाता था.
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लेकिन इसबीच शासन से स्पेशल बजट प्रोविजन के तहत करीब साढ़े छह करोड़ रुपए की मंजूरी हुई, जिसके चलते केंद्रीय वित्त के पैसे से निगम पर विभिन्न कार्यों के बकाया का भुगतान किया गया. नगर आयुक्त ने बताया कि कूड़ा निस्तारण के लिए जल्द ही शासन से ढाई करोड़ रुपए के बजट में से पहली किश्त मिलने जा रही है. यह रकम मिलते ही युद्धस्तर पर डंपिंग ग्राउंड में कचरे का निस्तारण संबंधित एजेंसी से कराया जाएगा. उन्होंने पार्षदों के केंद्रीय वित्त आयोग की साढ़े आठ करोड़ रुपए के बजट में खर्च की गड़बड़ी के आरोपों को निराधार बताया है. इसलिए उन्होंने बकायदा एक सूची भी जारी की.