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AIIMS के डॉक्टरों ने बनाया कीर्तिमान, उत्तराखंड में पहली बार हुई थोरेसिक सर्जरी

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Published : Oct 2, 2019, 12:11 PM IST

ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने 12 साल की बच्ची की सफल सर्जरी की है. ये सर्जरी उत्तराखंड की पहली थोरेसिक सर्जरी है.

ऋषिकेश एम्स

ऋषिकेश: दिल्ली एम्स और ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने संयुक्त रूप से 12 वर्षीय बच्ची की सफल सर्जरी की है. इससे पहले उत्तराखंड के किसी भी संस्थान में ऐसी सर्जरी नहीं की गई थी. डॉक्टरों ने किशोरी के दायीं ओर के सीने से बड़ी गांठ को सफलता पूर्वक निकाल दिया है. इस तरह की सर्जरी के लिए लोगों को अन्य राज्यों में जाना पड़ता था. जिससे उनके समय के साथ-साथ पैसे भी अधिक खर्च होते थे. लेकिन अब इस सफल सर्जरी के बाद लोगों को लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा.

एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी एक 12 वर्षीय किशोरी के सीने में दायीं ओर बड़ी गांठ थी, जिसने पूरे दाएं फेफड़े को दबाया हुआ था. इस वजह से किशोरी को सांस लेने में तकलीफ होती थी. हर वक्त असहनीय दर्द रहता था. एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को दिल्ली एम्स के थोरेसिक सर्जन डॉ. विपलव मिश्रा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

Rishikesh AIIMS
ऋषिकेश एम्स

पढ़ें- गांधी @ 150 : रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने लॉन्च किया बापू का प्रिय भजन

ऋषिकेश एम्स के थोरेसिक सर्जरी के प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि बच्ची ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य है, मरीज को अस्पताल से जल्दी ही छुट्टी दे दी जाएगी.

ऋषिकेश: दिल्ली एम्स और ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों ने संयुक्त रूप से 12 वर्षीय बच्ची की सफल सर्जरी की है. इससे पहले उत्तराखंड के किसी भी संस्थान में ऐसी सर्जरी नहीं की गई थी. डॉक्टरों ने किशोरी के दायीं ओर के सीने से बड़ी गांठ को सफलता पूर्वक निकाल दिया है. इस तरह की सर्जरी के लिए लोगों को अन्य राज्यों में जाना पड़ता था. जिससे उनके समय के साथ-साथ पैसे भी अधिक खर्च होते थे. लेकिन अब इस सफल सर्जरी के बाद लोगों को लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा.

एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी एक 12 वर्षीय किशोरी के सीने में दायीं ओर बड़ी गांठ थी, जिसने पूरे दाएं फेफड़े को दबाया हुआ था. इस वजह से किशोरी को सांस लेने में तकलीफ होती थी. हर वक्त असहनीय दर्द रहता था. एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को दिल्ली एम्स के थोरेसिक सर्जन डॉ. विपलव मिश्रा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.

Rishikesh AIIMS
ऋषिकेश एम्स

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ऋषिकेश एम्स के थोरेसिक सर्जरी के प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि बच्ची ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य है, मरीज को अस्पताल से जल्दी ही छुट्टी दे दी जाएगी.

Intro:ऋषिकेश-- दिल्ली एम्स और ऋषिकेश एम्स के चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से सर्जरी करते हुए एक 12 वर्षीय बच्ची की सफल सर्जरी की है अभी तक इस तरह की सर्जरी उत्तराखंड के किसी भी सरकारी संस्थान में नहीं हो पाता था इसको लेकर लोगों को महानगरों मैं जाना पड़ता था जहां उनको समय के साथ साथ पैसे भी काफी खर्च हुआ करते थे लेकिन अभी सफल सर्जरी के बाद लोगों को अब लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा।


Body:वी/ओ--चिकित्सकों ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी एक 12 वर्षीय किशोरी की छाती के दायीं ओर काफी समय से बड़ी गांठ थी, जिसने पूरे दाएं फेफड़े को दबाया हुआ है। इस वजह से किशोरी को सांस लेने में तकलीफहोती थी व हरवक्त असहनीय दर्द रहता था। एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को दिल्ली एम्स के थोरेसिक सर्जन डा. विपलव मिश्रा के नेतृत्व में चिकित्सकीय टीम ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।                       


Conclusion:वी/ओ-- उन्होंने बताया कि किशोरी की छाती में बनी यह गांठ बुरी तरह से पूरे फेफड़े व फेफड़े की मुख्य धमनियों से चिपकी हुई थी। जिसे बड़ी सावधानी से मरीज की छाती से निकाला गया, एम्स ऋषिकेश के थोरेसिक सर्जरी के प्रभारी डा. मधुर उनियाल ने बताया कि बच्ची ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से स्वस्थ्य है, मरीज को अस्पताल से जल्दी छुट्टी दे दी जाएगी। 

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