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ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहकारिता विभाग कर रहा ये काम

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Published : May 25, 2020, 7:52 PM IST

सहकारिता राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभा कक्ष में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना उत्तराखंड की समीक्षा बैठक की, इस दौरान अपर निबंधक सहकारिता और राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आनंद शुक्ला ने पावर प्वाइंट के माध्यम से परियोजना की प्रगति पर प्रेजेंटेशन दिया.

Dehradun
प्रदेश में ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक

देहरादून: सहकारिता राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभा कक्ष में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना उत्तराखंड की समीक्षा बैठक की. इस दौरान अपर निबंधक सहकारिता और राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आनंद शुक्ला ने पावर प्वाइंट के माध्यम से परियोजना की प्रगति पर प्रेजेंटेशन दिया.

बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश में 55 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और लगभग 60 लाख लोग लाभान्वित होंगे, इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संकल्प से सिद्धि’ और वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने हेतु प्रदेश में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना तैयार की गई है, जिसका 14 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विधिवत शुभारम्भ किया गया था.

बता दें, इस महत्वकांक्षी परियोजना का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश की सहकारिताओं का सर्वांगीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हो रहे पलायन को रोकना, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और कृषकों के जीवन स्तर में सुधार करना है, उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा 3340 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है.

पढ़े- उत्तराखंड: कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद सभी 13 जिलों में बड़ा बदलाव, जानिए

वहीं, सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के जरिए स्वरोजगार को बढ़वा देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत दस क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा, जिसमें दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड़-बकरी पालन, कृषि और कृषि उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, विपणन, मॉर्डन बैंकिंग व सहकारी बैंक, सहकारिता और होम स्टे शामिल है, उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में कॉपरेटिव सेक्टर, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन और डेयरी के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं.

पढ़े- CORONA: दवाइयों का 'कॉकटेल' मरीजों के लिए संजीवनी, जानिए कैसे ठीक हो रहे मरीज

बैठक में परियोजना से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी कृषि जोत में सहकारी सामूहिक खेती की जाएगी, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों को खेतों से लेकर बाजार तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए विपणन सहकारी समितियों को सुदृढ़ किया जाएगा. वहीं, उन्होंने कोल्ड चेन विकसित करने, डेयरी फार्म की स्थापना करने सहित भेड़-बकरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस योजना से 55 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा जबकि 60 लाख लोग लाभान्वित होंगे.

देहरादून: सहकारिता राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभा कक्ष में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना उत्तराखंड की समीक्षा बैठक की. इस दौरान अपर निबंधक सहकारिता और राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आनंद शुक्ला ने पावर प्वाइंट के माध्यम से परियोजना की प्रगति पर प्रेजेंटेशन दिया.

बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश में 55 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और लगभग 60 लाख लोग लाभान्वित होंगे, इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संकल्प से सिद्धि’ और वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने हेतु प्रदेश में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना तैयार की गई है, जिसका 14 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विधिवत शुभारम्भ किया गया था.

बता दें, इस महत्वकांक्षी परियोजना का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश की सहकारिताओं का सर्वांगीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हो रहे पलायन को रोकना, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और कृषकों के जीवन स्तर में सुधार करना है, उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा 3340 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है.

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वहीं, सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के जरिए स्वरोजगार को बढ़वा देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत दस क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा, जिसमें दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड़-बकरी पालन, कृषि और कृषि उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन, विपणन, मॉर्डन बैंकिंग व सहकारी बैंक, सहकारिता और होम स्टे शामिल है, उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में कॉपरेटिव सेक्टर, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन और डेयरी के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं.

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बैठक में परियोजना से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी कृषि जोत में सहकारी सामूहिक खेती की जाएगी, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों को खेतों से लेकर बाजार तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए विपणन सहकारी समितियों को सुदृढ़ किया जाएगा. वहीं, उन्होंने कोल्ड चेन विकसित करने, डेयरी फार्म की स्थापना करने सहित भेड़-बकरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस योजना से 55 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा जबकि 60 लाख लोग लाभान्वित होंगे.

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