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ED की कार्रवाई के बाद ईटीवी भारत से बोले रिटायर्ड आईएफएस किशन चंद, अटैच संपत्ति पर एजेंसी को दिया ये जवाब - रिटायर्ड आईएफएस किशन चंद से ईडी ने की पूछताछ

Retired IFS officer Kishan Chand money laundering case रिटायर हो चुके आईएफएस अधिकारी किशन चंद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए ईडी को दी गई जानकारी के बारे में बताया है. किशन चंद ने कहा कि अटैच की गई उनकी संपत्ति का जो मूल्य एजेंसी द्वारा बताया गया है, उस पर उन्होंने अपना पक्ष रखा है. रिटायर्ड आईएफएस पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है.

Retired IFS officer Kishan Chand
किशन चंद समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 14, 2023, 12:38 PM IST

Updated : Dec 14, 2023, 5:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. पहले विजिलेंस फिर सीबीआई और अब ED ने भी किशन चंद के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. इस कड़ी में रिटायर्ड आईएफएस किशनचंद की 31 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच की गई है.

उत्तराखंड में तमाम मामलों को लेकर चर्चित रहे रिटायर्ड आईएफएस किशन चंद ने ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए अब तक हुई कार्रवाई और उस पर एजेंसी को दिए हुए जवाब की जानकारी दी. किशन चंद ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से की गई कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि एजेंसी की तरफ से उनकी जो संपत्ति अटैच की गई है और उसका मूल्य बताया गया है वो मौजूदा मार्केट वैल्यू के लिहाज से है. जबकि उनके द्वारा यह संपत्ति सालों पहले ही मार्केट वैल्यू से काफी कम कीमत में ली गयी थी.

दरअसल, किशन चंद पर मनी लांड्रिंग के तहत यह कार्रवाई की गई है. इसमें उनके हरिद्वार और रुड़की में स्थित भूमि और भवन के साथ स्कूल और स्टोन क्रशर प्लांट को भी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अटैच किया गया है. ईडी ने बताया है कि किशन चंद की ₹31.88 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों को आय से अधिक संपत्ति मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत अटैच किया गया है. यह संपत्तियां किशन चंद या उनके परिवार के नाम पर दर्ज हैं.

  • ED has provisionally attached immovable properties valued at Rs. 31.88 Crore in the form of School and Stone Crusher along with land and building situated at Haridwar and Roorkee belonging to the accused, Kishan Chand (IFoS) and his family members under the provisions of PMLA,…

    — ED (@dir_ed) December 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किशन चंद की उत्तराखंड में वन अधिकारी के रूप में लंबी सेवा रही है और एक प्रमोटी आईएफएस अधिकारी के रूप में उन्होंने कई प्रभागों में प्रभागीय वन अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाली है. रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशनचंद सबसे पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में कानूनी शिकंजे में आए थे. इस दौरान विजिलेंस ने उनकी जांच की और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई. अभी विजिलेंस की जांच चल ही रही थी कि इस दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरो टाइगर सफारी मामले पर विवाद हो गया. इस पर पहले विजिलेंस और फिर सीबीआई की जांच के आदेश हो गए. उधर अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है.

बड़ी बात ये है कि अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मामले में जिसमें पहले ही सीबीआई जांच कर रही है, उसे अब ED भी जल्द ही टेकअप कर सकती है. इस एजेंसी के द्वारा भी संबंधित मामले में जांच शुरू किए जाने की बात कही जा रही है.
ये भी पढ़ें: निलंबित IFS किशन चंद को मिली बड़ी राहत, HC ने दी सशर्त जमानत, पासपोर्ट जमा कराने का आदेश

देहरादून: उत्तराखंड में रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. पहले विजिलेंस फिर सीबीआई और अब ED ने भी किशन चंद के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. इस कड़ी में रिटायर्ड आईएफएस किशनचंद की 31 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच की गई है.

उत्तराखंड में तमाम मामलों को लेकर चर्चित रहे रिटायर्ड आईएफएस किशन चंद ने ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए अब तक हुई कार्रवाई और उस पर एजेंसी को दिए हुए जवाब की जानकारी दी. किशन चंद ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से की गई कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि एजेंसी की तरफ से उनकी जो संपत्ति अटैच की गई है और उसका मूल्य बताया गया है वो मौजूदा मार्केट वैल्यू के लिहाज से है. जबकि उनके द्वारा यह संपत्ति सालों पहले ही मार्केट वैल्यू से काफी कम कीमत में ली गयी थी.

दरअसल, किशन चंद पर मनी लांड्रिंग के तहत यह कार्रवाई की गई है. इसमें उनके हरिद्वार और रुड़की में स्थित भूमि और भवन के साथ स्कूल और स्टोन क्रशर प्लांट को भी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अटैच किया गया है. ईडी ने बताया है कि किशन चंद की ₹31.88 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियों को आय से अधिक संपत्ति मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत अटैच किया गया है. यह संपत्तियां किशन चंद या उनके परिवार के नाम पर दर्ज हैं.

  • ED has provisionally attached immovable properties valued at Rs. 31.88 Crore in the form of School and Stone Crusher along with land and building situated at Haridwar and Roorkee belonging to the accused, Kishan Chand (IFoS) and his family members under the provisions of PMLA,…

    — ED (@dir_ed) December 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

किशन चंद की उत्तराखंड में वन अधिकारी के रूप में लंबी सेवा रही है और एक प्रमोटी आईएफएस अधिकारी के रूप में उन्होंने कई प्रभागों में प्रभागीय वन अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाली है. रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशनचंद सबसे पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में कानूनी शिकंजे में आए थे. इस दौरान विजिलेंस ने उनकी जांच की और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई. अभी विजिलेंस की जांच चल ही रही थी कि इस दौरान कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाखरो टाइगर सफारी मामले पर विवाद हो गया. इस पर पहले विजिलेंस और फिर सीबीआई की जांच के आदेश हो गए. उधर अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है.

बड़ी बात ये है कि अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मामले में जिसमें पहले ही सीबीआई जांच कर रही है, उसे अब ED भी जल्द ही टेकअप कर सकती है. इस एजेंसी के द्वारा भी संबंधित मामले में जांच शुरू किए जाने की बात कही जा रही है.
ये भी पढ़ें: निलंबित IFS किशन चंद को मिली बड़ी राहत, HC ने दी सशर्त जमानत, पासपोर्ट जमा कराने का आदेश

Last Updated : Dec 14, 2023, 5:49 PM IST
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