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चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है सुरंग में अंदर जाना, फंसे बड़े बोल्डर राह में बने रोड़ा - तपोवन सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

तपोवन सुरंग में 25 से 30 लोगों के फंसे होने की उम्मीद है. यहीं कारण है कि पिछले चार दिनों से आईटीबीपी के साथ ही सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान लगातार दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं, लेकिन अब यह रेस्क्यू ऑपरेशन दिन पर दिन और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है.

Chamoli disaster news
सुरंग में अंदर की फोटो.
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Published : Feb 10, 2021, 4:37 PM IST

देहरादून: तपोवन टनल से मलबा निकालने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, ताकि वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके. रेस्क्यू टीम 180 मीटर अतक सुरंग के अंदर पहुंच भी चुकी है, लेकिन इससे आगे बढ़ने में रेस्क्यू टीम का काफी मुश्किलें हो रही हैं, क्योंकि सुरंग में मलब से साथ भारी बोल्डर आए है. जिन्हें निकालने के लिए आगे की रणनीति बनाई जा रही है.

जानकारी के मुताबिक तपोवन सुरंग में 25 से 30 लोगों के फंसे होने की उम्मीद है. यहीं कारण है कि पिछले चार दिनों से आईटीबीपी के साथ ही सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान लगातार दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं, लेकिन अब यह रेस्क्यू ऑपरेशन दिन पर दिन और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. क्योंकि तपोवन बैराज की जिस बड़ी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, वहां फिलहाल मलबा तो काफी कम हो चुका है, लेकिन टनल के अंदर सैलाब के साथ घुसे बड़े बोल्डर रेस्क्यू ऑपरेशन में रोड़ा डालने का काम कर रहे हैं.

पढ़ें- जोशीमठ रेस्क्यू LIVE: चमोली में बिगड़ा मौसम, प्रभावित हो सकता है राहत-बचाव कार्य

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि रेस्क्यू टीम वर्तमान में टनल के 180 मीटर अंदर तक पहुंच चुकी है, लेकिन टनल के अंदर मौजूद बड़े बोल्डर रेस्क्यू टीम का रास्ता रोकने का काम कर रहे हैं. ऐसे में यदि बोल्डरों को हटाने के लिए ब्लास्टिंग करते है तो टनल को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे टनल ध्वस्त भी हो सकती है. ऐसे में टनल के अंदर मौजूद बोल्डरों को किस तरह हटाया जाए इसके लिए एनटीपीसी के इंजीनियर विचार विमर्श कर रहे हैं.

बता दें कि 7 फरवरी की सुबह लगभग 10:30 के आसपास ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर टूट कर गिर गया था. जिसकी वजह से आए भारी जल सैलाब ने तबाही मचाई थी. वर्तमान में रेस्क्यू ऑपरेशन में 32 शव बरामद हो चुके हैं. वहीं 174 लोग अभी भी लापता है.

देहरादून: तपोवन टनल से मलबा निकालने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, ताकि वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके. रेस्क्यू टीम 180 मीटर अतक सुरंग के अंदर पहुंच भी चुकी है, लेकिन इससे आगे बढ़ने में रेस्क्यू टीम का काफी मुश्किलें हो रही हैं, क्योंकि सुरंग में मलब से साथ भारी बोल्डर आए है. जिन्हें निकालने के लिए आगे की रणनीति बनाई जा रही है.

जानकारी के मुताबिक तपोवन सुरंग में 25 से 30 लोगों के फंसे होने की उम्मीद है. यहीं कारण है कि पिछले चार दिनों से आईटीबीपी के साथ ही सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान लगातार दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं, लेकिन अब यह रेस्क्यू ऑपरेशन दिन पर दिन और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. क्योंकि तपोवन बैराज की जिस बड़ी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, वहां फिलहाल मलबा तो काफी कम हो चुका है, लेकिन टनल के अंदर सैलाब के साथ घुसे बड़े बोल्डर रेस्क्यू ऑपरेशन में रोड़ा डालने का काम कर रहे हैं.

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मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि रेस्क्यू टीम वर्तमान में टनल के 180 मीटर अंदर तक पहुंच चुकी है, लेकिन टनल के अंदर मौजूद बड़े बोल्डर रेस्क्यू टीम का रास्ता रोकने का काम कर रहे हैं. ऐसे में यदि बोल्डरों को हटाने के लिए ब्लास्टिंग करते है तो टनल को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे टनल ध्वस्त भी हो सकती है. ऐसे में टनल के अंदर मौजूद बोल्डरों को किस तरह हटाया जाए इसके लिए एनटीपीसी के इंजीनियर विचार विमर्श कर रहे हैं.

बता दें कि 7 फरवरी की सुबह लगभग 10:30 के आसपास ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर टूट कर गिर गया था. जिसकी वजह से आए भारी जल सैलाब ने तबाही मचाई थी. वर्तमान में रेस्क्यू ऑपरेशन में 32 शव बरामद हो चुके हैं. वहीं 174 लोग अभी भी लापता है.

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