देहरादून: राजधानी देहरादून में जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार के निर्देश पर आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल तक भिक्षावृत्ति करने वाली महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें 4 महिलाएं और 9 बच्चे शामिल हैं. सभी महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू कर मेडिकल कराकर सीडब्ल्यूसी (child welfare committee) के सामने पेश किया गया, जिसके बाद सभी बच्चों को परिजनों के सुपुर्द किया गया.
इसका संज्ञान लेते हुए जिला बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शहर में भीख मांगने वाली महिलाएं और बच्चों को रेस्क्यू कर सरकार के मानक के अनुरूप सुविधा मुहैया कराने को कहा है, जिससे इन सभी को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके. इस अभियान में समर्पण संस्था, मैक संस्था, जिला प्रोबेशन विभाग, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, चाइल्ड लाइन, आसरा ट्रस्ट और बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्य मौजूद रहे.
जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि अभियान को लेकर विभिन्न संस्थाओं और विभागों द्वारा आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल तक भिक्षावृत्ति करने वाली महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू किया गया. सभी महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू के बाद मेडिकल कराकर सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया, जिसके पश्चात सभी बच्चों को परिजनों के सुपुर्द किया गया.
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20 वर्षीय युवक को परिजनों को किया सुपुर्द: पौड़ी जिले के श्रीनगर नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत नाराज होकर घर छोड़ने के मामले में पुलिस ने युवक को बरामद कर लिया है. पुलिस ने युवक को सकुशल उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. एसएसपी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती 27 जून को श्रीनगर के बदरीनाथ रोड निवासी सतीश पुरी ने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका 20 साल का बेटा प्रियांशु पुरी नाराज होकर घर छोड़कर कहीं चला गया है.
बेटे के साथ घरवालों की किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी, जिससे नाराज होकर प्रियांशु कहीं चला गया है. पुलिस ने रिपोर्ट के बाद युवक की तलाश शुरू की. मित्रों और सगे संबंधियों से जानकारी जुटाने के बाद युवक को देहरादून से बरामद कर लिया गया, जिसे पुलिस ने सकुशल उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.