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उत्तराखंड के नेशनल हाईवे का हाल, जानें कब सुधरेंगी सड़कें - Condition of National Highway in Uttarakhand

ईटीवी भारत अपनी खास रिपोर्ट के जरिए बता रहा है कि उत्तराखंड में सड़क निर्माण में भूमि अधिग्रहण की नीति क्या है और देहरादून शहर की अंदरूनी सड़कों की हालत सुधरने में कितना समय लगेगा.

Status of National Highway of Uttarakhand
उत्तराखंड के हाईवे का हाल.
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Published : Mar 24, 2021, 5:03 AM IST

Updated : Mar 24, 2021, 11:38 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के राज्य मार्ग और नेशनल हाईवे की स्थिति क्या होती है, इसकी बानगी तस्वीरों के जरिए कई बार आपके सामने आ चुकी है. 24 मार्च को पीएचडी चैंबर द्वारा नेशनल रोड एंड हाईवे समिट का आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर देशभर के राज्यों में हाईवे की स्थिति पर समीक्षा की जाएगी.

एक सप्ताह तक चलने वाले इस सम्मेलन में सड़क परिवहन मंत्रालय भूमि अधिग्रहण की नीतियों के साथ-साथ सड़कों की गुणवत्ता और उपयोग को लेकर चर्चा करेगा. इस मौके पर अगर बात उत्तराखंड की करें तो प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें कई बार सुर्खियों में आ चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार उत्तराखंड में सड़क और हाईवे का जाल बिछा रही है.

उत्तराखंड के नेशनल हाईवे का हाल.

उत्तराखंड में मौजूद नेशनल हाईवे

उत्तराखंड में 3100 किलोमीटर में एनएच 7, एनएच 107, एनएच 307, एनएच 507, एनएच 707, एनएच 707A, एनएच 9, एनएच 109, एनएच 109D, एनएच 309, एनएच 309A, एनएच 309B, एनएच 30, एनएच 34, एनएच 134, एनएच 334, एनएच 334A, एनएच 534, एनएच 734, एनएच 344, एनएच 731K मौजूद हैं.

भारत माला परियोजना की 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में तकरीबन 100 किलोमीटर के पांच अलग-अलग डिविजन में 1627 करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. जिनमें से इस वित्तीय वर्ष में 30 किलोमीटर की शर्तें पूरी हो चुकी हैं. इसके साथ ही 238 किलोमीटर हाईवे की डीपीआर भारतमाला परियोजना के तहत बनाई जानी है.

उत्तराखंड में राष्ट्रीय परमिट शुल्क के तहत 24 करोड़ 31 लाख 42 हजार रुपए नवंबर 2020 तक गाड़ियों से वसूला गया है. इसके साथ ही रामनगर में यात्रियों के लिए उच्चस्तरीय बस पोर्ट का निर्माण कार्य प्रस्तावित है. भारत माला परियोजना की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 2020-21 में 915 करोड़ रुपए की लागत से सड़क और हाईवे का निर्माण हो रहा है. साथ ही 41.44 करोड़ की लागत से सुधारीकरण किया जा रहा है.

Status of National Highway of Uttarakhand
निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की जानकारी.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार की 'किलर' सड़कें, कर रहीं कोख सूनी!

शहरों को जोड़ते हाईवे

एनएच 7: 845 किमी लंबा ये राजमार्ग यह पश्चिम में भारत-पकिस्तान की सीमा के समीप स्थित पंजाब के फाज़िल्का को पूर्व में भारत-तिब्बत सीमा पर उत्तराखंड के माणा गांव से जोड़ता है.

एनएच 307: 46 किमी लंबा ये हाईवे उत्तराखंड में देहरादून से उत्तर प्रदेश में सहारनपुर तक जाता है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग 7 का एक शाखा मार्ग है.

एनएच 107: 74 किमी का ये हाईवे पूरी तरह उत्तराखंड में है और उत्तर में गौरीकुण्ड से दक्षिण में रुद्रप्रयाग तक जाता है.

एनएच 507: उत्तराखंड के हरबर्टपुर, विकासनगर, कालसी और बडकोट को जोड़ता है. 111.4 किमी लंबा रूट है.

एनएच 707: हाटकोटी से शुरू होता है और हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में समाप्त होता है. पांवटा साहिब के रास्ते में यह उत्तराखंड से होकर जाता है. राजमार्ग 151 किमी (94 मील) लंबा है.

एनएच 707A: यह राष्ट्रीय राजमार्ग 7 की ही शाखा है, जो 315 किमी तक लंबा है. राज्य में श्रीनगर के पास त्यूणी, चकराता, भिडियाना, मसूरी, नई टिहरी और मलीठा को जोड़ता है.

एनएच 9: 811 किमी लंबा ये हाईवे पंजाब के मलौट से शुरू होता है और पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) जिले में समाप्त होता है. यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होकर गुजरता है.

एनएच 109: हाईवे एनएच 9 के साथ अपने जंक्शन से शुरू होता है और रुद्रपुर, पंतनगर, हल्द्वानी, काठगोदाम, नैनीताल, भमोली, अल्मोड़ा, रानीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया, गलसैन और आदि बद्री को जोड़ता है. कर्णप्रयाग के पास एनएच 7 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होता है. यह उधम सिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा और गढ़वाल में चमोली जिलों में 284 किमी की दूरी तय करता है. ये हाईवे 284 किमी लंबा है.

एनएच 309: रुद्रपुर शहर को श्रीनगर से जोड़ने वाला राजमार्ग है. ये हाईवे 287 किमी लंबा है.

एनएच 309A: 126 किमी की ये सड़क यह रामेश्वर से शुरू होकर अल्मोड़ा में समाप्त होती है. ये हाईवे पूरी तरह से उत्तराखंड में है और पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा से गुजरता है. राष्ट्रीय राजमार्ग 309A विभिन्न जिलों और शहरों के शहरों को इस प्रकार जोड़ता है- रामेश्वर, गंगोलीहाट, बेरीनाग, चौकोरी, कांडा, बागेश्वर, ताकुला, अल्मोड़ा.

एनएच 309B: 82 किमी लंबा यह हाईवे राष्ट्रीय राजमार्ग 9 की एक शाखा है. उत्तराखंड में अल्मोड़ा से शुरू होकर रामेश्वर के पास पनार तक समाप्त होता है.

एनएच 30: ये रूट उत्तराखंड के सितारगंज को इब्राहिमपटनम, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से जोड़ता है. इस राजमार्ग की कुल लंबाई 1,984.3 किमी (1,233.0 मील) है. यह एनएच 9 के सितारगंज में जंक्शन से शुरू होता है और इब्राहिमपटनम विजयवाड़ा में एनएच 65 के जंक्शन पर समाप्त होता है. NH-30 भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों के बीच से गुजरता है.

एनएच 34: 1,426 किमी लंबा ये राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तराखंड में गंगोत्री धाम से लेकर उत्तर प्रदेश राज्य से होकर मध्य प्रदेश के सिवनी के लखनादौन तक जाता है.

एनएच 134: 95 किमी का यह राष्ट्रीय राजमार्ग 34 की ही शाखा है जो पूरी तरह उत्तराखंड में है. धरासू से कुथनौर और फिर यमुनोत्री में ये हाईवे खत्म हो जाता है.

एनएच 334: 207 किमी की ये सड़क हरिद्वार से शुरू होकर रुड़की, यूपी के मुजफ्फनगर, मेरठ और हापुड़ होते हुए बुलंदशहर तक जाती है.

एनएच 334A: 61.5 किमी की ये सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 334 की ही शाखा है, जो यूपी के पुरकाजी (मुजफ्फरनगर जिला) से शुरू होकर हरिद्वार में समाप्त होती है.

एनएच 534: 151 किमी का ये हाईवे यूपी के नजीबाबाद शहर से बुआखाल (पौड़ी, उत्तराखंड) को जोड़ता है.

एनएच 734: 108 किमी का ये हाईवे यूपी के नजीबाबाद से नगीना होते हुए काशीपुर तक जाता है.

एनएच 344: हरियाणा के अंबाला से लेकर उत्तराखंड के रुड़की तक चलता है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का एक माध्यमिक मार्ग है. NH-344 भारत के हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बीच चलता है.

ये भी पढ़ें: राज्य स्थापना दिवस: विकास के रास्ते पर बढ़ा पहाड़, प्रदेश में बिछा सड़कों का जाल

एनएच 731K: 109 किमी लंबा ये राजमार्ग NH31 का एक माध्यमिक मार्ग है. NH-731K उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों को जोड़ता है. उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर से शुरू होकर बीसलपुर, बरखेरा, पीलीभीत, नोरिया हुसैनपुर, मझोला, चंदा, मुंडेली और उत्तराखंड के खटीमा को जोड़ता है.

हाल ही में देहरादून शहर में कई फ्लाईओवर बनाए गए हैं. हाल ही में प्रस्तावित देहरादून-हरिद्वार सड़क चौड़ीकरण का काम अपने अंतिम चरण में है. इस चौड़ीकरण के बाद सबसे ज्यादा मुसीबत बनने वाले जोगीवाला चौक पर सड़क चौड़ीकरण को लेकर सरकार द्वारा योजना बनाई जा रही है. इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के एचओडी हरिओम शर्मा ने बताया कि इस संबंध में कार्य योजना तैयार की जा चुकी है और जल्द ही मंत्रालय से हरी झंडी मिलने की तैयारी है.

शहर की आंतरिक सड़कों की स्थिति
प्रदेश में नेशनल हाईवे को लेकर बड़े स्तर पर काम हो रहा है. बड़े शहरों के आंतरिक इलाकों में सड़कों को लेकर हमेशा सवाल किए जाते हैं. बात अगर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण शहर देहरादून की करें तो देहरादून शहर की सड़कें इस समय खुदी हुईं हैं. विभाग का कहना है शहर में चल रहे स्मार्ट सिटी और पेयजल निगम के कार्यों के चलते सड़कों को खोदा गया है. लेकिन जल्द ही शहर की सड़कें सही मिलेंगी. सड़कों को ठीक करने की तिथि 25 मार्च रखी गई है और इसके बाद शहर की सड़कें चमचमाती मिलेंगी.

देहरादून: उत्तराखंड के राज्य मार्ग और नेशनल हाईवे की स्थिति क्या होती है, इसकी बानगी तस्वीरों के जरिए कई बार आपके सामने आ चुकी है. 24 मार्च को पीएचडी चैंबर द्वारा नेशनल रोड एंड हाईवे समिट का आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर देशभर के राज्यों में हाईवे की स्थिति पर समीक्षा की जाएगी.

एक सप्ताह तक चलने वाले इस सम्मेलन में सड़क परिवहन मंत्रालय भूमि अधिग्रहण की नीतियों के साथ-साथ सड़कों की गुणवत्ता और उपयोग को लेकर चर्चा करेगा. इस मौके पर अगर बात उत्तराखंड की करें तो प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें कई बार सुर्खियों में आ चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार उत्तराखंड में सड़क और हाईवे का जाल बिछा रही है.

उत्तराखंड के नेशनल हाईवे का हाल.

उत्तराखंड में मौजूद नेशनल हाईवे

उत्तराखंड में 3100 किलोमीटर में एनएच 7, एनएच 107, एनएच 307, एनएच 507, एनएच 707, एनएच 707A, एनएच 9, एनएच 109, एनएच 109D, एनएच 309, एनएच 309A, एनएच 309B, एनएच 30, एनएच 34, एनएच 134, एनएच 334, एनएच 334A, एनएच 534, एनएच 734, एनएच 344, एनएच 731K मौजूद हैं.

भारत माला परियोजना की 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में तकरीबन 100 किलोमीटर के पांच अलग-अलग डिविजन में 1627 करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. जिनमें से इस वित्तीय वर्ष में 30 किलोमीटर की शर्तें पूरी हो चुकी हैं. इसके साथ ही 238 किलोमीटर हाईवे की डीपीआर भारतमाला परियोजना के तहत बनाई जानी है.

उत्तराखंड में राष्ट्रीय परमिट शुल्क के तहत 24 करोड़ 31 लाख 42 हजार रुपए नवंबर 2020 तक गाड़ियों से वसूला गया है. इसके साथ ही रामनगर में यात्रियों के लिए उच्चस्तरीय बस पोर्ट का निर्माण कार्य प्रस्तावित है. भारत माला परियोजना की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 2020-21 में 915 करोड़ रुपए की लागत से सड़क और हाईवे का निर्माण हो रहा है. साथ ही 41.44 करोड़ की लागत से सुधारीकरण किया जा रहा है.

Status of National Highway of Uttarakhand
निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की जानकारी.

ये भी पढ़ें: हरिद्वार की 'किलर' सड़कें, कर रहीं कोख सूनी!

शहरों को जोड़ते हाईवे

एनएच 7: 845 किमी लंबा ये राजमार्ग यह पश्चिम में भारत-पकिस्तान की सीमा के समीप स्थित पंजाब के फाज़िल्का को पूर्व में भारत-तिब्बत सीमा पर उत्तराखंड के माणा गांव से जोड़ता है.

एनएच 307: 46 किमी लंबा ये हाईवे उत्तराखंड में देहरादून से उत्तर प्रदेश में सहारनपुर तक जाता है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग 7 का एक शाखा मार्ग है.

एनएच 107: 74 किमी का ये हाईवे पूरी तरह उत्तराखंड में है और उत्तर में गौरीकुण्ड से दक्षिण में रुद्रप्रयाग तक जाता है.

एनएच 507: उत्तराखंड के हरबर्टपुर, विकासनगर, कालसी और बडकोट को जोड़ता है. 111.4 किमी लंबा रूट है.

एनएच 707: हाटकोटी से शुरू होता है और हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में समाप्त होता है. पांवटा साहिब के रास्ते में यह उत्तराखंड से होकर जाता है. राजमार्ग 151 किमी (94 मील) लंबा है.

एनएच 707A: यह राष्ट्रीय राजमार्ग 7 की ही शाखा है, जो 315 किमी तक लंबा है. राज्य में श्रीनगर के पास त्यूणी, चकराता, भिडियाना, मसूरी, नई टिहरी और मलीठा को जोड़ता है.

एनएच 9: 811 किमी लंबा ये हाईवे पंजाब के मलौट से शुरू होता है और पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) जिले में समाप्त होता है. यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होकर गुजरता है.

एनएच 109: हाईवे एनएच 9 के साथ अपने जंक्शन से शुरू होता है और रुद्रपुर, पंतनगर, हल्द्वानी, काठगोदाम, नैनीताल, भमोली, अल्मोड़ा, रानीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया, गलसैन और आदि बद्री को जोड़ता है. कर्णप्रयाग के पास एनएच 7 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होता है. यह उधम सिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा और गढ़वाल में चमोली जिलों में 284 किमी की दूरी तय करता है. ये हाईवे 284 किमी लंबा है.

एनएच 309: रुद्रपुर शहर को श्रीनगर से जोड़ने वाला राजमार्ग है. ये हाईवे 287 किमी लंबा है.

एनएच 309A: 126 किमी की ये सड़क यह रामेश्वर से शुरू होकर अल्मोड़ा में समाप्त होती है. ये हाईवे पूरी तरह से उत्तराखंड में है और पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा से गुजरता है. राष्ट्रीय राजमार्ग 309A विभिन्न जिलों और शहरों के शहरों को इस प्रकार जोड़ता है- रामेश्वर, गंगोलीहाट, बेरीनाग, चौकोरी, कांडा, बागेश्वर, ताकुला, अल्मोड़ा.

एनएच 309B: 82 किमी लंबा यह हाईवे राष्ट्रीय राजमार्ग 9 की एक शाखा है. उत्तराखंड में अल्मोड़ा से शुरू होकर रामेश्वर के पास पनार तक समाप्त होता है.

एनएच 30: ये रूट उत्तराखंड के सितारगंज को इब्राहिमपटनम, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से जोड़ता है. इस राजमार्ग की कुल लंबाई 1,984.3 किमी (1,233.0 मील) है. यह एनएच 9 के सितारगंज में जंक्शन से शुरू होता है और इब्राहिमपटनम विजयवाड़ा में एनएच 65 के जंक्शन पर समाप्त होता है. NH-30 भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों के बीच से गुजरता है.

एनएच 34: 1,426 किमी लंबा ये राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तराखंड में गंगोत्री धाम से लेकर उत्तर प्रदेश राज्य से होकर मध्य प्रदेश के सिवनी के लखनादौन तक जाता है.

एनएच 134: 95 किमी का यह राष्ट्रीय राजमार्ग 34 की ही शाखा है जो पूरी तरह उत्तराखंड में है. धरासू से कुथनौर और फिर यमुनोत्री में ये हाईवे खत्म हो जाता है.

एनएच 334: 207 किमी की ये सड़क हरिद्वार से शुरू होकर रुड़की, यूपी के मुजफ्फनगर, मेरठ और हापुड़ होते हुए बुलंदशहर तक जाती है.

एनएच 334A: 61.5 किमी की ये सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 334 की ही शाखा है, जो यूपी के पुरकाजी (मुजफ्फरनगर जिला) से शुरू होकर हरिद्वार में समाप्त होती है.

एनएच 534: 151 किमी का ये हाईवे यूपी के नजीबाबाद शहर से बुआखाल (पौड़ी, उत्तराखंड) को जोड़ता है.

एनएच 734: 108 किमी का ये हाईवे यूपी के नजीबाबाद से नगीना होते हुए काशीपुर तक जाता है.

एनएच 344: हरियाणा के अंबाला से लेकर उत्तराखंड के रुड़की तक चलता है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का एक माध्यमिक मार्ग है. NH-344 भारत के हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बीच चलता है.

ये भी पढ़ें: राज्य स्थापना दिवस: विकास के रास्ते पर बढ़ा पहाड़, प्रदेश में बिछा सड़कों का जाल

एनएच 731K: 109 किमी लंबा ये राजमार्ग NH31 का एक माध्यमिक मार्ग है. NH-731K उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों को जोड़ता है. उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर से शुरू होकर बीसलपुर, बरखेरा, पीलीभीत, नोरिया हुसैनपुर, मझोला, चंदा, मुंडेली और उत्तराखंड के खटीमा को जोड़ता है.

हाल ही में देहरादून शहर में कई फ्लाईओवर बनाए गए हैं. हाल ही में प्रस्तावित देहरादून-हरिद्वार सड़क चौड़ीकरण का काम अपने अंतिम चरण में है. इस चौड़ीकरण के बाद सबसे ज्यादा मुसीबत बनने वाले जोगीवाला चौक पर सड़क चौड़ीकरण को लेकर सरकार द्वारा योजना बनाई जा रही है. इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के एचओडी हरिओम शर्मा ने बताया कि इस संबंध में कार्य योजना तैयार की जा चुकी है और जल्द ही मंत्रालय से हरी झंडी मिलने की तैयारी है.

शहर की आंतरिक सड़कों की स्थिति
प्रदेश में नेशनल हाईवे को लेकर बड़े स्तर पर काम हो रहा है. बड़े शहरों के आंतरिक इलाकों में सड़कों को लेकर हमेशा सवाल किए जाते हैं. बात अगर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण शहर देहरादून की करें तो देहरादून शहर की सड़कें इस समय खुदी हुईं हैं. विभाग का कहना है शहर में चल रहे स्मार्ट सिटी और पेयजल निगम के कार्यों के चलते सड़कों को खोदा गया है. लेकिन जल्द ही शहर की सड़कें सही मिलेंगी. सड़कों को ठीक करने की तिथि 25 मार्च रखी गई है और इसके बाद शहर की सड़कें चमचमाती मिलेंगी.

Last Updated : Mar 24, 2021, 11:38 AM IST
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