देहरादून: टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों की पुनर्वास संबंधी वर्षों पुरानी समस्याओं का निराकरण अगले दो महीनों में हो जाएगा. इस संबंध में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने दिल्ली में ऊर्जा राज्य मंत्री राजीव कुमार सिंह से मुलाकात की थी. इस मामले में आज टिहरी बांध विस्थापितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सतपाल महाराज से मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया.
इस मौके पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ बैठक हुई थी. बैठक में निर्णय लिया गया था कि विस्थापितों की वर्षों पुरानी लंबित मांगों का निराकरण अगले दो महीने के भीतर कर दिया जायेगा. भूमि की वैल्यूएशन के लिए ऊर्जा सचिव, भारत सरकार और सिंचाई सचिव, उत्तराखंड सरकार दोनों मिलकर समाधान निकालेंगे. यही नहीं टीएचडीसी मुख्यालय के स्थानांतरण को लेकर काफी समय से जो भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, उस संबंध में भी सिंचाई मंत्री ने बताया कि टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश से कहीं भी अन्यत्र स्थानांतरित नहीं होगा.
टीएचडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर और प्रमोशन के लिए पॉलिसी बनाई जाएगी. इसके साथ ही टिहरी बांध विस्थापितों के लिए निःशुल्क सीवर और पानी की व्यवस्था के साथ-साथ आधे दाम पर बिजली देने के लिए जल्द ही एक कमेटी का गठन भी किया जायेगा. उन्होंने बताया कि टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर क्षेत्र के लिए 7 बोट और 2 बसों को संचालित किये जाने के साथ ही टीएचडीसी के पास उपलब्ध 21 हेक्टेयर भूमि को भी वह वापस करेगा.
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टीएचडीसी ने न्यायालय में जो याचिका दायर की थी उन वादों को वापस लेने पर भी बैठक में निर्णय लिया गया था. सिंचाई मंत्री ने बताया कि घनसाली महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए सीएसआर फंड से धनराशि दिये जाने के साथ ही समय पर सभी समस्याओं के समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किये पर भी सहमति बनी है.
वहीं, टिहरी बांध प्रभावित पुनर्वास जन संयुक्त समिति के उपाध्यक्ष विजय सिंह बिष्ट ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि किसी राज्य के सिंचाई मंत्री के नेतृत्व में विस्थापितों की सभी समस्याओं का समाधान संभव हो पाएगा. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों से ही टिहरी बांध विस्थापितों की सभी समस्याओं का समाधान अब न्यायालय की परिधि के बाहर किया जाएगा.