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यूं ही टीम मोदी में शामिल नहीं हुए निशंक, रामदेव से मिला है 'आशीर्वाद'

आखिरकार हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को उनकी मांगी मुराद मिल ही गई. पिछली मोदी कैबिनेट में जगह न बना पाये निशंक टीम मोदी 2 का हिस्सा बनेंगे. केंद्र में मंत्री बनने की अपनी ख्वाहिश को निशंक ईटीवी भारत के साथ साझा कर चुके हैं.

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक.
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Published : May 30, 2019, 3:18 PM IST

Updated : May 30, 2019, 6:02 PM IST

देहरादून: हरिद्वार से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गये पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने मोदी कैबिनेट में जगह पक्की कर ली है. 30 मई शाम 7 बजे से होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में निशंक भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे. हालांकि, उत्तराखंड से सभी पांचों सांसद केंद्र में पहुंचने के लिये जोर आजमाइश कर रहे थे लेकिन पिछली बार केंद्रीय कैबिनेट में अपनी जगह न बना सके निशंक ने इस बार पूरी तैयारी कर ली थी जिसका परिणाम भी उनके पक्ष में आया है. आइए जानते हैं कि आखिर तीरथ सिंह रावत, माला राज्य लक्ष्मी शाह, अजय भट्ट और अजय टम्टा से इतर निशंक को टीम मोदी के लिए क्यों चुना गया है.

निशंक के चुनाव के पीछे कई कारण हैं जिनपर हम सिलसिलेवार तरीके से बात करेंगे-

पहला कारण
दरअसल, उत्तराखंड की राजनीति जातीय समीकरण के आधार पर चलती है. मौजूदा दौर में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत क्षत्रीय यानी ठाकुर हैं और रमेश पोखरियाल निशंक ब्राह्मण समाज से आते हैं. उत्तराखंड में ठाकुर और ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से रहा है और इनके वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में एक को मुख्यमंत्री और एक को केंद्र में जगह देने का मतलब साफ है कि दोनों ही जातियों को केंद्र ने साधने का काम किया है.

दूसरा कारण
बनारस के बाद हरिद्वार हिंदुओं की सबसे बड़ी और हिंदुत्व की सबसे बड़ी नगरी है. ऐसा माना जा रहा है कि साल 2024 का चुनाव गंगा को ध्यान में रखते हुये लड़ा जाएगा. लिहाजा हरिद्वार संसदीय क्षेत्र को इसलिए भी केंद्र ने महत्व दिया गया है.

तीसरा कारण
हरिद्वार में अल्पसंख्यक समाज के वोटरों की संख्या भी बेहद अधिक है. लिहाजा हरिद्वार के सांसद को महत्व देकर यह जताने की भी कोशिश की जाएगी कि वह अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं.

चौथा कारण
साल 2021 में सदी का सबसे बड़ा महाकुंभ हरिद्वार में लगेगा, जिसकी रूपरेखा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तैयार कर रहे हैं. 4 महीने तक चलने वाले इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु तो आएंगे ही साथ ही साथ संत समाज का बड़ा तबका यहां डेरा डालता है. ऐसे में हरिद्वार में इस दौरान बड़े काम होंगे. एक यह भी वजह है कि हरिद्वार को केंद्र में जगह दी गई है.

पांचवा कारण
उत्तराखंड की राजनीति में पांचों सांसदों को अगर देखा जाए तो रमेश पोखरियाल निशंक इन सभी में सबसे ज्यादा अनुभवी हैं और उनके पास सरकार चलाने का अनुभव भी है. ऐसे में 16वीं लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद वह सांसद तो बन गए थे लेकिन उनसे जूनियर सांसद अजय टम्टा को केंद्र में उस वक्त मंत्री बनाया गया था लेकिन इस बार उनके अनुभव को देखकर ही केंद्र में उन्हें जगह दी जा रही है.

सूत्र कहते हैं कि...
वहीं, सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र में जगह दिलवाने में योग गुरू बाबा रामदेव का बड़ा हाथ है. टिकट मिलने से पहले, टिकट मिलने के बाद, मतदान से पहले और मतदान के बाद तक रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वामी रामदेव से कई बार मुलाकात की है. हरिद्वार की सीट पर स्वामी रामदेव का हाथ हमेशा से रहा है. साल 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सारथी रहे योग गुरू रामदेव के संपर्क में विधायक से लेकर सांसद लगातार रहते हैं.

देहरादून: हरिद्वार से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गये पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने मोदी कैबिनेट में जगह पक्की कर ली है. 30 मई शाम 7 बजे से होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में निशंक भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे. हालांकि, उत्तराखंड से सभी पांचों सांसद केंद्र में पहुंचने के लिये जोर आजमाइश कर रहे थे लेकिन पिछली बार केंद्रीय कैबिनेट में अपनी जगह न बना सके निशंक ने इस बार पूरी तैयारी कर ली थी जिसका परिणाम भी उनके पक्ष में आया है. आइए जानते हैं कि आखिर तीरथ सिंह रावत, माला राज्य लक्ष्मी शाह, अजय भट्ट और अजय टम्टा से इतर निशंक को टीम मोदी के लिए क्यों चुना गया है.

निशंक के चुनाव के पीछे कई कारण हैं जिनपर हम सिलसिलेवार तरीके से बात करेंगे-

पहला कारण
दरअसल, उत्तराखंड की राजनीति जातीय समीकरण के आधार पर चलती है. मौजूदा दौर में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत क्षत्रीय यानी ठाकुर हैं और रमेश पोखरियाल निशंक ब्राह्मण समाज से आते हैं. उत्तराखंड में ठाकुर और ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से रहा है और इनके वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में एक को मुख्यमंत्री और एक को केंद्र में जगह देने का मतलब साफ है कि दोनों ही जातियों को केंद्र ने साधने का काम किया है.

दूसरा कारण
बनारस के बाद हरिद्वार हिंदुओं की सबसे बड़ी और हिंदुत्व की सबसे बड़ी नगरी है. ऐसा माना जा रहा है कि साल 2024 का चुनाव गंगा को ध्यान में रखते हुये लड़ा जाएगा. लिहाजा हरिद्वार संसदीय क्षेत्र को इसलिए भी केंद्र ने महत्व दिया गया है.

तीसरा कारण
हरिद्वार में अल्पसंख्यक समाज के वोटरों की संख्या भी बेहद अधिक है. लिहाजा हरिद्वार के सांसद को महत्व देकर यह जताने की भी कोशिश की जाएगी कि वह अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं.

चौथा कारण
साल 2021 में सदी का सबसे बड़ा महाकुंभ हरिद्वार में लगेगा, जिसकी रूपरेखा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तैयार कर रहे हैं. 4 महीने तक चलने वाले इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु तो आएंगे ही साथ ही साथ संत समाज का बड़ा तबका यहां डेरा डालता है. ऐसे में हरिद्वार में इस दौरान बड़े काम होंगे. एक यह भी वजह है कि हरिद्वार को केंद्र में जगह दी गई है.

पांचवा कारण
उत्तराखंड की राजनीति में पांचों सांसदों को अगर देखा जाए तो रमेश पोखरियाल निशंक इन सभी में सबसे ज्यादा अनुभवी हैं और उनके पास सरकार चलाने का अनुभव भी है. ऐसे में 16वीं लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद वह सांसद तो बन गए थे लेकिन उनसे जूनियर सांसद अजय टम्टा को केंद्र में उस वक्त मंत्री बनाया गया था लेकिन इस बार उनके अनुभव को देखकर ही केंद्र में उन्हें जगह दी जा रही है.

सूत्र कहते हैं कि...
वहीं, सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र में जगह दिलवाने में योग गुरू बाबा रामदेव का बड़ा हाथ है. टिकट मिलने से पहले, टिकट मिलने के बाद, मतदान से पहले और मतदान के बाद तक रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वामी रामदेव से कई बार मुलाकात की है. हरिद्वार की सीट पर स्वामी रामदेव का हाथ हमेशा से रहा है. साल 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सारथी रहे योग गुरू रामदेव के संपर्क में विधायक से लेकर सांसद लगातार रहते हैं.

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तीरथ-माला-भट्ट-टम्टा से बेहतर निशंक क्यों? जानें कैसे मिली टीम मोदी में जगह





देहरादून: हरिद्वार से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गये पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने मोदी कैबिनेट में जगह पक्की कर ली है. 30 मई शाम 7 बजे से होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में निशंक भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे. हालांकि, उत्तराखंड से सभी पांचों सांसद केंद्र में पहुंचने के लिये जोर आजमाइश कर रहे थे लेकिन पिछली बार केंद्रीय कैबिनेट में अपनी जगह न बना सके निशंक ने इस बार पूरी तैयारी कर ली थी जिसका परिणाम भी उनके पक्ष में आया है. आइए जानते हैं कि आखिर तीरथ सिंह रावत, माला राज्य लक्ष्मी शाह, अजय भट्ट और अजय टम्टा से इतर निशंक को टीम मोदी के लिए क्यों चुना गया है. 



निशंक के चुनाव के पीछे कई कारण हैं जिनपर हम सिलसिलेवार तरीके से बात करेंगे-



पहला कारण

दरअसल, उत्तराखंड की राजनीति जातीय समीकरण के आधार पर चलती है. मौजूदा दौर में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत क्षत्रीय यानी ठाकुर हैं और रमेश पोखरियाल निशंक ब्राह्मण समाज से आते हैं. उत्तराखंड में ठाकुर और ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से रहा है और इनके वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में एक को मुख्यमंत्री और एक को केंद्र में जगह देने का मतलब साफ है कि दोनों ही जातियों को केंद्र ने साधने का काम किया है.





दूसरा कारण

बनारस के बाद हरिद्वार हिंदुओं की सबसे बड़ी और हिंदुत्व की सबसे बड़ी नगरी है. ऐसा माना जा रहा है कि साल 2024 का चुनाव गंगा को ध्यान में रखते हुये लड़ा जाएगा. लिहाजा हरिद्वार संसदीय क्षेत्र को इसलिए भी केंद्र ने महत्व दिया गया है.



तीसरा कारण

हरिद्वार में अल्पसंख्यक समाज के वोटरों की संख्या भी बेहद अधिक है. लिहाजा हरिद्वार के सांसद को महत्व देकर यह जताने की भी कोशिश की जाएगी कि वह अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं.





चौथा कारण

साल 2021 में सदी का सबसे बड़ा महाकुंभ हरिद्वार में लगेगा, जिसकी रूपरेखा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तैयार कर रहे हैं. 4 महीने तक चलने वाले इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु तो आएंगे ही साथ ही साथ संत समाज का बड़ा तबका यहां डेरा डालता है. ऐसे में हरिद्वार में इस दौरान बड़े काम होंगे. एक यह भी वजह है कि हरिद्वार को केंद्र में जगह दी गई है.



पांचवा कारण

उत्तराखंड की राजनीति में पांचों सांसदों को अगर देखा जाए तो रमेश पोखरियाल निशंक इन सभी में सबसे ज्यादा अनुभवी हैं और उनके पास सरकार चलाने का अनुभव भी है. ऐसे में 16वीं लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद वह सांसद तो बन गए थे लेकिन उनसे जूनियर सांसद अजय टम्टा को केंद्र में उस वक्त मंत्री बनाया गया था लेकिन इस बार उनके अनुभव को देखकर ही केंद्र में उन्हें जगह दी जा रही है.



सूत्र कहते हैं कि...

वहीं, सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्र में जगह दिलवाने में योग गुरू बाबा रामदेव का बड़ा हाथ है. टिकट मिलने से पहले, टिकट मिलने के बाद, मतदान से पहले और मतदान के बाद तक रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वामी रामदेव से कई बार मुलाकात की है. हरिद्वार की सीट पर स्वामी रामदेव का हाथ हमेशा से रहा है. साल 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सारथी रहे योग गुरू रामदेव के संपर्क में विधायक से लेकर सांसद लगातार रहते हैं.


Conclusion:
Last Updated : May 30, 2019, 6:02 PM IST
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