विकासनगरः जौनसार बावर के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को राशन उठान एवं वितरण में होने वाली समस्याओं के संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य विकास अधिकारी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा.
राशन डीलरों का कहना है कि पिछले 8 माह से विक्रेताओं को कोरोना काल में प्रधानमंत्री खाद्यान्न योजना का ढलान भाड़ा नहीं मिल पाया. जिस कारण विक्रेताओं को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है. विक्रेताओं को लाभांश एवं भाड़ा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. साथ ही 14 माह का रेगुलर खाद्यान्न का भाड़ा भी नहीं मिला है.
वहीं, मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत प्राप्त हो रही दाल की गुणवत्ता भी बहुत खराब है. बाजार से इसका मूल्य काफी अधिक है. जिस कारण कोई भी उपभोक्ता राशन विक्रेता से दाल का उठा नहीं करना चाहता है. फल स्वरुप विक्रेता को प्रतिमाह 20 से 25000 हजार रुपए की आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है.
चकराता क्षेत्र में कई राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं. पूछे जाने पर विभाग इसका कारण कुछ यूनिटों पर आधार कार्ड ना या लिंक ना होना बताता है. ऐसे मेंराशन विक्रेताओं का आवंटन कई गुना कम हो गया है. यदि विक्रेताओं द्वारा इस आवंटन पर उठान किया जाता है तो ग्राम सभा में राशन विक्रेता द्वारा संतोषजनक वितरण कराया जाना असंभव होगा. गोदाम से विक्रेताओं को जो खाद्यान्न प्राप्त होता है, उसकी तुलना प्रति कट्टे को गिनकर की जाती है और 1 कट्टे का वजन लगभग 50 किलो मापा जाता है. परंतु तोलने पर इन कट्टों में 40 से 45 किलो खाद्यान्न ही उपलब्ध होता है. ऐसे में विक्रेताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य विकास अधिकारी देहरादून निकिता खंडेलवाल से शीघ्र इस पर कार्रवाई करने की मांग की है. ज्ञापन सौंपने वालों में गुलाब सिंह नेगी, गीता सिंह भागी, राम, नरेंद्र रावत और खुशी राम समेत कई लोग मौजूद रहे.