देहरादून: मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने की मांग तूल पकड़ने लग गई है. इसी कड़ी में आज राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर धरना दिया. इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने की मांग की.
राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी के अध्यक्ष नवनीत गुसांई का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने मसूरी, देहरादून, खटीमा गोलीकांड में शामिल दोषियों को सजा दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. जिससे उत्तराखंड के जनमानस में व्यापक आक्रोश है. उन्होंने कहा कि एक और दो अक्टूबर 1994 की रात उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पृथक राज्य की मांग उठाने वाले आंदोलनकारियों पर बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया. जिसमें कई आंदोलनकारी शहीद हो गए तो कुछ घायल हुए थे.
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इस दौरान पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया, जो बेहद शर्मनाक घटना थी. इस घटना की समूचे विश्व में तीखी आलोचना हुई. उस दौरान भाजपा के सांसद भुवन चंद खंडूड़ी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली रैली में जा रहे पूर्व सैनिकों और आंदोलनकारियों के पास हथियार मौजूद हैं, इसी पत्र को आधार बनाकर नरसिम्हा राव सरकार ने यूपी की मुलायम सरकार को निर्देश दिये कि प्रदर्शनकारी किसी भी हाल में दिल्ली ना पहुंच पाये. उन्होंने कहा कि इतने साल बीतने के बावजूद अभी कांग्रेस और भाजपा मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा नहीं दिला पाई है. जिससे आंदोलनकारियों में भारी आक्रोश है.
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धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मसूरी, देहरादून, खटीमा गोलीकांड और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा नहीं दिलाई गई तो उन्हें मजबूरन सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डबल इंजन वाली मोदी सरकार 26 सालों से लंबित मुकदमों की पैरवी करना भी उचित नहीं समझ रही है.