देहरादून: उत्तराखंड में एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट का उपयोग कोरोना की जांच के लिए नहीं किया जा सका. आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने एंटीबॉडी टेस्ट किट को वापस मंगवाने का ही फैसला कर लिया है. केंद्र ने कुछ समय तक इसके प्रयोग पर रोक लगाई थी.
कोरोना संक्रमण के लिए बड़े स्तर पर टेस्ट जरूरी माना जा रहा है. ऐसे में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट शुरुआती चरण में काफी फायदेमंद माना गया. देश के कई राज्यों में इस किट की आपूर्ति करवाकर जांच भी की गई. लेकिन कई राज्यों ने रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट पर सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद आईसीएमआर ने कुछ समय के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट पर रोक लगा दी थी.
उत्तराखंड में भी रैपिड टेस्ट की तैयारियां होने के बावजूद इसका उपयोग जांच के लिए नहीं किया जा सका. खास बात यह है कि अब आईसीएमआर ने उत्तराखंड से रैपिड एंटीबॉडी किट को वापस मंगाने के आदेश दे दिए हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड में कोरोना के 78 मरीज, देश में आंकड़ा 81 हजार पार
बता दें कि उत्तराखंड में 4,800 रैपिड टेस्ट किट भेजी गई थीं. इसका मास लेवल पर जांच के लिए उपयोग होना था, लेकिन अब किट वापस मंगा ली गई हैं. इससे साफ हो गया है कि रैपिड टेस्ट को लेकर अब भारत सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए हैं.
इस बारे में उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने बताया कि रैपिड टेस्ट के लिए अब किट को वापस मंगा लिया गया है. पहले ही इसकी टेस्टिंग पर रोक के आदेश दिए गए थे.