ऋषिकेश: कहते हैं संकट की घड़ी में जब भगवान स्वंय नहीं आ सकते है तो वह किसी को अपना दूत बनाकर भेज देते हैं. कुछ ऐसा ही ऋषिकेश में देखने को मिला, जहां लॉकडाउन की वजह से एक गर्भवती महिला अपने घर में फंसी थी. अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. जिसकी सूचना उसके पति ने रानी पोखरी पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस महिला के घर पहुंची और उसे अस्पताल में भर्ती कराया. इतना ही नहीं उस महिला के पति के पास पैसे नहीं होने के कारण पुलिस ने उनकी आर्थिक मदद भी की. वहीं महिला ने अस्पताल में एक पुत्र को जन्म दिया. पुलिस की इस कदम का स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं.
लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिला को अत्याधिक प्रसव पीड़ा होने लगी, लेकिन उसके मजदूर पति के पास महिला को अस्पताल ले जाने के लिए कोई इंतजाम नहीं था और नहीं उसके पास अस्पताल के खर्च के लिए रुपए भी नहीं थे. श्रमिक ने रानी पोखरी पुलिस से मदद मांगी तो थानाध्यक्ष राकेश शाह मौके पर पहुंचे. उन्होंने निजी एंबुलेंस की व्यवस्था कर गर्भवती महिला को ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां 23 वर्षीय महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया. पुलिस की इस दरियादिली पर गर्भवती महिला के पति ने थानाध्यक्ष का शुक्रिया अदा किया.
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रानी पोखरी थाना प्रभारी राकेश शाह ने बताया की एक श्रमिक ने फोन पर सूचना दी कि उसकी पत्नी गर्भवती है और अस्पताल जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा है. जिसके बाद तत्काल महिला के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कर अस्पताल पंहुचाया गया. महिला की देख रेख के लिए वहां पर एक महिला कॉन्स्टेबल और एक पुरुष कॉन्स्टेबल तैनात किया गया, साथ ही महिला के पति को अस्पताल खर्च के किये पैसे भी दिए. आज महिला ने पुत्र को जन्म दिया है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.