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लक्ष्मण झूला पुल बंद होने से राम झूला पर बढ़ा भार, हर पल मंडरा रहा खतरा - सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

ऋषिकेश स्थित राम झूला पुल पर आवाजाही बढ़ गई है, जिसके बाद अब यह पुल भी खतरे की जद में आ गया है. लक्ष्मण झूला बंद होने के कारण हजारों यात्री अब रामझूला से आवाजाही कर रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने किसी भी खतरे से इंकार किया है.

रामझूला पुल पर बढ़ रही आवाजाही
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Published : Jul 24, 2019, 8:04 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 8:58 PM IST

देहरादून: लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद हो जाने के बाद अब राम झूला पर आवाजाही बढ़ गई है. जिसके बाद लोगों के बढ़ रहे बोझ से राम झूला पुल पर खतरा मंडराने लगा है. लिहाजा लोक निर्माण विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेजकर राम झूला पुल पर दोपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों को भेजने की मांग की है.

राम झूला पुल पर मंडरा रहा खतरा

बता दें कि 1985 में राम झूला पुल तैयार किया गया था. 220 मीटर लंबे राम झूला पुल का निर्माण सिर्फ पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए किया गया था. लेकिन अब पैदल यात्रियों के साथ-साथ दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी इस पुल पर रहती है.

पढे़ं- कांवड़ियों से भरी पिकअप और कार में जोरदार टक्कर, उड़े परखच्चे

राम झूला पुल पर दबाव पहले से ही ज्यादा था लेकिन अब जब लक्ष्मण झूला पुल बंद हो चुका है, ऐसे में राम झूला पुल पर दबाव पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है. जिससे आने वाले समय में राम झूला पुल पर कभी भी हादसा हो सकता है. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिलहाल राम झूला पुल पर किसी भी खतरे से इंकार किया है.

देहरादून: लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद हो जाने के बाद अब राम झूला पर आवाजाही बढ़ गई है. जिसके बाद लोगों के बढ़ रहे बोझ से राम झूला पुल पर खतरा मंडराने लगा है. लिहाजा लोक निर्माण विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेजकर राम झूला पुल पर दोपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों को भेजने की मांग की है.

राम झूला पुल पर मंडरा रहा खतरा

बता दें कि 1985 में राम झूला पुल तैयार किया गया था. 220 मीटर लंबे राम झूला पुल का निर्माण सिर्फ पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए किया गया था. लेकिन अब पैदल यात्रियों के साथ-साथ दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी इस पुल पर रहती है.

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राम झूला पुल पर दबाव पहले से ही ज्यादा था लेकिन अब जब लक्ष्मण झूला पुल बंद हो चुका है, ऐसे में राम झूला पुल पर दबाव पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है. जिससे आने वाले समय में राम झूला पुल पर कभी भी हादसा हो सकता है. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिलहाल राम झूला पुल पर किसी भी खतरे से इंकार किया है.

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ऋषिकेश स्तिथ लक्ष्मण झूला पुल की आय सीमा पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने लक्ष्मण झूला पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद कर दिया है, अब ऐसे में लक्ष्मण झूला के बाद रामझूला पर आवाजाही अधिक हो गई है, लिहाजा राम झूला पुल पर पड़ रहे अत्याधिक भाग से भी राम झूला पर खतरा मंडराने लगा है। लिहाजा लोक निर्माण विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेजकर राम झूला पल पर दोपहिया वाहनों को प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों भेजने को कहा है।


Body:आपको बता दें कि 1985 में राम झूला पुल तैयार किया गया था। और उस समय 220 मीटर लंबे बने राम झुला पुल का निर्माण सिर्फ पैदल यात्रियों के आवाजाही के लिए बनाया गया था। लेकिन सबसे पैदल यात्री के साथ-साथ दोपहिया वाहनों की आवाजाही भी चल रही थी ऐसे में राम झूला पुल पर दबाव पहले से ही ज्यादा था लेकिन अब जब लक्ष्मण झूला पुल अपनी सीमा समाप्त कर चुका है ऐसे में राम झूला पुल पर दबाव पहले से ज्यादा बढ़ गया है लिहाजा आने वाले समय में राम झूला पुल की स्थिति खतरनाक हो सकती है।

कोई भी पुल, झूला पुल या फिर सड़क बनाती हैं तो उसकी रोड कैपेसिटी भी निर्धारित होती है, अगर लक्ष्मण झूला में खराबी आई हैं तो उसका कारण भी यही रहा होगा कि कभी इस बात पर चिंता नहीं किया गया कि उसको निर्धारित मानकों के अनुसार ही चलाया जाए, और इसलिए जो राम झूला है उसकी भी एक लिमिट है। और उन मानकों के अनुसार ही हो सकता है, राम झूला पर भी अधिक लोड हो, जिस वजह से थोड़ी दिक्कत जरूर है लेकिन अभी खतरे वाली कोई बात नहीं है।

बाइट - त्रिवेंद्र सिंह रावत, सीएम


Conclusion:
Last Updated : Jul 24, 2019, 8:58 PM IST
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