देहरादून: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 72 दिन से जारी है. इस बीच किसानों ने 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम की घोषणा की है. लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा.
राकेश टिकैत ने बयान जारी करते हुए कहा कि 6 फरवरी को उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा. मांगों को लेकर यूनियन से जुड़े किसान प्रशासन को अपना ज्ञापन सौंपेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि 'हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि कुछ लोगों ने इन जगहों पर हिंसा फैलाने का प्रयास करेंगे. इसीलिए हमने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सड़कों को चक्का जाम न करने का फैसला लिया है'.
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हमारे पुास पुख्ता सबूत थे कि कल कुछ लोग चक्का जाम के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश करते। हमारे पास पक्की रिपोर्ट थी। हमने जनहित को देखते हुए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को कल होने वाले चक्का जाम से अलग रखा है: राकेश टिकैत pic.twitter.com/FykKehGR0H
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राकेश टिकैत ने की शांतिपूर्ण जाम की अपील
राकेश टिकैत ने समर्थकों से अपील की है कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपनी-अपनी जगहों पर शनिवार को चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करें. बता दें कि यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का ऐलान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेता राकेश टिकैत और बलबीर सिंह राजेवाल ने किया है.
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72 दिनों से जारी है किसानों का प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले 72 दिनों से जारी है. किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
चक्काजाम को लेकर किसानों की बैठक
वहीं, काशीपुर में 6 फरवरी को किसान आंदोलन को धार देने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. काशीपुर में मुरादाबाद रोड स्थित मंडी गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में किसान नेताओं द्वारा चक्का जाम को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने का निर्णय लिया गया. किसान पदाधिकारियों ने शनिवार को किसानों को काशीपुर अनाज मंडी में सुबह 10 बजे पहुंचने का आहृवान किया गया है. इसके साथ ही बैठक में चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस एवं जरूरतमंद वाहनों को नहीं रोकने का निर्णय लिया गया.