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सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का हाल बदहाल, ICU में घुसा बारिश का पानी

सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून हॉस्पिटल के हालत देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में सरकारी अस्तपालों की क्या स्थिति होगी. वहां मरीजों को किस तरह की सुविधा मिल रही होगी.

दून अस्पताल
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Published : Aug 16, 2019, 7:37 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 10:24 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी अस्पताल कितनी बदतर स्थिति में है, इससे देखने के लिए किसी पहाड़ी जिले में जाने की जरुरत नहीं है, बल्कि इसका एक उदाहरण सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून हॉस्पिटल के आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में देखने को मिल सकते है. क्योंकि इन दिनों आईसीयू में छत से बरसात का पानी अंदर आ रहा है.

आईसीयू में बरसात का पानी आने से वहां भर्ती मरीजों के साथ मेडिकल स्टॉफ को भी परेशानियों को सामना करना पड़ता है. आईसीयू में रखी मशीनों में भी पानी भर गया है, जिस कारण मशीनों में करट दौड़ रहा है. मामले की सूचना मिलते ही दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा आईसीयू का निरीक्षण किया.

पढ़ें- दयारा बुग्याल में कल मनाया जाएगा बटर फेस्टिवल, दही और मक्खन से खेली जाएगी होली

टम्टा ने बताया कि इस बारे में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से वार्ता की. करंट लगने से किसी प्रकार की जनहानि न हो इसलिए एहतियात के तौर पर जिस कोने से बरसात का पानी आ रहा है, उस तरफ से बेड हटाकर दूसरी ओर शिफ्ट कर दिए गए हैं.

दून अस्पताल हाल बदहाल

टम्टा के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, जेई, और एई को एस्टिमेट बनाने के लिए कहा गया है. ताकि आईसीयू की जल्दी से जल्दी मरम्मत कराई जा सके. पुरानी इमारत होने की वजह से जब तक यह पता नहीं चल पाएगा कि पानी कहां से आ रहा है, तब तक कुछ नहीं किया जा सकता है.

पढ़ें- बर्बाद हो रहे करोड़ों के सेब, सड़क खराब होने के चलते नहीं हो पा रही ट्रकों की आवाजाही

बता दें कि दून अस्पताल में वैसे तो गहन चिकित्सा कक्ष को 5 बेडों से सुसज्जित किया हुआ है, लेकिन अस्पताल में सीरियस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से 5 बेड भी अपर्याप्त हैं. आईसीयू के भीतर बरसात का पानी घुसने के बाद करंट लगने की आशंका के चलते दो बेड ब्लॉक कर दिए गए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी अस्पताल कितनी बदतर स्थिति में है, इससे देखने के लिए किसी पहाड़ी जिले में जाने की जरुरत नहीं है, बल्कि इसका एक उदाहरण सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून हॉस्पिटल के आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में देखने को मिल सकते है. क्योंकि इन दिनों आईसीयू में छत से बरसात का पानी अंदर आ रहा है.

आईसीयू में बरसात का पानी आने से वहां भर्ती मरीजों के साथ मेडिकल स्टॉफ को भी परेशानियों को सामना करना पड़ता है. आईसीयू में रखी मशीनों में भी पानी भर गया है, जिस कारण मशीनों में करट दौड़ रहा है. मामले की सूचना मिलते ही दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा आईसीयू का निरीक्षण किया.

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टम्टा ने बताया कि इस बारे में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से वार्ता की. करंट लगने से किसी प्रकार की जनहानि न हो इसलिए एहतियात के तौर पर जिस कोने से बरसात का पानी आ रहा है, उस तरफ से बेड हटाकर दूसरी ओर शिफ्ट कर दिए गए हैं.

दून अस्पताल हाल बदहाल

टम्टा के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, जेई, और एई को एस्टिमेट बनाने के लिए कहा गया है. ताकि आईसीयू की जल्दी से जल्दी मरम्मत कराई जा सके. पुरानी इमारत होने की वजह से जब तक यह पता नहीं चल पाएगा कि पानी कहां से आ रहा है, तब तक कुछ नहीं किया जा सकता है.

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बता दें कि दून अस्पताल में वैसे तो गहन चिकित्सा कक्ष को 5 बेडों से सुसज्जित किया हुआ है, लेकिन अस्पताल में सीरियस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से 5 बेड भी अपर्याप्त हैं. आईसीयू के भीतर बरसात का पानी घुसने के बाद करंट लगने की आशंका के चलते दो बेड ब्लॉक कर दिए गए हैं.

Intro:उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में बरसात का पानी घुसने के बाद वहां तैनात मेडिकल स्टाफ के साथ ही भर्ती सीरियस पेशेंट्स को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आईसीयू में बरसात का पानी घुसने से पैरामेडिकल स्टाफ जब आइसीयू की मशीनें छू रहा है तो उनपर करंट दौड़ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा ने आईसीयू का निरीक्षण किया और इस संबंध मे मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से वार्ता की।वहीं करंट लगने से किसी प्रकार की जनहानि ना हो उसके लिये एहतियातन जिस कोने से बरसात का पानी आ रहा है,उस तरफ के बेड आईसीयू की दूसरी ओर शिफ्ट कर दिये गए हैं।


Body:दून मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में पानी घुसने के सवाल पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा ने कहा कि अस्पताल में 5 बेड का आईसीयू है, जिस तरफ बरसात का पानी नहीं आ रहा है उस ओर मरीजों के लिए 3 बेड तैयार किए गए हैं। आईसीयू के भीतर जिस कोने से पानी आ रहा है वहां तैनात स्टाफ को करंट ना लगे उसके लिए दो बेड शिफ़्ट कर दिए गए हैं। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ,जेई,एई, को एस्टिमेट बनाने के लिए कहा गया है। सावधानी के लिए जिस तरफ करंट नहीं दौड़ रहा है वहां आईसीयू के मरीज शिफ्ट कर दिया गए हैं। उन्होंने बताया कि पुरानी इमारत होने की वजह से जब तक यह पता नहीं चल पाएगा कि पानी का सोर्स कहां से आ रहा है तब तक कुछ नहीं किया जा सकता है।

वाइट डॉक्टर केके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक, दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion: गौरतलब है कि दून मेडिकल कॉलेज में सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आये गंभीर बीमारी से पीड़ित और ट्रामा के मरीजों का आईसीयू में इलाज किया जाता है। दून अस्पताल में वैसे तो गहन चिकित्सा कक्ष को 5 बेडों से सुसज्जित किया हुआ है, लेकिन अस्पताल में सीरियस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से 5 बेड भी अपर्याप्त हैं। लेकिन आईसीयू के भीतर बरसात का पानी घुसने के बाद करंट लगने की आशंका के चलते दो बेड ब्लॉक कर दिए गए हैं, जिसके बाद सीरियस पेशेंटों के लिए बेडो की संख्या और सीमित हो गई है।
Last Updated : Aug 16, 2019, 10:24 PM IST
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