देहरादूनः रेलवे के निजीकरण को लेकर अब विरोध के सुर उठने लगे हैं. राजधानी देहरादून में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर नार्दन रेलवे मेंस यूनियन भी विभिन्न मांगों को लेकर मुखर हो गई है. इसी कड़ी में यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने देहरादून रेलवे स्टेशन परिसर में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
दरअसल, रेलवे कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों के साथ ही रेलवे के निजीकरण के विरोध में आगामी 19 सितंबर तक धरने पर बैठ गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है. जो सही नहीं है. नई पेंशन व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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रेलवे कर्मचारियों की प्रमुख मांगे
- रेलवे के निजीकरण न करने की मांग.
- नई पेंशन योजना खत्म कर पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग.
- 50% पदों पर अंतरिम आदेश को वापस लेने की मांग.
- रिक्त पड़े सभी पदों को शीघ्र भरने की मांग.
- रेल अप्रेंटिस को नियुक्ति दिए जाने की मांग.
वहीं, यूनियन की मांगों का समर्थन करने बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना यूनियन कार्यालय पहुंचे और उनकी मांगों को जायज ठहराया. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार को जनता और कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है, क्योंकि सरकार उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 सालों में रेलवे और जिन कंपनियों को खड़ा किया था, आज मोदी सरकार उनको बेचने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसका तीव्र विरोध करेगी और रेल कर्मचारियों की मांगों को लेकर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होगी.
यूनियन के शाखा अध्यक्ष उग्रसेन सिंह ने कहा कि रेलवे के निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजीकरण के विरोध में गुरुवार को सभी कर्मी दोपहिया वाहन निकाल कर अपना विरोध जताएंगे. इसके बाद 18 सितंबर को केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सभी कर्मचारी मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन करेंगे. जबकि, 19 सितंबर को यूनियन कर्मी काला फीता बांधकर रेलवे क्वार्टर में रात 10 मिनट तक लाइट बुझा कर अपना विरोध प्रकट करेंगे.