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जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने सीएम पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- सदस्यता होनी चाहिए रद्द - उत्तराखंड न्यूज

जन संघर्ष मोर्चा की मांग कि है कि अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.

UTTARAKHAND
रघुनाथ सिंह नेगी
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Published : Dec 28, 2019, 5:19 PM IST

विकासनगर: जीएमवीएन के पूर्व व जन संघर्ष मोर्चा के वर्तमान अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाए है. नेगी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में नामांकन के समय आयोग के समक्ष झूठा शपथ-पत्र पेश किया था. जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति और आय की सहीं जानकारी नहीं दी थी.

जन संघर्ष मोर्चा ने सीएम पर लगाए गंभीर आरोप.

नेगी के मुताबिक, उन्होंने 2017 में इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक दिलीप शर्मा से की थी. जिसको गंभीरता से लेते हुए आयोग ने मामले की जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंपी थी. जांच के बाद सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौप दी है.

पढ़ें- अल्मोड़ाः CAA का उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने किया विरोध, बताया संविधान के खिलाफ

नेगी ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि देर से ही सही लेकिन सीबीडीटी ने अपनी जांच पूरी कर ली. अब उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी.

जन संघर्ष मोर्चा की मांग है कि अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए और उनके खिलाफ एफआईआर हो, क्योंकि उन्होंने निर्वाचन आयोग से सामने झूठा शपथ-पत्र पेश किया था.

विकासनगर: जीएमवीएन के पूर्व व जन संघर्ष मोर्चा के वर्तमान अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर गंभीर आरोप लगाए है. नेगी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में नामांकन के समय आयोग के समक्ष झूठा शपथ-पत्र पेश किया था. जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति और आय की सहीं जानकारी नहीं दी थी.

जन संघर्ष मोर्चा ने सीएम पर लगाए गंभीर आरोप.

नेगी के मुताबिक, उन्होंने 2017 में इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक दिलीप शर्मा से की थी. जिसको गंभीरता से लेते हुए आयोग ने मामले की जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंपी थी. जांच के बाद सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौप दी है.

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नेगी ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि देर से ही सही लेकिन सीबीडीटी ने अपनी जांच पूरी कर ली. अब उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई होगी.

जन संघर्ष मोर्चा की मांग है कि अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए और उनके खिलाफ एफआईआर हो, क्योंकि उन्होंने निर्वाचन आयोग से सामने झूठा शपथ-पत्र पेश किया था.

Intro:विकासनगर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत झूठा शपथ पत्र संपत्ति कीमतों को दर्शाया गया था कम मामले की रिपोर्ट सीबीडीटी ने ईसीआई को सौपी


Body:विकासनगर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव के अपने नामांकन में निर्वाचन आयोग के समक्ष झूठा शपथ पत्र संपत्ति को दर्शाया गया था कम मामले की रिपोर्ट सीबीडीटी ने सीबीआई को सौंपी मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि 2017 को भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक दिलीप शर्मा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए एशियाई ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड भारत सरकार को 2017 को जांच के निर्देश दिए थे नेगी ने कहा कि सीबीडीटी ने जांच कर कोर्ट के द्वारा अनु सचिव ईसीआई को प्रेषित कर दी है


Conclusion:नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा पूर्व में ईसीआई को सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया था कि त्रिवेंद्र द्वारा अपने नामांकन पत्र में करोड़ों रुपए मूल्य की संपत्ति का बाजार मूल्य मात्र लाखों की दशाना स्टांप शुल्क में एरा फेरी वर्ष 2010 में कृषि मंत्री रहते हुए किए गए थे ढैचा बीज घोटाले से संबंधित पीआईएल का उल्लेख ना करना तथा झूठी उम्र आदि के मामले में ईसीआई के समक्ष रखा गया था मोर्चा द्वारा त्रिवेंद्र की विधानसभा सदस्य इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया गया था 1 वर्ष से अधिक समय के उपरांत कार्रवाई न करने पर उनको वर्ष 2019 में एक पत्र प्रेषित किया गया मोर्चा ने कहा कि ईसीआई को सीबीडीटी ने रिपोर्ट सौंप दी है निश्चित तौर पर अब कार्रवाई का रास्ता साफ होगा
बाइट_ रघुनाथ सिंह नेगी अध्यक्ष जन संघर्ष मोर्चा एवं पूर्व उपाध्यक्ष जीएमवीएन
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