ऋषिकेश: तीर्थनगरी में एक हैरान करने वाला 'विकास' सामने आ रहा है. दरअसल, पहले सड़क के किनारे नगर निगम ने इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछाई और अब उस पर पीडब्ल्यूडी ने सड़क बना दी है. ये मामला प्रगति बिहार में सड़क रिन्युअल का है.
इस अजीबोगरीब काम को लेकर पीडब्ल्यूडी का तर्क है कि उन्हें सड़क के किनारे डामर बिछाने के लिए रोड़ी डालनी पड़ती, मगर इंटरलॉकिंग टाइल्स ने काम आसान कर दिया. सवाल ये है कि जब उस स्थान पर सड़क बनाई जानी थी, तो इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछाकर आखिर जनता की गाढ़ी कमाई को क्यों बर्बाद किया गया?
टाइल्स बिछाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने दी थी एनओसी
दिलचस्प बात ये है कि टाइल्स बिछाने के लिए एनओसी भी किसी और ने नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी ने ही दी है. प्रगति बिहार में सड़क के रिन्युअल का यह मामला सिर्फ इतने भर तक सीमित नहीं है. इस क्षेत्र में काफी स्थानों पर सड़क की स्थिति बेहतर थी, बावजूद इसके विभाग ने रिन्युअल ड्यू होने का हवाला देते हुए रोड पर डामर की नई लेयर बिछा दी.
पढ़ें- स्कूल गई नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दो गिरफ्तार, एक आरोपी भी माइनर
इंटरलॉकिंग टाइल्स पर करीब 23 लाख का खर्च आया
इससे साफ है कि पहले इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछाने के लिए सरकारी पैसा खर्च किया गया और अब उस पर रोड बनाने के लिए भी सरकारी पैसा खर्च किया जा रहा है. इंटरलॉकिंग टाइल्स पर करीब 23 लाख का खर्च आया है.
लंबे समय से रुका था सड़क के रिन्युअल का काम- अधिशासी अभियंता
उधर, अधिशासी अभियंता विपुल सैनी ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में सड़क का रिन्युअल पहले से ही रुका हुआ था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है. बरसात से पहले ही सड़क को चाक-चौबंद कर दिया गया है ताकि आगे लोगों को आवागमन में किसी भी तरह की असुविधा ना उत्पन्न हो. अधिकारी के जवाब के बाद भी सवाल वही है कि ऐसा करने की जरूरत क्या थी ?