ऋषिकेश: अद्भुत, अविश्वसनीय और अकल्पनीय योग साधकों की वजह से ही ऋषिकेश को योग की राजधानी कहा जाता है. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनिया भर में लोगों ने योग किया, लेकिन तीर्थनगरी ऋषिकेश में योग साधक पुरुषोत्तम शर्मा का गंगा की लहरों में अनोखा योग देख हर कोई हैरत में पड़ गया. ऋषिकेश में पहली बार किसी योग साधक ने गंगा की लहरों पर योग कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया. जिसने भी इस योग साधक को देखा वह अचंभित रह गया.
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5वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ऋषिकेश में पहली बार ऐसा देखने को मिला जब किसी व्यक्ति ने गंगा की लहरों पर योग किया. योग साधक पुरुषोत्तम शर्मा ने करीब 30 मिनट तक गंगा की लहरों पर शीर्षासन किया. इसके लिए उन्होंने कई वर्षों तक कठिन तपस्या की है. जिसके बाद उन्होंने इस करतब को अंजाम दिया.
पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि ऋषिकेश को ऐसे ही योग की राजधानी नहीं कहा जाता है. यहां पर योग और योगाचार्यों में विविधताएं पाई जाती हैं. आज के योग आसन जिम्नास्टिक तरीके के हो गए हैं, जबकि योग जिम्नास्टिक जैसे आसन नहीं हैं. योग एक साधना है. यही कारण है कि उन्होंने आज गंगा की लहरों पर योग साधना की है.
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पुरुषोत्तम शर्मा का सपना था कि वे कुछ अलग तरह का योग करें. ताकि उसे देखने के बाद लोगों में योग को जानने के लिए उत्सुकता बढ़े और लोग जानें कि योग इस तरह का भी हो सकता है.
यही कारण है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गंगा की लहरों पर योग किया. इसके लिए वे काफी समय से अभ्यास कर रहे थे. गंगा की लहरों पर शीर्षासन करना बेहद चुनौतीपूर्ण था. क्योंकि लहरों पर बैलेंस बनाना काफी कठिन होता है, लेकिन इसके लिए उन्होंने कई वर्षों तक कठिन अभ्यास किया था. जिसके बाद वे यह कर पाएं.
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गंगा की लहरों पर शीर्षासन करने के लिए पुरुषोत्तम ने एक विशेष तरह की राफ्ट तैयार की थी. जो पीवीसी पाइप, गद्दे और एक टेबल से तैयार की गई थी. जिसपर उन्होंने शीर्षासन किया. पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि उन्होंने धरती और जल में योग साधना कर ली है. अब वे जल्द ही हवा में योग साधना करके एक नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे.