देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में सुरवीरों के बीच हर एक युवा अपना पिछला कल छोड़कर नई चुनौती के लिए तैयार है. अकादमी में पास आउट होने वाले हर युवा ने किसी न किसी रूप में अपने और अपनों के सपनों को पूरा किया है. किसी ने अपनी चौथी पीढ़ी में परिवार की परंपरा की आगे बढ़ाया तो कोई पहली पीढ़ी के रूप में सेना से जुड़ा. भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद युवा अफसरों को उनकी रेजीमेंट दे दी गयी. परेड के दौरान वतनदीप सिंह सिद्धू का नाम कई बार लिया गया.
दरअसल, वतनदीप को अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है. वतनदीप अपने परिवार में पहले शख्स हैं, जो सेना में अफसर के रूप में शामिल हो रहे हैं. वतनदीप के पिता पंजाब के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में इंजीनियर हैं और उनकी माता स्कूल में प्रिंसिपल.
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वतनदीप कहते हैं कि अकादमी में न केवल फिजिकल ट्रेनिंग है बल्कि एकेडमी कार्य भी होते हैं. अकादमी में ऑल राउंड पर्सनैलिटी डिवेलप करने का एक बड़ा मौका मिलता है. जिसके लिए वतनदीप ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. शायद यही कारण है कि वतनदीप को अकादमी जैसे गौरवशाली संस्थान ने स्वॉर्ड ऑफ ऑनर जैसे सम्मान के लिए चिन्हित किया.
अकादमी में एक ऐसा परिवार भी था जिसके लिए सेना का अनुशासन और उसके प्रशिक्षण कोई नई बात नहीं. सेना में अनिरुद्ध अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जो सेना में अफसर के रूप में शामिल हो रहे हैं. अनिरुद्ध के पिता, दादा और परदादा भी सेना में ही थे. इस तरह अनिरुद्ध ने अपने परिवार की इस परंपरा को आगे बढ़ाया और सेना में शामिल होकर उनका मान बढ़ाया है.