देहरादून: 27 अगस्त की सुबह देहरादून-ऋषिकेश को जोड़ने वाला 57 साल पुराना रानीपोखरी पुल अचानक ही भरभरा कर गिर गया था. पुल गिरने के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस और आप समेत कई दल मौजूदा भाजपा सरकार पर नए-नए आरोप लगा रहे हैं. दूसरी तरफ लोक निर्माण विभाग भी हरकत में आ चुका है.
रानीपोखरी पुल हादसे में किसी की जान नहीं गई. लेकिन इस हादसे के बाद से ही लगातार यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर प्रदेश में मौजूद अन्य पुराने पुल वाहनों के आवागमन के लिए कितने सुरक्षित हैं. इसी के तहत लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने प्रदेश के B-कैटेगरी के 664 पुलों की रिपोर्ट सभी प्रमुख अधिशासी अभियंताओं से तलब की है. इसके मद्देजनर आकलन कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन B-कैटेगरी के कितने पुलों को मरम्मत की दरकार है.
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मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु ने स्पष्ट किया कि B-कैटेगरी के इन पुलों की रिपोर्ट का आकलन करने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि प्रदेश में किन पुलों को मरम्मत की जरूरत है. वहीं कौन से पुल इतने खस्ताहाल हो चुके हैं कि उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाना चाहिए. यदि किसी पुल को बंद किया जाएगा तो उस पुल के स्थान पर किन वैकल्पिक रास्तों या पुल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके लिए जरूरत पड़ने पर केंद्र से विशेष पैकेज की मांग की जाएगी.
B-कैटेगरी के पुलों की पहचानः पुलों को वजन ढोने की क्षमता के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है. बी-कैटेगरी के पुल 10 से 18 टन तक के वजन वाले बड़े वाहनों का वजन ढोने की क्षमता रखते हैं. यदि इससे अधिक वजन वाले भारी वाहन ऐसे पुलों में दौड़ने लगते हैं तो इन पुलों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है.