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बनने से पहले विवादों में घिरी पेयजल परियोजना, लोगों ने विभाग पर लगाए गंभीर आरोप - ग्रामीणों ने पेयजल परियोजना का किया विरोध

यमुना नदी से 144 करोड़ रुपए की लागत की बहुअपेक्षित मसूरी पुनर्गठन पेयजल परियोजना का काम शुरू होने से पहले ही विवादों से घिरती नजर आ रहा है. जिसका स्थानीय लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

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जल निगम के अधिकारियों का विरोध.
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Published : Jun 19, 2020, 3:00 PM IST

मसूरी: टिहरी जनपद के विकासखंड जौनपुर के अंतर्गत यमुना नदी से 144 करोड़ रुपए की लागत की बहुअपेक्षित मसूरी पुनर्गठन पेयजल परियोजना का काम शुरू होने से पहले ही विवादों से घिरती नजर आ रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने यमुना नदी में जल निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का जमकर विरोध किया.

जल निगम के अधिकारियों का विरोध.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बताया कि जल निगम के अधिकारियों को पूर्व में ग्रामीणों की समस्याओं को प्रमुखता से रखते हुए उसे दूर करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब इस दिशा में कार्य नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मसूरी विधायक गणेश जोशी ने 144 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पुनर्गठन पेयजल परियोजना के शिलान्यास के समय अधिकारियों को निर्देश दिए थे. आदेशा अनुसार पहले यमुना नदी के आस-पास के क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा. लेकिन इस दिशा में विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेटः सरकारी और प्राइवेट बसों में सफर हुआ दो गुना महंगा, जानिए और क्या हैं फैसले

उसके बाद मसूरी में पेयजल दिया जाएगा, लेकिन अधिकारी ग्रामीणों की नहीं सुन रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक क्षेत्र की समस्याओं पर बैठकर बातचीत नहीं की जाएगी तब तक कोई भी कार्य शुरू नहीं किया जाएगा. जनप्रतिनिधियों ने बताया योजना के अन्तर्गत बंगलों की कांडी, सैंजी, सिया, कैंपटी क्षेत्र में पेयजल की समस्या को दूर करने के बाद पेयजल लाइन बिछाने की मांग की.

साथ ही योजना के तहत ग्रमीणों की भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि स्वामियों को उचित मुआवजा की मांग की गई. लोगों का कहना है कि इस दिशा में पेयजल के अधिकारियों कोई काम नहीं कर रहे हैं. पेयजल विभाग अधिशासी अभियंता आर के कांबोज ने कहा कि ग्रामीणों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उच्च अधिकारियों को बताया है. उनके निर्देशों के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

मसूरी: टिहरी जनपद के विकासखंड जौनपुर के अंतर्गत यमुना नदी से 144 करोड़ रुपए की लागत की बहुअपेक्षित मसूरी पुनर्गठन पेयजल परियोजना का काम शुरू होने से पहले ही विवादों से घिरती नजर आ रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने यमुना नदी में जल निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का जमकर विरोध किया.

जल निगम के अधिकारियों का विरोध.

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बताया कि जल निगम के अधिकारियों को पूर्व में ग्रामीणों की समस्याओं को प्रमुखता से रखते हुए उसे दूर करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब इस दिशा में कार्य नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मसूरी विधायक गणेश जोशी ने 144 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पुनर्गठन पेयजल परियोजना के शिलान्यास के समय अधिकारियों को निर्देश दिए थे. आदेशा अनुसार पहले यमुना नदी के आस-पास के क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा. लेकिन इस दिशा में विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

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उसके बाद मसूरी में पेयजल दिया जाएगा, लेकिन अधिकारी ग्रामीणों की नहीं सुन रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक क्षेत्र की समस्याओं पर बैठकर बातचीत नहीं की जाएगी तब तक कोई भी कार्य शुरू नहीं किया जाएगा. जनप्रतिनिधियों ने बताया योजना के अन्तर्गत बंगलों की कांडी, सैंजी, सिया, कैंपटी क्षेत्र में पेयजल की समस्या को दूर करने के बाद पेयजल लाइन बिछाने की मांग की.

साथ ही योजना के तहत ग्रमीणों की भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि स्वामियों को उचित मुआवजा की मांग की गई. लोगों का कहना है कि इस दिशा में पेयजल के अधिकारियों कोई काम नहीं कर रहे हैं. पेयजल विभाग अधिशासी अभियंता आर के कांबोज ने कहा कि ग्रामीणों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उच्च अधिकारियों को बताया है. उनके निर्देशों के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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