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मनरेगा कर्मियों ने किया सचिवालय कूच, विभाग में समायोजित किए जाने की मांग

मनरेगा कर्मचारी विभाग में समायोजन या फिर हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पर दिए जाने की मांग को लेकर प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो ऐसे में आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

Dehradun MNREGA Worker
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Published : Apr 6, 2021, 9:41 PM IST

देहरादून: प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी विभाग में समायोजित किए जाने की एक सूत्रीय मांग को लेकर एकता विहार स्थित धरना स्थल पर बीते 25 दिनों से आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को अपनी मांग को लेकर सैकड़ों मनरेगा कर्मचारियों ने प्रधान संगठनों के साथ मिलकर सचिवालय कूच किए जाने का निर्णय लिया. लेकिन वहां मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को नालापानी चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इससे नाराज प्रदर्शनकारी सड़क में ही धरने पर बैठ गए, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई.

मनरेगा कर्मियों ने की विभाग में समायोजित किए जाने की मांग.

मनरेगा कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने वहां एक सभा को संबोधित किया और अपनी मांग को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया. मनरेगा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर मणि सेमवाल का कहना है कि सभी कर्मचारी विभिन्न पदों पर विगत 14 वर्षों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हमारी सरकार से विभागीय समायोजन किए जाने की एक सूत्रीय मांग है कि उन्हें हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे दिया जाए. उन्होंने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री से मनरेगा कर्मचारियों की वार्ता होनी है, उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी.

पढ़ें- हरप्रीत से सीखें जीना, जो बिना हाथ की लकीरों के लिख रहे किस्मत

इधर, आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों का प्रधान संगठनों ने भी समर्थन किया है. ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सेमवाल ने कहा कि रीवा और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे दिए जाने की मांग को लेकर मनरेगा कर्मी बीते 25 दिनों से हड़ताल पर हैं. जिससे गांवों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि मनरेगा का कर्मचारी की मांगों का त्वरित निस्तारण किया जाए, ताकि ग्राम पंचायतों में विकास की गति प्राप्त हो सके.

देहरादून: प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी विभाग में समायोजित किए जाने की एक सूत्रीय मांग को लेकर एकता विहार स्थित धरना स्थल पर बीते 25 दिनों से आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को अपनी मांग को लेकर सैकड़ों मनरेगा कर्मचारियों ने प्रधान संगठनों के साथ मिलकर सचिवालय कूच किए जाने का निर्णय लिया. लेकिन वहां मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को नालापानी चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इससे नाराज प्रदर्शनकारी सड़क में ही धरने पर बैठ गए, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई.

मनरेगा कर्मियों ने की विभाग में समायोजित किए जाने की मांग.

मनरेगा कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने वहां एक सभा को संबोधित किया और अपनी मांग को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया. मनरेगा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर मणि सेमवाल का कहना है कि सभी कर्मचारी विभिन्न पदों पर विगत 14 वर्षों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हमारी सरकार से विभागीय समायोजन किए जाने की एक सूत्रीय मांग है कि उन्हें हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे दिया जाए. उन्होंने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री से मनरेगा कर्मचारियों की वार्ता होनी है, उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी.

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इधर, आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों का प्रधान संगठनों ने भी समर्थन किया है. ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सेमवाल ने कहा कि रीवा और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे दिए जाने की मांग को लेकर मनरेगा कर्मी बीते 25 दिनों से हड़ताल पर हैं. जिससे गांवों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि मनरेगा का कर्मचारी की मांगों का त्वरित निस्तारण किया जाए, ताकि ग्राम पंचायतों में विकास की गति प्राप्त हो सके.

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