मसूरी: कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मसूरी में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित मध्य क्षेत्र के राज्यों के लिए सहकारी विकास पर सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. जोशी ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. सम्मलेन में उत्तराखंड सहित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़, मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों के अधिकारीगण एवं प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.
सहकारी विकास पर सम्मेलन: इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विपणन के लिए सहकारी समितियों का अहम योगदान है. मंत्री ने कहा कि आज सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की लाखों बहनें लाभ ले रही हैं. देश में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की बजाय सहकारिता क्षेत्र सर्वाेपरि हैं. शायद ही कोई ऐसा सामाजिक क्षेत्र होगा, जहां सहकारिता विभाग कार्यरत नहीं है. उन्होंने कहा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ देश की राष्ट्रीय, राज्य और बहु-राज्यीय सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करती है. वर्तमान में 8.5 लाख से अधिक सहकारी समितियां जो भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के सहकारी संघ का हिस्सा हैं, देश भर के तीस करोड़ से अधिक आबादी के जीवन को स्पर्श करती हैं. मंत्री जोशी ने कहा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ देश में संपूर्ण सहकारी आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाला शीर्षस्थ संगठन है.
उन्होंने कहा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) देश में सहकारिता आंदोलन के शीर्षस्थ संगठन के रूप में कार्य कर रहा है. इसके अतिरिक्त भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों हेतु शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि सहकारिता से जुड़े सदस्यों और कार्मिकों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था की जा सके. उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा देने के लिए एनसीयूआई हाट और इनक्युबेशन केंद्र की भी स्थापना की गई है. उत्तराखंड में ग्राम्य विकास के अधीन भी हमने इसी तर्ज पर रूरल इनक्युबेशन की स्थापना की ओर कदम बढ़ाए हैं.
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लाभांश को बराबर बांटती है सहकारिता: भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ अध्यक्ष दिलीप संधणी ने कहा केन्द्र में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश भर में सहकारिता पर बहुत शानदार कार्य हो रहा है. उन्होंने कहा कि सहकारिता ही एक ऐसा मॉडल है जिसमें धन की शक्ति, बुद्धि की शक्ति और श्रम की शक्ति एक निश्चित उद्देश्य को लेकर एक दिशा में कार्य करती है और प्राप्त लाभांश को बराबर-बराबर बांटती है. इसी क्रम में सहकारी समितियों से संबंधित महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय स्तरों पर भी सम्मेलन, सेमिनार एवं कार्यशालाएं आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य जोनल क्षेत्रों के राज्यों हेतु जोनल सम्मेलन का आयोजन मसूरी, उत्तराखंड में किया जा रहा है.