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देहरादून: स्कूल खोले जाने पर निजी संचालकों ने उठाये सवाल, पत्र लिखकर जताई चिंता

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Published : Oct 2, 2020, 10:12 PM IST

उत्तराखंड में स्कूलों को खोले जाने की तैयारियों के बीच निजी स्कूल संचालक परेशान हैं. निजी स्कूल संचालकों का सरकार से सवाल है कि अगर स्कूल खोले जाने के बाद शिक्षकों और छात्रों को कोरोना होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

uttarakhand private school on corona situation
uttarakhand private school on corona situation

देहरादून: उत्तराखंड में स्कूलों को तीन चरणों में खोले जाने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों से भी जिलाधिकारियों द्वारा उनकी राय लिए जाने की बात कही गई है, लेकिन निजी स्कूल संचालकों ने स्कूलों को खोले जाने पर सवाल खड़े करते हुए सरकार से पूछा कि अगर स्कूल खोले जाने के बाद शिक्षकों और छात्रों को कोरोना होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

राज्य में स्कूलों को खोले जाने के लिए शिक्षा विभाग फिलहाल तैयारी कर रहा है और तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने पर भी अंतिम निर्णय ले लिया गया है, लेकिन इससे पहले ही निजी स्कूलों के संचालकों ने एक सवाल पूछ कर सरकार के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. दरअसल निजी संचालकों का कहना है कि यदि स्कूल खोलने के बाद बच्चों को कोरोना वायरस हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी. ऐसा तो नहीं कि बच्चों या शिक्षकों को करोना होने पर स्कूल संचालक या स्कूल प्रबंधन के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी जाएगी.

पढ़ें- चार दिनों से बंद यमुनोत्री हाईवे खोला गया, यातायात सुचारू

स्कूल संचालकों का कहना है कि इसके लिए अभिभावकों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी कि वह बच्चों को ठीक से समझाएं और उन्हें नियमों के तहत पालन करने के लिए ठीक से तैयार करके भेजें. इसके लिए निजी स्कूल संचालकों ने बकायदा एक पत्र लिखकर सरकार से इसके मद्देनजर जानकारी भी मांगी है. साथ ही स्कूल खोलने की स्थिति में शिक्षकों का भी कोरोना वायरस को लेकर बीमा किए जाने की मांग की गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में स्कूलों को तीन चरणों में खोले जाने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों से भी जिलाधिकारियों द्वारा उनकी राय लिए जाने की बात कही गई है, लेकिन निजी स्कूल संचालकों ने स्कूलों को खोले जाने पर सवाल खड़े करते हुए सरकार से पूछा कि अगर स्कूल खोले जाने के बाद शिक्षकों और छात्रों को कोरोना होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

राज्य में स्कूलों को खोले जाने के लिए शिक्षा विभाग फिलहाल तैयारी कर रहा है और तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने पर भी अंतिम निर्णय ले लिया गया है, लेकिन इससे पहले ही निजी स्कूलों के संचालकों ने एक सवाल पूछ कर सरकार के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है. दरअसल निजी संचालकों का कहना है कि यदि स्कूल खोलने के बाद बच्चों को कोरोना वायरस हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी. ऐसा तो नहीं कि बच्चों या शिक्षकों को करोना होने पर स्कूल संचालक या स्कूल प्रबंधन के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी जाएगी.

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स्कूल संचालकों का कहना है कि इसके लिए अभिभावकों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी कि वह बच्चों को ठीक से समझाएं और उन्हें नियमों के तहत पालन करने के लिए ठीक से तैयार करके भेजें. इसके लिए निजी स्कूल संचालकों ने बकायदा एक पत्र लिखकर सरकार से इसके मद्देनजर जानकारी भी मांगी है. साथ ही स्कूल खोलने की स्थिति में शिक्षकों का भी कोरोना वायरस को लेकर बीमा किए जाने की मांग की गई है.

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