देहरादून: जल्द ही प्रदेश के महाविद्यालयों का कायाकल्प होने जा रहा है. उच्च शिक्षा, प्रमुख सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रदेश के सभी राजकीय और अनुदानित महाविद्यालयों के प्राचार्य और प्रत्येक जनपद के नोडल अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार विमर्श किया. जिसमें उच्च शिक्षा, प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर न सिर्फ महाविद्यालयों की मौजूदा स्थिति का फीडबैक लिया, बल्कि दूरस्थ महाविद्यालयों में शिक्षिकों की तैनाती की बात भी कही.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी राजकीय महाविद्यालय में शिक्षक टीचिंग प्लान, पाठ्यक्रम पूर्ण होने की स्थिति, शिक्षकों की तैनाती, छात्र-छात्राओं की संख्या, नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता को लेकर जानकारी ली. सूबे के जिन दूरस्थ स्थित महाविद्यालयों में जिस विषयों के लिए शिक्षकों की तैनाती नहीं है. उन महाविद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती करने के निर्देश दिए. साथ ही महाविद्यालय में 10 से 20 बच्चों का ग्रुप बनाकर मेंटरशिप की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए गए. इसके साथ ही महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पाठ्यक्रम पुस्तकों के साथ ही रिफरेंस बुक और अन्य प्रतियोगिताओं परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें शामिल और नॉवेल लोरिएट की पुस्तकों की भी व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों में नेट कनेक्टिविटी की समस्या हैं, वहां डीटीएच के माध्यम से छात्र-छात्राओं के अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाए.
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रमुख सचिव ने प्रत्येक स्ट्रीम के टॉपर बच्चों को 'स्टेट स्कॉलरशिप स्कीम' प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए 'कोचिंग स्कीम' बनाने के साथ ही 'इंटर डिसिप्लिनरी एंड सॉफ्ट स्किल' पर भी योजना बनाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए हैं. ताकि प्रदेश के महाविद्यालयों के छात्रों को बेहतर सुविधा मिल सके.