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गंगा किनारे शुरू हुआ डिमार्केशन, निर्माण कार्यों पर लगेगा प्रतिबंध

देवभूमि में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए फ्लड जोनिंग सर्वे शुरू किया गया है. डिमार्केशन के बाद नदी के किनारे पर निर्माण प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे.

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Published : Dec 7, 2019, 2:52 PM IST

uttarakhand
एनजीटी

ऋषिकेशः उत्तराखंड में बाढ़ से निपटने के लिए एनजीटी के आदेश पर फ्लड जोनिंग सर्वे शुरू कर दिया गया है. इस सर्वे की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी गई है. सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के किनारे पर नदी की गहराई और चौड़ाई के अनुसार डिमार्केशन किया जा रहा है. डिमार्केशन के बाद नदी के किनारे पर निर्माण प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे.

ऋषिकेश उपजिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एनजीटी द्वारा साइंटफिक तरीके से फ्लड जोनिंग सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं. निर्देश के अनुसार सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के किनारे पर सर्वे कर डिमार्केशन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए यह कार्य किया जा रहा है.

गंगा किनारे शुरू हुआ डिमार्केशन.

उपजिलाधिकारी का कहना था कि यह सर्वे 3 जोनों में बांटा गया है. जिसमें पूर्व में 25 वर्ष, 50 वर्ष और 100 वर्ष पहले नदी का बहाव क्या था और बाढ़ से कितना नुकसान हुआ था, इसी के मद्देनजर विभाग डिमार्केशन कर रहा है.

यह भी पढ़ेंः देहरादून: ISBT में लगा गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था चौपट

उपजिलाधिकारी ने बताया कि पिछले 25 वर्षों में गंगा द्वारा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए डिमार्केशन किया जा रहा है जिसमें नदी के किनारे निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा चाहे वह किसी की निजी भूमि ही क्यों ना हो. वहीं 50 वर्षों और 100 वर्षों वाली स्थिति में कुछ शर्तों के अनुसार ही निर्माण किया जा सकता है.

ऋषिकेशः उत्तराखंड में बाढ़ से निपटने के लिए एनजीटी के आदेश पर फ्लड जोनिंग सर्वे शुरू कर दिया गया है. इस सर्वे की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को दी गई है. सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के किनारे पर नदी की गहराई और चौड़ाई के अनुसार डिमार्केशन किया जा रहा है. डिमार्केशन के बाद नदी के किनारे पर निर्माण प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे.

ऋषिकेश उपजिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एनजीटी द्वारा साइंटफिक तरीके से फ्लड जोनिंग सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं. निर्देश के अनुसार सिंचाई विभाग द्वारा गंगा के किनारे पर सर्वे कर डिमार्केशन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए यह कार्य किया जा रहा है.

गंगा किनारे शुरू हुआ डिमार्केशन.

उपजिलाधिकारी का कहना था कि यह सर्वे 3 जोनों में बांटा गया है. जिसमें पूर्व में 25 वर्ष, 50 वर्ष और 100 वर्ष पहले नदी का बहाव क्या था और बाढ़ से कितना नुकसान हुआ था, इसी के मद्देनजर विभाग डिमार्केशन कर रहा है.

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उपजिलाधिकारी ने बताया कि पिछले 25 वर्षों में गंगा द्वारा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए डिमार्केशन किया जा रहा है जिसमें नदी के किनारे निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा चाहे वह किसी की निजी भूमि ही क्यों ना हो. वहीं 50 वर्षों और 100 वर्षों वाली स्थिति में कुछ शर्तों के अनुसार ही निर्माण किया जा सकता है.

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ऋषिकेश--उत्तराखण्ड में बाढ़ से निपटने के लिए एनजीटी के आदेश पर फ्लड जोनिंग सर्वे शुरू कर दिया गया है,इस सर्वे की जिम्मेदारी सिचाई विभाग को दी गई है सिचाई विभाग के द्वारा गंगा के किनारे पर नदी की गहराई और चौड़ाई के अनुसार डिमार्केशन किया जा रहा है,डिमार्केशन के बाद नदी के किनारे पर निर्माण प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश उपजिलाधिकारी प्रेम लाल ने बताया कि एनजीटी के द्वारा साइंटफिक तरीके से फ्लड जोनिंग सर्वे के निर्देश जारी किए हैं,निर्देश के अनुसार सिचाई विभाग के द्वारा गंगा के किनारे पर सर्वे कर डिमार्केशन किया जा रहा है,उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए यह कार्य किया जा रहा है, उप जिला अधिकारी का कहना था कि यह सर्वे 3 जोनों में बांटा गया है जिसमें पूर्व में 25 वर्ष 50 वर्ष और 100 वर्ष में नदी का बहाव क्या था और बाढ़ से कितना नुकसान हुआ था,इसी के मद्देनजर विभाग डिमार्केशन कर रहा है।


Conclusion:वी/ओ-- उप जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले 25 वर्षों मैं गंगा के द्वारा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए डिमार्केशन किया जा रहा है जिसमें नदी के किनारे पर निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा चाहे वह किसी की निजी भूमि ही क्यों ना हो वही 50 वर्षों की बात की जाए तो कुछ शर्तों पर निर्माण किया जा सकेगा और 100 वर्षों में भी कुछ शर्तों के अनुसार ही निर्माण किया जा सकता है।

बाईट--प्रेमलाल(उपजिलाधिकारी, ऋषिकेश)
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