देहरादून: 23 सितंबरसे 25 सितंबर तक उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है. जिसके लिए तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए सत्र की अलग से रूपरेखा तैयार करने पर विचार किया जा रहा है. इसी सिलसिले में बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधानसभा का स्थलीय निरीक्षण किया. जिसमें मुख्यरूप से सत्र में विधायकों को वर्चुअल तरीके से शामिल करने पर जोर दिया गया.
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 23 से 25 सितंबर को होने वाले मॉनसून सत्र की लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकारी ली है. व्यवस्थाओं के रूप में मुख्य रूप से सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान दिया जाएगा. वहीं, सदन में बैठने की सीमित संख्या है, लिहाजा बैठने की क्षमता को बढ़ाने के लिए दर्शक दीर्घा, मीडिया दीर्घा और अधिकारी दीर्घा में भी बैठने की व्यवस्था की गई है.
पढ़ें- रेजांग ला की ठंडी चोटियों में गोलियों की आवाज से दम तोड़ती सच्चाई
साथ ही उन्होंने बताया कि सत्र से पहले सभी विधायकों को पहले अपना कोविड-19 टेस्ट करना होगा. जिसके रिजल्ट की कॉपी विधानसभा को देनी होगी. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि जिन विधायकों की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव होगी, फिर वही इस सत्र में हिस्सा ले पाएंगे. अग्रवाल ने कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के विधायकों सहित सभी युवा विधायकों को भी वर्चुअल तरीके से सत्र में प्रतिभाग करने का आग्रह किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि 12 ऐसे सदस्य हैं जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है.
पढ़ें-हिमालय दिवस 2020: हिमालय बचेगा तो हम बचेंगे
सदन में कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को देखते हुए 47 विधायकों के बैठने की व्यवस्था है. वहीं, पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा एवं अधिकारी दीर्घा में भी विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. अग्रवाल ने बताया कि राज्यपाल दीर्घा में अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. यही नहीं, विधायकों को प्रवेश द्वार से ही सदन तक तीन बार सैनिटाइज करने की भी व्यवस्था की जा रही है. साथ ही सदन में प्रवेश करते ही विधायकों को मास्क, ग्ल्बस और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया जाएगा.
पढ़ें-श्रीनगर: 19 सितंबर से गढ़वाल विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी की परीक्षाएं
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान पूरा प्रश्नकाल चलेगा. जिसमें अभी तक 23 विधायकों द्वारा विधानसभा को 1,000 से अधिक प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं. इसके साथ ही 11 सितंबर को आहूत होने वाली सुरक्षा बैठक के बाद कई अन्य विषयों पर चर्चा वार्ता कर सत्र को संचालित करने पर अंतिम विचार किया जाएगा.